जयपुर. दुर्लभ बीमारी से पीड़ित एक बच्चे को जयपुर के जेके लोन अस्पताल में भर्ती करवाया गया है. बताया जा रहा है कि बच्चे की जान बचाने के लिए 16 करोड़ रुपए की कीमत के इंजेक्शन की जरूरत (Zolgensma injection for Spinal Muscular Atrophy Type 1) है. दरअसल नागौर के निवासी दीपिका कंवर और शैतान सिंह के बेटे तनिष्क को स्पाइनल मस्कुलर अट्रॉफी टाइप-1 नाम की एक दुर्लभ बीमारी है, जिसके बाद बच्चे की तबीयत खराब होने के बाद उसे जेके लोन अस्पताल में भर्ती करवाया गया है.
दरअसल स्पाइन मस्कुलर एट्रोफी टाइप 1 से, बच्चे के शरीर में पानी की कमी होने लग जाती है. बच्चा स्तनपान नहीं कर पाता और मस्कुलर डिस्ट्रॉफी में धीरे-धीरे इंसान के शरीर के अंग काम करना बंद कर देते हैं. एक समय ऐसा आता है जब बच्चा मौत के आगोश में आ जाता है. परबतसर जैसे छोटे से कस्बे में वकील के तौर पर काम करने वाले शैतान सिंह ने बताया कि जब उनका बच्चा चार-पांच महीने का था, तभी से यह समस्या शुरू हई थी. पहले बीमारी का हमें पता नहीं चला, बाद में जेके लोन हॉस्पिटल जयपुर में बच्चे का इलाज करवाने पहुंचे, तब इस बीमारी के बारे में पता चला. शैतान सिंह ने कहा कि अभी तक तनिष्क को व्यायाम के सहारे से हम नियंत्रण करके रखे हुए हैं, ताकि उसके शरीर की सभी मांसपेशियां सक्रिय रहे, इसका इलाज दुनिया का सबसे महंगा इंजेक्शन जोल्गेन्स्मा (Zolgensma) है. इसकी कीमत करीब 16 करोड़ बताई जा रही है.
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बेनीवाल ने उठाया था मामला: राजस्थान के नागौर सांसद बेनीवाल ने लोकसभा में दुर्लभ बीमारी स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी का मुद्दा उठाया था और सरकार से बच्चों के मुफ्त इलाज की मांग रखी थी. बेनीवाल ने अपने संसदीय क्षेत्र के इसी बीमारी से पीड़ित बच्चें का जिक्र करते हुए कहा कि उसके इलाज के लिए इंजेक्शन की जरूरत है जिसकी कीमत 16 करोड़ रुपये है और कहा कि इंजेक्शन उपलब्ध कराने वाली कंपनियों की मोनोपॉली के चलते इसकी कीमत बहुत अधिक है. इस वजह से चाहते हुए भी ऐसे जरूरतमंदों की सहायता नहीं कर पा रहे हैं. बेनीवाल ने कहा कि ऐसे बच्चों का मुफ्त में इलाज कराया जाए. इससे पहले स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी से जूझ रहे हैदराबाद के तीन साल के अयांश गुप्ता के लिए क्राउड फंडिंग से पैसा जुटाया गया था.