जयपुर. मुख्य सचिव निरंजन आर्य मंगलवार को शासन सचिवालय में वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से राज्य स्तरीय हाई पावर कमेटी की बैठक की. इस बैठक में मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेशभर में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के माध्यम से चल रही राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं के निर्माण कार्यों में आ रही बाधाओं को राजस्व, वन एवं पर्यावरण, ऊर्जा और नगरीय विकास विभाग के अधिकारी शीघ्र निस्तारित करें.
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मुख्य सचिव निरंजन आर्य मंगलवार को शासन सचिवालय में वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से राज्य स्तरीय हाई पावर कमेटी की बैठक में एनएचएआई की अमृतसर-जामनगर एवं दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेस-वे कॉरिडोर और प्राधिकरण के माध्यम से चल रही अन्य परियोजनाओं की समीक्षा कर रहे थे. प्रदेशभर में 3 हजार 171 किलोमीटर और 46 हजार 789 करोड़ रुपए की लागत के करीब 51 राष्ट्रीय राजमार्ग कार्य प्रगति पर हैं.
वहीं, राजस्थान में अमृतसर-जामनगर एक्सप्रेस-वे का 11 हजार 387 करोड़ रुपए की लागत से 637 किलोमीटर और दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेस-वे का 11 हजार 204 करोड़ रुपए की लागत से 374 किलोमीटर लम्बाई में राष्ट्रीय राजमार्गों का निर्माण होगा. निरंजन आर्य ने हनुमानगढ़ और जालोर जिले के जिला कलक्टरों के लिए निर्देश दिए कि वे इन जिलों में अमृतसर-जामनगर एक्सप्रेस-वे से जुड़े भूमि अवाप्ति के लम्बित प्रकरणों को सर्वोच्च प्राथमिकता के साथ शीघ्र निस्तारित करें.
उन्होंने एनएचएआई (NHAI) के अधिकारियों को सिरोही और जालोर जिला मुख्यालयों को जोड़ने के लिए एक सीधा राष्ट्रीय राजमार्ग बनाए जाने की सम्भावनाएं तलाशने के निर्देश भी दिए. सार्वजनिक निर्माण विभाग के प्रमुख शासन सचिव राजेश यादव ने बताया कि अमृतसर-जामनगर और दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेस-वे परियोजनाओं से जुड़े विभिन्न विषयों पर सम्बंधित जिला कलक्टरों से निरंतर संवाद किया जा रहा है.
उन्होंने बताया कि अवाप्त भूमि की मुआवजा राशि के वितरण, भूमि अवाप्ति और वन्य भूमि डायवर्जन सम्बंधित मुद्दों की भी सतत निगरानी जारी है. बैठक में प्रमुख सचिव, राजस्व आनंद कुमार, प्रमुख सचिव वन एवं पर्यावरण श्रेया गुहा, प्रमुख सचिव नगरीय विकास और आवासन भास्कर सावंत और अन्य वरिष्ठ अधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से शामिल हुए. बैठक में पीडब्ल्यूडी के मुख्य अभियंता एनएच डीआर मेघवाल और एनएचएआई के मुख्य महाप्रबंधक एमके जैन भी उपस्थित थे.