जयपुर. भारत सरकार की ओर से चाइना पर की गई डिजिटल स्ट्राइक के बाद चाइनीज हैकर्स भारत सरकार की विभिन्न वेबसाइट और इसके साथ ही विभिन्न एप्स को निशाना बनाने में लगे हुए हैं. चाइनीज हैकर्स की ये करतूत सरकार के लिए भी एक बड़ा सिर दर्द बनकर सामने आई है. देखिये यह खास रिपोर्ट
चाईनीज हैकर्स ने माइक्रोसॉफ्ट के 40000 अकाउंट किए हैक
साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट आयुष भारद्वाज ने बताया कि भारत सरकार के प्रतिबंधों से बौखलाए चाईनीस हैकर्स ने हाल ही में माइक्रोसॉफ्ट के 40000 भारतीय अकाउंट को हैक कर लिया. अकाउंट हैक करने के बाद हैकर्स ने न केवल कंपनी से संबंधित डाटा चुराया बल्कि लोगों की निजी जानकारियां भी चुरा ली. माइक्रोसॉफ्ट के अकाउंट काफी सिक्योर माने जाते हैं. लेकिन चाईनीज हैकर्स ने उनकी भी सिक्योरिटी को क्रैक करते हुए अकाउंट हैक किए और बेहद महत्वपूर्ण और गोपनीय डाटा चुरा लिया.
मॉलवेयर के जरिए चुराई जा रही भारतीयों की निजी जानकारी
साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट आयुष भारद्वाज ने बताया कि हैकर्स विभिन्न एप्स के माध्यम से भारतीयों के मोबाइल, लैपटॉप और अन्य सिस्टम को हैक करके उसमें मॉलवेयर डाल रहे हैं. इसके माध्यम से वह भारतीयों की निजी जानकारी प्राप्त कर रहे हैं. व्यक्ति कहां जा रहा है, किससे बात कर रहा है, किससे चैटिंग कर रहा है, ऑनलाइन बैंकिंग सहित तमाम जानकारियां हैकर्स जुटाने में लगे हुए हैं.
लिंक भेज कर बना रहे शिकार
साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट आयुष भारद्वाज ने बताया कि चाइनीज हैकर्स विभिन्न मल्टीनेशनल कंपनी की फर्जी वेबसाइट बनाकर और लोगों को गिफ्ट वाउचर का झांसा देकर लिंक भेज रहे हैं. जैसे ही व्यक्ति लालच में आकर उस लिंक पर क्लिक करता है और अपनी जानकारी साझा करता है. वैसे ही हैकर्स उस व्यक्ति की डिवाइस को हैक कर लेते हैं और उसका पूरा कंट्रोल अपने हाथ में ले लेते हैं.
इस प्रकार से हैकर्स उस व्यक्ति की डिवाइस में मौजूद तमाम निजी गोपनीय जानकारी चुरा लेते हैं और इसके साथ ही ऑनलाइन बैंकिंग सहित तमाम एप्लीकेशन का प्रयोग करते हुए उस व्यक्ति को आर्थिक नुकसान पहुंचाते हैं.
सरकारी वेबसाइट को बना रहे निशाना
साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट आयुष भारद्वाज ने बताया कि चाईनीज हैकर्स भारत सरकार की विभिन्न वेबसाइट को अपना निशाना बनाने में लगे हुए हैं. खासकर ऐसी सरकारी वेबसाइट जो वर्ष 2005-2006 के आस-पास बनी हुई हैं. उन्हें हैकर्स बड़ी आसानी से निशाना बना रहे हैं. ऐसी वेबसाइट तकनीकी तौर पर आउटडेटेड हो चुकी हैं. यही कारण है जिसके चलते चाईनीज हैकर्स इन्हें बड़ी आसानी से अपना निशाना बना रहे हैं. भारत में ऐसी सरकारी वेबसाइट की तादाद काफी अधिक है जो 10 साल से अपडेट नहीं हुई हैं. जिसकी तकनीक काफी पुरानी है. जिसके चलते ऐसी वेबसाइट की सिक्योरिटी को भेदकर हैकर्स उन्हें बड़ी आसानी से हैक कर लेते हैं और फिर सरकारी डाटा चुराने का काम करते हैं.
बचाव में करें ये उपाय
वेबसाइट को अपडेट करने के साथ एसएसएल का करें प्रयोग
साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट आयुष भारद्वाज ने बताया कि चाईनीज हैकर्स के निशाने से बचने के लिए ऐसी तमाम सरकारी वेबसाइट जो आउट डेटेड हैं उन्हें अपडेट करने का काम करना चाहिए. इसके साथ ही वेबसाइट में एसएसएल (सॉकेट सिक्योरिटी लेयर) को एक्टिव करने की भी आवश्यकता है. इसके साथ ही तमाम सरकारी वेबसाइट में डोमेन लॉकिंग को एक्टिव करने की भी आवश्यकता है. इन तमाम उपायों को अपनाकर सरकारी वेबसाइट को हैकर्स का निशाना बनने से बचाया जा सकता है.
थर्ड पार्टी एप्लीकेशन को न करें डाउनलोड, एंटीवायरस का करें प्रयोग
साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट आयुष भारद्वाज ने बताया कि आमजन चाईनीज हैकर्स का निशाना बनने से बचने के लिए अपने मोबाइल, कंप्यूटर और लैपटॉप में किसी भी थर्ड पार्टी एप्लीकेशन को डाउनलोड न करें. इसके साथ ही अपने तमाम सिस्टम पर एंटीवायरस को हमेशा एक्टिवेट रखें और एंटीवायरस के पायरेटेड वर्जन का कभी भी प्रयोग न करें.
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एंड्राइड यूजर केवल प्ले स्टोर से ही एप्लीकेशन डाउनलोड करें. किसी भी वेबसाइट पर दिए गए लिंक के जरिए अपने सिस्टम में कोई भी एप्लीकेशन डाउनलोड न करें. इन तमाम उपायों को अपनाकर आमजन खुद को चाईनीज हैकर्स का निशाना बनाने से बचा सकते हैं.
लालच में आकर न करें किसी भी लिंक पर क्लिक
साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट आयुष भारद्वाज ने बताया कि चाईनीज हैकर विभिन्न तरह के प्रलोभन देकर आमजन को लिंक भेज कर अपना निशाना बनाने में लगे हुए हैं. ऐसे किसी भी लिंक पर क्लिक न करें और यह अवश्य जांचें कि लिंक में आखरी में .cn या .pk लिखा हुआ तो नहीं है. यदि लिंक के आखिरी में.cn या .pk लिखा हुआ है तो यह लिंक चाईनीज हैकर ने भेजा है. ऐसे किसी भी लिंक पर क्लिक करने से बचें. किसी भी वेबसाइट पर अपनी निजी जानकारी साझा न करें. ये तमाम उपाय अपनाकर चाईनीज हैकर्स का निशाना बनने से खुद को बचाया जा सकता है.