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राज्य की सभी तहसीलों के राजस्व रिकॉर्ड Online करने की प्रक्रिया शीघ्र पूरी करें : मुख्य सचिव

मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने शुक्रवार को सचिवालय में आयोजित राजस्व विभाग की समीक्षा बैठक की. इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को यह निर्देशित किया कि वे राज्य की सभी तहसीलों के राजस्व रिकॉर्ड Online करने की प्रक्रिया को शीघ्र पूरी करें. उन्होंने कहा कि रिकॉर्ड का डिजिटाइजेशन इस तरह किया जाए कि व्यक्ति के नाम से ही उसकी राजस्व सम्पत्तियों का रिकॉर्ड सामने आ जाए.

record online process in jaipur
राजस्व रिकॉर्ड ऑनलाइन करने की प्रक्रिया
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Published : Jan 15, 2021, 9:32 PM IST

जयपुर. मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने राजस्व विभाग के अधिकारियों को राज्य की समस्त तहसीलों के राजस्व रिकॉर्ड ऑनलाइन करने की प्रक्रिया अगस्त माह तक पूरी करने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा है कि जिन तहसीलों में राजस्व वादों के प्रकरण ज्यादा हैं, वहां सेटलमेंट के प्रयास किये जाएं, ताकि डिजीटाइजेशन का काम शीघ्रता से पूरा हो सके.

मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने शुक्रवार को सचिवालय में आयोजित राजस्व विभाग की समीक्षा बैठक में अधिकारियों को यह निर्देश दिये. उन्होंने कहा कि डिजिटल इंडिया लैंड रिकॉर्ड मॉडर्नाइजेशन प्रोग्राम (DILRMP) के तहत राज्य की कुल 339 तहसीलों में से शेष बची 76 तहसीलों को भी ऑनलाइन करने के काम शीघ्र पूरा करें. उन्होंने कहा कि रिकॉर्ड का डिजिटाइजेशन इस तरह किया जाए कि व्यक्ति के नाम से ही उसकी राजस्व सम्पत्तियों का रिकॉर्ड सामने आ जाए. मुख्य सचिव ने तहसीलों में गिरदावरी की ऑनलाइन प्रक्रिया, स्वामित्व योजना के क्रियान्वयन तथा पटवारी-गिरदावरों की ट्रेनिंग के बारे में भी जानकारी ली.

पढ़ें : जयपुर चिड़ियाघर में बर्ड फ्लू की दस्तक...H5N8 एवियन इनफ्लुएंजा वायरस की हुई पुष्टि

उन्होंने अधिकारियों से कहा कि तहसीलदारों के लिए ट्रेनिंग कोर्सेज का नियमित रूप से आयोजन किया जाना सुनिश्चित करें. उन्होंने राजस्व मण्डल रजिस्ट्रार से कहा कि वे स्वयं जाकर समय समय पर पटवार प्रशिक्षण शालाओं का निरीक्षण करें. आर्य ने कहा कि मॉर्डन रिकॉर्ड रूम की स्थापना के लिए किये जा रहे सिविल वर्क, नॉन आईटी और आईटी इन्फ्रास्ट्रक्चर वर्क तथा लैण्ड रिकॉर्ड्स की इंडेक्सिंग व स्कैनिंग के काम की प्रगति के बारे में जानकारी ली और इन कार्यों को चरणबद्ध रूप से शीघ्र पूरा करने के लिए कहा.

उन्होंने बजट घोषणाओं तथा जनघोषणा पत्र की क्रियान्विति की भी समीक्षा की. उन्होंने अधिकारियों को राजस्व वादों के निस्तारण की व्यवस्था को सुदृढ़ करने और इसकी पर्याप्त मॉनिटरिंग सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए.
बैठक में राजस्व विभाग के प्रमुख शासन सचिव आनन्द कुमार ने बताया कि चौमूं व दूदू तहसीलों में पायलट प्रोजेक्ट के तहत स्वचालित नामान्तरण का कार्य का प्रारम्भ किया गया था. अब जयपुर जिले की सभी तहसीलों में स्वतः नामान्तरकरण की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. मुख्य सचिव ने बताया कि अब तक कुल 2 हजार 707 स्वतः नामान्तरण दर्ज किये गए हैं. उन्होंने बताया कि DILRMP के तहत राज्य की 263 तहसीलों को ऑनलाइन करने का कार्य पूरा किया जा चुका है. इस अवसर पर राजस्व मण्डल के अध्यक्ष डॉ. आर वेंकटेश्वरन तथा राजस्व मण्डल की रजिस्ट्रार नम्रता वृषनी तथा विभाग के अन्य अधिकारी उपस्थित थे.

