जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक बार फिर अधिकारियों को निर्देश दिए कि सरकार की जन भावना के अनुरूप काम करें. आमजन की समस्याओं का निचले स्तर पर ही निस्तारण सुनिश्चित करें, ताकि सामान्य समस्याओं के लिए लोगों को उच्च स्तर तक नहीं आना पड़े. उन्होंने निर्देश दिए कि जन समस्याओं के प्रभावी निस्तारण के लिए जिला स्तर से लेकर ग्राम पंचायत स्तर तक जनसुनवाई की व्यवस्था को सुदृढ़ बनाया जाए.
सीएम गहलोत ने शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से जन अभाव अभियोग निराकरण (Public deprivation case resolution review ) की समीक्षा की. इस दौरान मुख्यमंत्री ने सम्पर्क पोर्टल, हैल्पलाइन 181, मुख्यमंत्री आवास पर जनसुनवाई और अन्य माध्यमों से आए प्रकरणों के निराकरण की समीक्षा की. उन्होंने कहा कि गुड गवर्नेन्स का पैमाना यही है कि लोगों के जरूरी काम समय पर हों और समस्याओं का शीघ्र और गुणवत्तापूर्ण निस्तारण हो. जिससे आमजन का जीवन सुगम हो सके.
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लापरवाह कर्मचारियों पर हो कार्रवाईः मुख्यमंत्री ने कहा कि समस्याओं के निस्तारण की गहन मॉनिटरिंग सुनिश्चित की जाए. जिन अधिकारियों और कार्मिकों के स्तर पर समस्याओं के निराकरण में लापरवाही की जा रही है, उनके विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए. उन्होंने कहा कि आमजन के वाजिब कामों और समस्याओं के निस्तारण में किसी तरह की कोताही नहीं होनी चाहिए. मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि कानून-व्यवस्था और अपराधों से संबंधित शिकायतों का प्रभावी निस्तारण हो, ताकि फरियादी को न्याय मिलना सुनिश्चित हो सके.
रिकॉर्ड होगा ऑन लाइनः बैठक में सामने आया कि परिवेदनाओं पर लिए जाने वाले निर्णयों और कार्यवाही के रिकॉर्ड को ऑनलाइन किए जाने की आवश्यकता है. इसके लिए प्रशासनिक सुधार और जनअभाव अभियोग के त्वरित निस्तारण के साथ नियमित मॉनिटरिंग के लिए जिला स्तर पर रिक्त पदों को भरने का सुझाव दिया.
एक लाख 75 हजार परिवादों का हुआ निस्तारणः बैठक में अधिकारियों ने बताया कि विभिन्न माध्यमों से प्राप्त समस्याओं और शिकायतों के निस्तारण के साथ पेंडेंसी खत्म किया जा रहा है. पुराने और दीर्घावधि से लंबित प्रकरणों के निस्तारण के लिए एक फरवरी, 2022 से 28 फरवरी, 2022 तक प्रगति पखवाड़ा आयोजित कर सम्पर्क पोर्टल पर दर्ज 1 लाख 75 हजार से अधिक परिवादों का निस्तारण किया गया. पोर्टल पर 15 अगस्त, 2017 से फरवरी, 2022 तक 77 लाख 69 हजार से अधिक प्रकरण दर्ज हुए. जिनमें से 76 लाख 86 हजार से अधिक प्रकरणों को निस्तारण हो चुका है.