जयपुर. मनरेगा में 100 दिन का पूर्ण रोजगार को लेकर सरकार (Gehlot Government on MNREGA) गंभीर है. मुख्य सचिव ने प्राथमिकता के साथ रोजगार उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं. मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के कार्यों की जमीनी स्तर तक सतत निगरानी करने के निर्देश दिए हैं.
मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने शुक्रवार को शासन सचिवालय में योजना की समीक्षा बैठक की. इस दौरान उन्होंने कहा कि ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विकास विभाग के मनरेगा योजना से जुड़े सभी अधिकारी योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए जमीनी स्तर पर कार्य करें. योजना अंतर्गत किए गए कार्यों का निरंतर निरीक्षण नियमित करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि विभाग की सर्वोच्च प्राथमिकता मजदूरों को 100 दिन का पूरा रोजगार उपलब्ध करवाना होना चाहिए. जिन क्षेत्रों में 100 दिन के पूर्ण रोजगार देने की संख्या कम है, उन्हें चिन्हित कर वहां आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित की जाए. इसके लिए जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी के लिए भी लक्ष्य निर्धारित किए जाए.
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उन्होंने ने कहा कि यह योजना ग्रामीण परिवारों का सशक्तिकरण करते हुए सामाजिक न्याय देने का एक प्रमुख माध्यम है. इसलिए विभाग की और से ग्राम पंचायत स्तर पर ऐसी व्यवस्था सुनिश्चित करने की आवश्यकता है. जिसमें सभी वर्गों में मध्य समान रूप से कार्य विभाजन हो और गरीब परिवार रोजगार के अधिकार से वंचित ना रहें.
मुख्य सचिव ने उद्योगों की मांगों पर चर्चा कर यथासंभव रियायतें देने के निर्देश दिए
मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने कहा कि राज्य सरकार कोविड-19 और लॉकडाउन से प्रभावित उद्योगों को संबल प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है. सीएस ने एम्पॉवर्ड कमेटी की बैठक में उद्योगों की विभिन्न विभागों से जुड़ी मांगों पर चर्चा कर अधिकारियों को यथासंभव रियायतें देने के निर्देश दिए. उन्होंने ने कहा कि राज्य सरकार ने कोविड-19 के दौर में उद्योगों को संकट से उभारने के लिए काफी रियायतें दी थी. इससे उद्योगों को संबल मिला और वह अपने उत्पादन की निरंतरता को बनाए रखने में कामयाब भी हुए.
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए हर संभव मदद कर रही है. मुख्य सचिव ने रीको एमनेस्टी स्कीम-2021 की अवधि बढ़ाने सहित विभिन्न राहतकारी प्रभाव अमल में लाने पर सहमति व्यक्त करते हुए कहा कि इसे राज्य कैबिनेट के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा. उन्होंने सरकारी विभागों की खरीद में गुणवत्ता से समझौता किए बगैर मानकों पर खरे उतरने वाले राज्य के घरेलू उत्पादों को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए. आर्य ने राजस्व, नगरीय विकास, वित्त, ऊर्जा, श्रम एवं पर्यावरण विभाग से जुड़े उद्योगों की विभिन्न मांगों पर संबंधित विभागों के उच्चाधिकारियों से चर्चा कर उचित कदम उठाने के निर्देश प्रदान किए.