जयपुर. मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने राजस्व विभाग के अधिकारियों को राज्य की समस्त तहसीलों के राजस्व रिकॉर्ड ऑनलाइन करने की प्रक्रिया अगस्त माह तक पूरी करने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा है कि जिन तहसीलों में राजस्व वादों के प्रकरण ज्यादा हैं, वहां सेटलमेंट के प्रयास किये जाएं, ताकि डिजीटाइजेशन का काम शीघ्रता से पूरा हो सके.

मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने शुक्रवार को सचिवालय में आयोजित राजस्व विभाग की समीक्षा बैठक में अधिकारियों को यह निर्देश दिये. उन्होंने कहा कि डिजिटल इंडिया लैंड रिकॉर्ड मॉडर्नाइजेशन प्रोग्राम (DILRMP) के तहत राज्य की कुल 339 तहसीलों में से शेष बची 76 तहसीलों को भी ऑनलाइन करने के काम शीघ्र पूरा करें. उन्होंने कहा कि रिकॉर्ड का डिजिटाइजेशन इस तरह किया जाए कि व्यक्ति के नाम से ही उसकी राजस्व सम्पत्तियों का रिकॉर्ड सामने आ जाए. मुख्य सचिव ने तहसीलों में गिरदावरी की ऑनलाइन प्रक्रिया, स्वामित्व योजना के क्रियान्वयन तथा पटवारी-गिरदावरों की ट्रेनिंग के बारे में भी जानकारी ली.

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उन्होंने अधिकारियों से कहा कि तहसीलदारों के लिए ट्रेनिंग कोर्सेज का नियमित रूप से आयोजन किया जाना सुनिश्चित करें. उन्होंने राजस्व मण्डल रजिस्ट्रार से कहा कि वे स्वयं जाकर समय समय पर पटवार प्रशिक्षण शालाओं का निरीक्षण करें. आर्य ने कहा कि मॉर्डन रिकॉर्ड रूम की स्थापना के लिए किये जा रहे सिविल वर्क, नॉन आईटी और आईटी इन्फ्रास्ट्रक्चर वर्क तथा लैण्ड रिकॉर्ड्स की इंडेक्सिंग व स्कैनिंग के काम की प्रगति के बारे में जानकारी ली और इन कार्यों को चरणबद्ध रूप से शीघ्र पूरा करने के लिए कहा.

उन्होंने बजट घोषणाओं तथा जनघोषणा पत्र की क्रियान्विति की भी समीक्षा की. उन्होंने अधिकारियों को राजस्व वादों के निस्तारण की व्यवस्था को सुदृढ़ करने और इसकी पर्याप्त मॉनिटरिंग सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए.
बैठक में राजस्व विभाग के प्रमुख शासन सचिव आनन्द कुमार ने बताया कि चौमूं व दूदू तहसीलों में पायलट प्रोजेक्ट के तहत स्वचालित नामान्तरण का कार्य का प्रारम्भ किया गया था. अब जयपुर जिले की सभी तहसीलों में स्वतः नामान्तरकरण की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. मुख्य सचिव ने बताया कि अब तक कुल 2 हजार 707 स्वतः नामान्तरण दर्ज किये गए हैं. उन्होंने बताया कि DILRMP के तहत राज्य की 263 तहसीलों को ऑनलाइन करने का कार्य पूरा किया जा चुका है. इस अवसर पर राजस्व मण्डल के अध्यक्ष डॉ. आर वेंकटेश्वरन तथा राजस्व मण्डल की रजिस्ट्रार नम्रता वृषनी तथा विभाग के अन्य अधिकारी उपस्थित थे.

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