जयपुर. स्वतंत्रता के 75 साल कैसे बीते और वर्तमान समय कैसा बीत रहा है इसका जिक्र मुख्यमंत्री अशोक गहलाेत ने अपने राज्य स्तरीय संबोधन में किया. जयपुर के सवाई मानसिंह स्टेडियम में आयोजित समारोह में उन्होंने देशवासियों को शुभकामनाएं दी और स्वतंत्रता आंदोलन में सर्वस्व न्योछावर करने वालों को याद किया. बाद में मीडिया से मुखातिब हुए हर विषय पर बोले लेकिन जब उनसे मंत्रिमंडल विस्तार पर पूछा गया तो मुस्कुराकर चलते बने.
स्वतंत्रता सेनानियों एवं शहीदों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हुए सीएम ने कहा- ये उन्हीं के त्याग और संघर्ष का परिणाम है कि आज हम खुली हवा में सांस ले पा रहे हैं. हम सब उनके बलिदान के प्रति नतमस्तक हैं.
अपनी पीठ थपथपाई और महाराजा कल्चर पर किया प्रहार: सीएम ने सुनहरे 75 सालों को याद किया. इसके साथ ही महाराजा कल्चर के नाम पर आम लोगों के साथ हुए भेदभाव का भी जिक्र कर डाला. कहा- आजादी का 75 साल का सफर सुनहरा रहा है. पहले घरों में बिजली नहीं थी और महाराजाओं के घरों में बिजली आया करती थी. कॉलेज तो दूर की बात, स्कूल भी नहीं हुआ करती थी, लेकिन अब काफी कुछ विकास हुआ है. राजस्थान भी पहले जैसा नहीं रहा है.
नरेगा बना वरदान, जो उन्होंने कहा वो हमने कर दिखाया: सीएम ने नरेगा को कांग्रेस की बड़ी उपलब्धि के तौर पर प्रोजेक्ट किया. कहा कोरोना काल में वो वरदान साबित हुआ. लोगों को रोजगार मिला. गहलोत ने जल जीवन मिशन की भी प्रशंसा की. इसी बहाने केंद्र के सहयोग की भी बात कही. कहा- इस मिशन में केन्द्र को 90 फ़ीसदी देना चाहिए. हमने पूरे राजस्थान के लिए अलग से योजना बनाई है. 13 जिलों के लिए यह योजना होगी. केंद्र की मोदी सरकार ने इसकी घोषणा की थी. लेकिन इसको पूरा नहीं किया गया. राजस्थान सरकार ने उसको नर्मदा योजना के तहत पूरा करने का काम शुरू कर दिया है.
कोरोना काल में राजस्थान का दिखा दम: सीएम ने कोरोना काल में जनता के समर्थन को सराहा. कहा- कोरोना काल में जनता ने एकजुटता दिखाई. हमने कहा राजस्थान सतर्क है. पहले राजस्थान में जांच की व्यवस्था नहीं थी. दूसरी लहर ने पूरे देश में हाहाकार मची, तब हम भी थोड़ी तकलीफ में आए, लेकिन राजस्थान सरकार ने बेहतर प्रबंधन किया. सो, Motality काफी कम रही.
स्कूल खोलने से पहले मॉनिटरिंग जरूरी: गहलोत ने कोरोना की तीसरी लहर और स्कूल खोलने को लेकर बढ़ रहे दबाव पर भी राय जाहिर की. कहा- तीसरी लहर की संभावना बनी हुई है.अभी कोरोनावायरस गया नहीं है. कोई निश्चित रूप से नहीं कह सकता तीसरी लाहर किस तरह से आएगी और क्या होगा? हिमाचल और पंजाब में स्कूल खोल दिए गए हैं. देखा गया है कि स्कूल खोलने के बाद कोरोना बढ़ा है. हम पूरी तरह से इसको मॉनिटरिंग कर रहे हैं. हमे नहीं भूलना चाहिए कि केरल में वैक्सीनेशन के बाद कोरोना तेजी से बढ़ा है.
किसानों के लिए प्लान तैयार! : मुख्यमंत्री ने किसानों को लेकर तमिलनाडु सरकार की कोशिशों की प्रशंसा की. कहा- तमिलनाडु सरकार ने किसानों के लिए अलग से बजट पेश किया. राजस्थान सरकार की उसकी समीक्षा करवा रही है. किसानों को ज्यादा कैसे लाभ दिया जा सकता है, ताकि किसान पैसे के लिए मोहताज नहीं रहे. किसानों की मांग रहती है कि रात की बजाए दिन में बिजली मिले. प्रदेश में 15 जिलों में दिन में बिजली देना शुरू कर दिया है. अगले साल से पूरे प्रदेश में दिन में में बिजली मिलेगी.
सोलर योजना पर विचार: सरकार सोलर योजना के बारे में विचार कर रही है. जिससे किसान जितनी बिजली चाहे ले. बाकी बची हुई बिजली को बेच सकें. किसान की आमदनी भी इससे बढ़े.
प्रशासन शहरों संग 2 अक्टूबर से: CM ने प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी योजना प्रशासन शहरों के संग के बारे में भी जानकारी दी. बोले- ये अभियान 2 अक्टूबर से शुरू हो रहा है और उम्मीद है कि ये कैंपेन पिछली बार की तरह ही सफल रहेगा.
ACB की तारीफ: हाल ही में लगातार विपक्ष के निशाने पर रहे Anti Corruption Bureau को लेकर भी सीएम ने खुलकर बोला. तारीफ की. कहा- जिस तरह से एसीबी काम कर रही, उसकी प्रशंसा हो रही है. हम zero-tolerance पर काम कर रहे हैं. हमारी सरकार गुड गवर्नेंस पर ज्यादा फोकस कर रही है. गांव के लोगों को परेशान नहीं होना पड़े.इसका ध्यान रखा जा रहा है.
थाने में FIR: गहलोत ने थाने में एफआईआर की पहल पर अपनी पीठ थपथपाई. कहा- राजस्थान सरकार ने इसको लेकर एक बड़ा फैसला लिया. थाने में पहुंचने पर एफ आई आर दर्ज होने का निर्णय लिया. यह प्रयोग हमारा बहुत सफल रहा. एफ आई आर की संख्या भी बढ़ी है, लेकिन लोगों को इसे न्याय भी मिला है.
जनप्रतिनिधि सोचें: CM ने जनप्रतिनिधियों को संविधान सम्मत व्यवहार करने की सलाह दी. कहा- जो शपथ ली इस पर जनप्रतिनिधि सोचना चाहिए. क्या जनप्रतिनिधि का आचरण, उनका व्यवहार शपथ के तहत कर रहे हैं? अभी देश में जो माहौल है वह चिंताजनक है. लोकतंत्र की खूबसूरती है कि असहमति को भी सम्मान मिलना चाहिए. सीबीआई, ईडी, इनकम टैक्स से आवाज दबाई जा रही है. विचारधारा की लड़ाई हो सकती है. लेकिन व्यक्तिगत दुश्मनी नहीं होती है.सभी पार्टियों के प्रोग्राम में पॉलिसी अलग-अलग होती है. आजादी के 75 साल पर हम संकल्प लें. राजस्थान का जिस तरह का सपना देखा गया उसको साकार किया जा सके.