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CM गहलोत ने हाउसिंग बोर्ड को सौंपा विधायकों के आवास बनाने का जिम्मा, 15 दिन में डिजाइन पेश करने का चैलेंज

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विधायकों को नए अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त बहुमंजिला आवास उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी जेडीए से लेकर हाउसिंग बोर्ड को सौंप दी है. जिसको लेकर शनिवार को विधानसभा अध्यक्ष के आवास पर बैठक आयोजित की गई. जिसमें आवासों को लेकर कई अहम फैसले लिए गए हैं.

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मुख्यमंत्री गहलोत ने हाउसिंग बोर्ड को दी विधायकों के आवास बनाने की जिम्मेदारी
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Published : Jun 6, 2020, 10:50 PM IST

जयपुर. विधायकों को आवंटित सालों पुराने आवास की जगह नए अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त बहुमंजिला आवास उपलब्ध कराने की कवायद राज्य सरकार ने शुरू कर दी है. प्रदेश के 200 विधायकों के लिए आवास बनाने की जिम्मेदारी पहले जेडीए को दी गई थी, लेकिन अब मुख्यमंत्री ने हाउसिंग बोर्ड की परफॉर्मेंस को देखते हुए इसका जिम्मा उन्हें सौंपा है. जिसपर चर्चा करने के लिए शनिवार को विधानसभा अध्यक्ष के आवास पर बैठक आयोजित की गई. जिसमें नगरीय विकास मंत्री, नगरीय विकास प्रमुख शासन सचिव, जेडीए कमिश्नर और हाउसिंग बोर्ड कमिश्नर मौजूद रहे.

बैठक में लिए गए ये अहम फैसले...

  • प्रोजेक्ट की नोडल एजेंसी जेडीए के स्थान पर अब राजस्थान हाउसिंग बोर्ड होगा.
  • लाल कोठी और जालूपुरा स्थित विधायक आवास को खाली कराकर, उस जमीन को बेचकर इस प्रोजेक्ट के लिए धन राशि जुटाने की जिम्मेदारी अब हाउसिंग बोर्ड को दी जाएगी.
  • हाउसिंग बोर्ड संपत्तियों को विक्रय करेगा और इस प्रोजेक्ट के लिए धन राशि अपने स्तर पर ही व्यय करेगा.
  • विधायकों के मकान खाली कराने से पहले हाउसिंग बोर्ड के सरस्वती अपार्टमेंट, द्वारका ट्विन्स और व्यास अपार्टमेंट में रियायती दर पर फ्लैट क्रय करने का प्रस्ताव दिया जाएगा. जो विधायक फ्लैट क्रय नहीं करना चाहेंगे, उन्हें वो फ्लैट हाउसिंग बोर्ड द्वारा किराया पर उपलब्ध करा दिए जाएंगे. जिसका किराया 30 हजार रुपए प्रति फ्लैट रहेगा.
  • इस प्रोजेक्ट के लिए आर्किटेक्ट ने जो कॉन्सेप्ट प्लान तैयार किया गया है, उसका प्रजेंटेशन नगरीय विकास मंत्री, मंत्रियों की कमेटी और विपक्ष के नेताओं के सामने आगामी 15 दिवस में ही किया जाएगा. उसका डिजाइन फाइनल करने के उपरांत हाउसिंग बोर्ड द्वारा टेंडर जारी किए जाएंगे.

पढ़ेंः Exclusive: मोदी सरकार कर रही लोकतंत्र की हत्या, वसुंधरा सरकार में नाम के गृहमंत्री थे कटारिया: मंत्री भंवर सिंह भाटी

बता दें कि, इस काम के लिए ढाई साल की समय सीमा निर्धारित की गई है. राजस्थान आवासन मंडल आयुक्त ने विधायकों के आवास नए मॉडल के साथ तैयार करने का दावा किया है. जालूपुरा और लाल कोठी स्थित विधायक आवास वाली जमीन के टाइटल जेडीए के नाम है. लेकिन अब हाउसिंग बोर्ड की मांग पर उक्त दोनों संपत्तियां जेडीए से लेकर हाउसिंग बोर्ड के नाम दर्ज कर दी जाएंगी.

जयपुर. विधायकों को आवंटित सालों पुराने आवास की जगह नए अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त बहुमंजिला आवास उपलब्ध कराने की कवायद राज्य सरकार ने शुरू कर दी है. प्रदेश के 200 विधायकों के लिए आवास बनाने की जिम्मेदारी पहले जेडीए को दी गई थी, लेकिन अब मुख्यमंत्री ने हाउसिंग बोर्ड की परफॉर्मेंस को देखते हुए इसका जिम्मा उन्हें सौंपा है. जिसपर चर्चा करने के लिए शनिवार को विधानसभा अध्यक्ष के आवास पर बैठक आयोजित की गई. जिसमें नगरीय विकास मंत्री, नगरीय विकास प्रमुख शासन सचिव, जेडीए कमिश्नर और हाउसिंग बोर्ड कमिश्नर मौजूद रहे.

बैठक में लिए गए ये अहम फैसले...

  • प्रोजेक्ट की नोडल एजेंसी जेडीए के स्थान पर अब राजस्थान हाउसिंग बोर्ड होगा.
  • लाल कोठी और जालूपुरा स्थित विधायक आवास को खाली कराकर, उस जमीन को बेचकर इस प्रोजेक्ट के लिए धन राशि जुटाने की जिम्मेदारी अब हाउसिंग बोर्ड को दी जाएगी.
  • हाउसिंग बोर्ड संपत्तियों को विक्रय करेगा और इस प्रोजेक्ट के लिए धन राशि अपने स्तर पर ही व्यय करेगा.
  • विधायकों के मकान खाली कराने से पहले हाउसिंग बोर्ड के सरस्वती अपार्टमेंट, द्वारका ट्विन्स और व्यास अपार्टमेंट में रियायती दर पर फ्लैट क्रय करने का प्रस्ताव दिया जाएगा. जो विधायक फ्लैट क्रय नहीं करना चाहेंगे, उन्हें वो फ्लैट हाउसिंग बोर्ड द्वारा किराया पर उपलब्ध करा दिए जाएंगे. जिसका किराया 30 हजार रुपए प्रति फ्लैट रहेगा.
  • इस प्रोजेक्ट के लिए आर्किटेक्ट ने जो कॉन्सेप्ट प्लान तैयार किया गया है, उसका प्रजेंटेशन नगरीय विकास मंत्री, मंत्रियों की कमेटी और विपक्ष के नेताओं के सामने आगामी 15 दिवस में ही किया जाएगा. उसका डिजाइन फाइनल करने के उपरांत हाउसिंग बोर्ड द्वारा टेंडर जारी किए जाएंगे.

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बता दें कि, इस काम के लिए ढाई साल की समय सीमा निर्धारित की गई है. राजस्थान आवासन मंडल आयुक्त ने विधायकों के आवास नए मॉडल के साथ तैयार करने का दावा किया है. जालूपुरा और लाल कोठी स्थित विधायक आवास वाली जमीन के टाइटल जेडीए के नाम है. लेकिन अब हाउसिंग बोर्ड की मांग पर उक्त दोनों संपत्तियां जेडीए से लेकर हाउसिंग बोर्ड के नाम दर्ज कर दी जाएंगी.

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