जयपुर. राजधानी के जवाहर नगर स्थित माहेश्वरी स्कूल में 'नागरिकता संशोधन अधिनियम' को लेकर तथ्य और हमारा कर्तव्य विषय पर प्रबुद्ध नागरिक सम्मेलन का आयोजन किया गया. इसमें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य इंद्रेश कुमार मुख्य वक्ता रहे.
इस मौके पर उन्होंने प्रबद्धजनों को अखंड भारत का संकल्प दिलाया. साथ ही ' हे ईश्वर मृत्यु हो तो अखंड भारत में हो' प्रार्थना भी करवाई. कार्यक्रम में राष्ट्रीय अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्था आयोग के अध्यक्ष जस्टिस एनके जैन ने भी नागरिकता संशोधन बिल के बारे में जानकारी दी.
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उन्होंने सम्मेलन में मौजूद प्रबुद्धजनों से 10-10 लोगों को नागरिकता संशोधन अधिनियम के सच्चाई से अवगत कराने का संकल्प भी दिलाया. साथ ही जयपुर में निकाले गए शांति मार्च पर टिप्पणी करते हुए इंद्रेश कुमार ने कहा कि विपक्षी पार्टियों को लग रहा है कि आने वाले 15-20 साल में उनके लिए देश में सत्ता का कोई स्थान नहीं रहेगा. इसलिए वो लोग मुस्लिमों को भड़का रहे हैं. सम्मेलन में मौजूद लोगों को इंद्रेश कुमार ने छुआछूत मुक्त भारत की शपथ दिलाई.
उन्होंने कहा कि किसी को अछूत मानना, कहना, इस पाप से अधर्म से बचेंगे. मजहब के नाम पर झगड़े नहीं होंगे. उन्होंने कहा कि देश की सीमाएं अनुच्छेद 370 और 35ए के बाद बदली हैं. पाकिस्तान टूटने और बिखरने की ओर है और हमारा भारत सोने की चिड़िया था, जो कि फिर से बनेगा. इस मौके पर उन्होंने लोगों से अखंड भारत में मृत्यु होने की प्रार्थना भी करवाई. उन्होंने लोगों से आह्वान करवाया कि ऐसी प्रार्थना कीजिए की प्राचीन भारत जो नफरतों में बैठा हुआ है. वो फिर से अखंड भारत बने और प्यारा भारत बने.
उन्होंने कहा कि नागरिकता संशोधन अधिनियम से भारत के 130 करोड़ लोगों की नागरिकता में पर कोई संकट नहीं है. वो भारतीय हैं और रहेंगे. इस कानून का मतलब पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार और अमानवीय व्यवहार से पीड़ितों को नागरिकता देना है. इन मुस्लिम देशों में मुस्लिम बहुसंख्यक हैं और वहां पर उन पर कोई अत्याचार नहीं हो रहे हैं. इंद्रेश कुमार ने कहा कि आज अच्छा मित्र मिल जाए, हर घर में अच्छे भाई-बहन मिल जाए, तो दुनिया के 70 फीसदी समस्या दूर हो जाए. भारत में एक संविधान है, एक नागरिकता है, एक कानून है और एक विधान है.
सरकार को सैल्यूट करने की अपील...
इस दौरान इंद्रेश कुमार ने कहा कि दुनिया के 56 मुस्लिम, 103 ईसाई और 25 बौद्ध देश आगे नहीं आए. केवल भारत ने कहा कि अगर वहां बाहरी मुसलमान भी प्रताड़ित है तो वो भी अगर अप्लाई करेगा तो विदेशियों को नागरिकता देने वाला कानून के तहत उसे भी नागरिकता दी जाएगी. अब तक 627 को नागरिकता दी जा चुकी है और एक नागरिकता हाल ही में भी दी गई है. उन्होंने कहा 'सेम टू द वर्ल्ड होना चाहिए, not to the bharat'. भारत सरकार जो अल्पसंख्यक विरोधी मानी जाती थी, उसने इतनी अधिक अल्पसंख्यकों की चिंता की है विश्व में किसी ने भी नहीं की है. इसके लिए भारत, सदन और सरकार को सैल्यूट किया जाना चाहिए.