जयपुर. राजस्थान में ही नहीं बल्कि देशभर में डीएपी खाद की उपलब्धता नहीं हो पा रही है. ऐसे में एक बार फिर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश के किसानों से अपील की है कि वह आवश्यकता के अनुसार ही खाद को खरीदें अनावश्यक खाद खरीद के भंडारण नहीं करें.
सीएम गहलोत ने ट्वीट कर कहा कि राजस्थान को मांग के अनुरूप पर्याप्त डीएपी उपलब्ध नहीं हो पा रहा है. ऐसे में कृषकों से अनुरोध है कि वर्तमान में आवश्यकता के अनुरूप ही उर्वरकों का क्रय करें. अनावश्यक भंडारण न करें. उर्वरकों की आपूर्ति में सुधार के लिए राज्य सरकार प्रयासरत है.
गहलोत ने कहा कि पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर राज्य में उत्पन्न डीएपी संकट और किसानों की कठिनाई की ओर ध्यान दिलाया था. इसके साथ केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री से वार्ता कर डीएपी की कमी के बारे में अवगत कराया था. इतना ही नहीं प्रदेश के कृषि मंत्री, प्रमुख शासन सचिव और अधिकारी डीएपी आपूर्ति सुधार के लिए निरंतर केंद्र सरकार से संपर्क कर रहे हैं ताकि आवश्यकता के अनुसार डीएपी उपलब्ध हो सके.
क्या है विश्व और देश की स्थिति
डीएपी के अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमतों में तेजी से बढ़ रही है.
चीन में उर्वरक आयात कम होने से डीएपी की आपूर्ति में कमी.
देश डीएपी की आपूर्ति के लिए काफी हद तक आयात पर निर्भर है.
देश के विभिन्न राज्य जैसे उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान डीएपी की कमी से जूझ रहे हैं.
राजस्थान की स्थिति
प्रदेश को डीएपी केंद्र सरकार के माध्यम से ही प्राप्त होता है. राज्य सरकार चाह कर भी सीधे खरीद नहीं कर सकती. अप्रैल से अक्टूबर 2021 के दौरान केंद्र सरकार की ओर से 6 लाख मीट्रिक टन मांग के बावजूद अब तक 3.86 लाख मीट्रिक टन डीएपी की आपूर्ति की गई है. जबकि 2.17 मीट्रिक टन की कम आपूर्ति हुई है. इसकी वजह से प्रदेश को डीएपी की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है.