जयपुर. केंद्र की मोदी सरकार के बजट के ऊपर प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट करके इस बजट को निराशाजनक और भावपूर्ण बताया है. सीएम गहलोत ने कहा है कि साल 2020 के बजट में अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए कोई वास्तविक उपयोगों की घोषणा नहीं की गई है. इतने लंबे भाषण के बावजूद अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने आर्थिक अर्थशास्त्र को आगे बढ़ाने के लिए कोई ठोस योजना इस बजट में नहीं कही गई.
सीएम गहलोत ने कहा कि देश के युवा रोजगार सर्जन के अवसरों में वृद्धि के लिए किसी भी योजना को देखने के लिए इंतजार कर रहे थे, लेकिन बजट 2020 ने उनकी उम्मीदों को पूरी तरह से धराशाई कर दिया. विकास की दृष्टि के बिना और नौकरियों के सृजन की योजना के बिना अर्थव्यवस्था को कैसे पुनर्जीवित किया जाएगा.
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उन्होंने कहा कि यह केवल आम लोगों के उद्योगों को राहत देने पर ध्यान केंद्रित किए बिना शब्दों की बाजीगिरी थी. बैंकिंग क्षेत्र की समस्याओं से सही तरीके से नहीं निपटा जा सका, बजट में निश्चित रूप से विकास पर कोई ध्यान नहीं दिया गया है. उन्होंने कहा कि एलआईसी में सरकार की ओर से अपनी हिस्सेदारी का हिस्सा बेचने की घोषणा निराशाजनक है.
साथ ही कहा कि आम लोगों ने अपनी गाढ़ी कमाई एलआईसी में लगाई है. वह सभी लोग ठगा हुआ महसूस करते हैं. एलआईसी का निजीकरण करने के लिए सरकार को लोगों की जमा राशि को खतरे में डालना नहीं चाहिए. सीएम गहलोत ने कहा कि देश को लग रहा था कि शनिवार को जब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट भाषण पढ़ेंगी तो देश की महंगाई कम करने को लेकर, देश की आर्थिक स्थिति सुधारने को लेकर, युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने को लेकर , महिलाओं की सुरक्षा को लेकर , व्यापारियों के छोटे उद्योग जो नोटबंदी और जीएसटी की वजह से बंद हो गए उन्हें फिर सर्जित करने को लेकर कुछ महत्वपूर्ण घोषणाएं होगी, लेकिन ऐसा कुछ भी इस बजट में नहीं हुआ. देश के हर वर्ग को इस बजट से पूरी तरीके से निराशा हाथ लगी है.
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इसके साथ ही उपमुख्यमंत्री ने भी ट्वीट कर कहा है कि केवल भाषण से देश की आर्थिक स्थिति में बदलाव नहीं होगा. आज के बजट में युवाओं के लिए रोजगार की नीति का अभाव दुखद है. विकास दर सहित अन्य मुद्दों पर केंद्रीय बजट में स्पष्ट रोडमैप नहीं दिया है, जिससे जनता के हाथ एक बार फिर निराशा लगी है.