जयपुर. राजधानी की विरासत में शामिल तालकटोरा झील इन दिनों गंदगी, सीवरेज के पानी और जलकुंभियों से अटी पड़ी है. इसके साथ ही रखरखाव के अभाव में तालकटोरा झील स्थानीय लोगों के लिए परेशानी का सबब बनी हुई है. इस ऐतिहासिक धरोहर की बदहाली की खबर ईटीवी भारत पर प्रसारित होने के बाद बुधवार को स्थानीय विधायक डॉ. महेश जोशी, हेरिटेज उपमहापौर असलम फारुकी सहित कांग्रेसी कार्यकर्ता यहां श्रमदान करने पहुंचे.
डॉ. महेश जोशी ने बताया कि तालकटोरा को ऐसा स्वरूप देना चाहते हैं कि इसमें बोट चले. ये एक पर्यटन और दर्शनीय स्थल हो और उसका मूल स्वरूप भी बना रहे. साथ ही कहा कि इसका पानी सरोवर की भांति साफ किया जाएगा. इससे यहां पर्यटन बढ़ेगा और पर्यटन बढ़ने से रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे. हालांकि यहां आधुनिक संसाधनों के बजाय ट्यूब और बांस की नाव बनाकर उसे तालकटोरा में उतार कर जलकुंभी हटाने का कार्य शुरू किया गया.
इस पर डॉ. महेश जोशी ने कहा कि ये तो एक प्रतीकात्मक श्रमदान है. यहां आधुनिक तरीके से जलकुंभी भी हटाई जाएगी और पानी को साफ करने की भी उच्च स्तरीय व्यवस्था की जाएगी.
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ताकि पानी हमेशा साफ बना रहे और जिन लोगों के घर के नाले तालकटोरा में खुल रहे हैं. उन्हें डाइवर्ट करने की भी व्यवस्था की जाएगी. उन्होंने दावा किया है कि अब तालकटोरा को ऐसा बनाया जाएगा कि लोग इस पर गर्व कर सकेंगे. बता दें कि तालकटोरा के जीर्णोद्धार का कार्य आरटीडीसी की ओर से किया जाना है. इस संबंध में हाल ही में टेंडर पास किए गए हैं और जल्द ही इसका कार्य आदेश जारी करने की बात की जा रही है.