जयपुर. राजधानी जयपुर के शास्त्रीनगर इलाके में एक बाल श्रमिक के साथ हैवानियत के मामले (12 year old boy sexually abused by Master In Jaipur) में राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने संज्ञान लिया है. आयोग ने दोषियों के खिलाफ पॉक्सो में मामला दर्ज करने के निर्देश दिए हैं. इसके साथ ही आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल बुधवार को पीड़ित बालक से मिलने पहुंची. संगीता बेनीवाल ने बताया कि घटना की जानकारी सामने आने के साथ ही पीड़ित बच्चे से बातचीत कर पूरे मामले की जानकारी ली है. बच्चे ने बताया कि बिहार से 6 महीने पहले जयपुर लाया गया था और उससे चूड़ी के कारखाने में काम करवाया जा रहा था. इसके साथ ही 12 साल के बच्चे के साथ कारखाना मालिक कुकर्म करता और शारीरिक प्रताड़ना भी देता था. इसकी सूचना चाइल्ड लाइन को मिली जिस पर बच्चे को वहां से निकाला गया. अब बच्चे को बाल गृह में रखा गया है.
पॉक्सो में मामला दर्ज करने के निर्देश: आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने बच्चे के स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए हैं. आयोग अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने बच्चे को हर सम्भव मदद के लिए आश्वस्त किया है. बेनीवाल ने कहा कि मामले में जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. किसी भी दोषी को नहीं बख्शा जाएगा. राजस्थान बाल अधिकार संरक्षण आयोग संगीता बेनीवाल ने पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं.
क्या है पूरा मामला: राजधानी जयपुर के शास्त्री नगर इलाके में एक 12 साल के बच्चे से हैवानियत करने का मामला सामने आया था. शास्त्री नगर इलाक़े में चूड़ी का कारखाना चलाने वाले 1 दंपती 7 महीने पहले बिहार से एक बच्चे को जयपुर लेकर आए और उसके बाद फिर यहां पर बच्चे से चूड़ी के कारखाने में बाल श्रम करवाने लगे. इतना ही नहीं, बच्चे को यहां लाने वाले पति और पत्नी बच्चे के साथ मारपीट भी करते थे. वहीं आरोपी पति शराब के नशे में बच्चे से कुकर्म किया करता था. इस बारे में चाइल्ड हेल्पलाइन को पता लगा तो शास्त्रीनगर पुलिस की मदद से बच्चे को कारखाने से मुक्त करवाया गया.
7 महीने पहले बिहार से जयपुर लाए आरोपी दंपती: चाइल्ड हेल्प लाइन की सदस्य सुमन सिंह ने बताया कि तकरीबन 7 महीने पहले 12 साल के मासूम को मोहम्मद रियाज और उसकी पत्नी रूही परवीन बिहार के दरभंगा जिले से चूड़ी बनाने का काम करवाने के लिए अपने साथ जयपुर लेकर आए (Bihar boy into child labor in Jaipur) थे. जयपुर लाने के बाद आरोपी दंपती ने मासूम को अपने मकान के एक कमरे में बंद कर दिया और उससे चूड़ी बनवाने का काम करवाने लगे. मासूम के घर से बाहर निकलने पर पूरी तरह से पाबंदी थी और लगातार उस पर निगरानी रखी जा रही थी. आरोप है कि काम में कमी रहने पर सही उसके साथ जमकर मारपीट करने लगे.
ऐसा कोई भी अंग नहीं जिस पर चोट के निशान नहीं: चाइल्ड हेल्पलाइन की सदस्य सुमन सिंह ने बताया कि मासूम के साथ इस कदर दरिंदगी की जाती जिसकी कल्पना भी नहीं कर सकते हैं. मासूम के शरीर का ऐसा कोई भी अंग नहीं है जिस पर चोट के निशान ना हो. साथ ही मासूम घर से ना भाग पाए इसके लिए आरोपी ने चाकू को गरम कर मासूम के दोनों पैरों के तलवों पर गहरे गांव कर दिए. आरोपी दंपति ने मासूम की स्थिति इतनी दयनीय कर रखी थी कि मासूम अपने पैरों पर खड़ा तक नहीं हो सकता था और न ही उसके मुंह से कुछ आवाज निकल पाती.