जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि कोविड-19 के खिलाफ राज्यों को एक लंबी लड़ाई लड़नी पड़ेगी. यह लड़ाई कब तक जारी रहेगी, इसका अनुमान लगाना भी मुश्किल है. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से आग्रह किया है कि ऐसी स्थिति में जब देश की अर्थव्यवस्था गहरे संकट के दौर से गुजर रही है, अधिकांश औद्योगिक एवं वाणिज्यिक इकाइयां अपनी क्षमता से बहुत कम उत्पादन कर पा रही हैं तो ऐसे में भारत सरकार मांग बढ़ाने के उपायों पर ध्यान दे.
सीएम गहलोत ने कहा है कि इसके लिए जरूरतमंद परिवारों को डायरेक्ट केश ट्रांसफर किया जाए, जिससे उनकी क्रय शक्ति बढ़े. साथ ही मंदी से जूझ रहे उद्योगों को श्रमिकों के वेतन भुगतान के लिए आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जाए. गहलोत ने बुधवार को मुख्यमंत्री निवास पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ हुई वीडियो कॉन्फ्रेंस के बाद पत्र के माध्यम से प्रेषित किए गए अपने सुझावों में यह बात रखी.
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गहलोत ने कहा कि कोरोना महामारी से मुकाबले के लिए राज्यों को चिकित्सा संसाधनों के लिए अतिरिक्त व्यय करना पड़ रहा है. केन्द्र सरकार इसके लिए अतिरिक्त सहायता उपलब्ध करवाए.
मनरेगा में सृजित हों अतिरिक्त मानव दिवस
मुख्यमंत्री ने पत्र में कहा है कि कोविड-19 महामारी के कारण लाखों लोगों के रोजगार पर विपरीत असर पड़ा है. सेंटर फॉर मॉनिटरिंग ऑफ इण्डियन इकॉनोमी (CMIE) के अनुमान के अनुसार इस महामारी के बाद देश में बेरोजगारी दर करीब 24 प्रतिशत तक पहुंच गई है. मनरेगा योजना इस मुश्किल समय में लोगों को आर्थिक संबल दे रही है.
राजस्थान में वर्तमान में 53 लाख से अधिक श्रमिक इस योजना में नियोजित हैं. इनमें से अधिकतर ग्रामीण परिवारों के 100 दिन के रोजगार की पात्रता आने वाले महीने में पूरी हो जाएगी. ऐसे में इन्हें बेरोजगारी से बचाने के लिए अतिरिक्त 100 मानव दिवस सृजित किए जाएं. इससे राज्य के 70 लाख ग्रामीण परिवारों को लाभ होगा.