जयपुर. प्रदेश में इन दिनों नगरीय एवं स्वायत्त शासन विभाग मंत्री शांति धारीवाल के बयान पर ब्राह्मण समाज विरोध प्रदर्शन कर रहा है. धारीवाल ने कहा था कि क्या बुद्धि का ठेका ब्राह्मणों ने ले रखा है? जबकि कोटा के कोचिंग इंस्टीट्यूट से सफल होकर निकलने वाले बच्चों की संख्या वैश्य समाज की ज्यादा है. इस बयान के विरोध में ब्राह्मण संगठनों में रोष है जो धारीवाल के बयान के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं.
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धारीवाल के बयान को लेकर राजस्थान विधानसभा के मुख्य सचेतक महेश जोशी ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इस बयान पर ब्राह्मण संगठन विरोध प्रदर्शन करने और आलोचना कर ब्राह्मण बच्चों को गलत दिशा दे रहे हैं. इसकी जगह इस बयान को एक चुनौती के रूप में लें और यह प्रयास करें कि कैसे ज्यादा से ज्यादा ब्राह्मण बच्चों को वह प्रतियोगिता परीक्षा में सफलता दिलवा सकते हैं.
चाहे इसके लिए ब्राह्मण संगठन कोई कोचिंग इंस्टीट्यूट खोलें या फिर किसी अन्य तरीके से बच्चों को प्रतियोगी परीक्षा में सफलता दिलवाने का प्रयास करें. महेश जोशी ने कहा कि अगर किसी भी व्यक्ति ने यह कहा है कि हमारे से ज्यादा उसके समाज के लोग सरकारी नौकरियों में आते हैं तो उसे बुराई के रूप में न लेकर चुनौती के रूप में लेना चाहिए और यह चुनौती स्वीकार करते हुए ब्राह्मण संगठनों को ब्राह्मण बच्चों की प्रतिभा को निखारने में समय लगाना चाहिए.
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महेश जोशी ने कहा कि विरोध प्रदर्शन करके ब्राह्मण बच्चों को गलत दिशा नहीं दी जानी चाहिए क्योंकि ब्राह्मण बाहुबली समाज नहीं है, ब्राह्मण बुद्धिमान समाज है और बुद्धिमान कभी भी बाहुबल का प्रदर्शन नहीं करते, ऐसे में ब्राह्मण संगठनों को विरोध की जगह चुनौती के रूप में धारीवाल की इस बात को लेना चाहिए कि कैसे ज्यादा से ज्यादा ब्राह्मण प्रतिभाओं को निखारा जाए और आईएएस, आरएएस, आरपीएस, आईपीएस बनने के सपनों को पूरा करना चाहिए.