जयपुर. बजट से पहले CM अशोक गहलोत विभिन्न संगठनों के साथ संवाद कर रहे हैं. दो दिन तक चलने वाले इस संवाद में सीएम गहलोत बजट को लेकर सुझाव ले रहे हैं. पहले दौर में सीएम कर परामर्शदात्री समिति के साथ चर्चा कर रहे हैं. इसके बाद शाम को महिलाओं, विद्यार्थियों और युवाओं के साथ चर्चा होगी.
CM गहलोत की अध्यक्षता में शुरू हुई कर परामर्शदात्री समिति की बैठक में पर्यटन उद्योग से जुड़े प्रतिनिधियों ने इसमें खास तौर पर राहत की मांग की है. राजस्थान एसोसिएशन ऑफ टूर ऑपरेटर्स अध्यक्ष कुलदीप सिंह चंदेला ने कहा कि कोरोना की वजह से नुकसान की भरपाई हो. साथ ही यह भी मांग की गई है कि टूर ऑपरेटर्स का मोटर व्हीकल एक्ट के तहत लगने वाला 2 साल का कर माफ हो.
यह भी पढ़ें. बजट से पहले गहलोत कैबिनेट की अहम बैठक 9 फरवरी को...
वहीं होटल एंड रेस्तरां एसोसिएशन संयुक्त सचिव रणविजय ने कहा कि रणविजय ने कहा कि राज्य का पर्यटन का बजट सबसे कम है. ऐसे में राज्य का पर्यटन का बजट कम से कम 500 करोड़ किया जाए. जिसमें पिछले साल का यूज नहीं हो सका. पर्यटन का बजट भी यूज किया जाए. हैरिटेज होटल एसोसिएशन अध्यक्ष राजेंद्र पचार ने कहा कि गांव में या शहर से बाहर जो हेरिटेज होटल है, वहां आबकारी नीति, कन्वर्जन नीति और पट्टे से जुड़ी नीति को लेकर हेरिटेज होटल्स को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
शहर से बाहर या ग्रामीण क्षेत्र में जो हवेलियां हैं. उसमें 25% डीएलसी की दर से पट्टा दिया जा रहा है, जबकि उसकी जमीन के मालिक हैरिटेज होटल व्यवसायी हैं. उनका कहना है कि ऐसे में पट्टा फीस या तो माफ हो या कम हो. आबकारी के लिए फीस कम से कम 1 या 2 साल के लिए या फीस माफ की जानी चाहिए.