जयपुर. सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि हाथरस की घटना बेहद निंदनीय है, जितनी निंदा की जाए उतनी कम है लेकिन दुर्भाग्य है कि राजस्थान के बारां में हुई घटनाओं को हाथरस की घटना से तुलना की जा रही है. जबकि बारां में बालिकाओं ने स्वयं मजिस्ट्रेट के समक्ष 164 के बयान साथ ज्यादती नहीं होने एवं स्वयं की मर्जी से लड़कों के साथ घूमने जाने की बात कही. साथ ही बालिकाओं का मेडिकल भी करवाया गया.
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हाथरस में हुई घटना बेहद निंदनीय है, उसकी जितनी निंदा की जाए उतनी कम है लेकिन दुर्भाग्य से राजस्थान के बारां में हुई घटना को हाथरस की घटना से कम्पेयर किया जा रहा है
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">हाथरस में हुई घटना बेहद निंदनीय है, उसकी जितनी निंदा की जाए उतनी कम है लेकिन दुर्भाग्य से राजस्थान के बारां में हुई घटना को हाथरस की घटना से कम्पेयर किया जा रहा है
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1/हाथरस में हुई घटना बेहद निंदनीय है, उसकी जितनी निंदा की जाए उतनी कम है लेकिन दुर्भाग्य से राजस्थान के बारां में हुई घटना को हाथरस की घटना से कम्पेयर किया जा रहा है
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अशोक गहलोत ने कहा कि अनुसंधान में सामने आया कि लड़के भी नाबालिग है. मामले की जांच अभी पूरी नहीं हुई है, जांच आगे भी जारी रहेगी. सीएम गहलोत ने कहा कि घटना होना एक बात है और कार्रवाई होना दूसरी बात है. वहीं उन्होंने कहा कि घटना हुई तो कार्रवाई भी तत्काल होगी. इस केस को विपक्ष हाथरस जैसी दुखद घटना से तुलना करके प्रदेश और देश की जनता को गुमराह करने का काम कर रहा है.
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जबकि बारां में बालिकाओं ने स्वयं मजिस्ट्रेट के समक्ष दिए 164 के बयानों में अपने साथ ज्यादती नहीं होने एवं स्वयं की मर्जी से लड़कों के साथ घूमने जाने की बात कही। बालिकाओं का मेडिकल भी करवाया गया एवं अनुसन्धान में सामने आया कि लड़के भी नाबालिग हैं, जांच आगे भी जारी रहेगी।
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">जबकि बारां में बालिकाओं ने स्वयं मजिस्ट्रेट के समक्ष दिए 164 के बयानों में अपने साथ ज्यादती नहीं होने एवं स्वयं की मर्जी से लड़कों के साथ घूमने जाने की बात कही। बालिकाओं का मेडिकल भी करवाया गया एवं अनुसन्धान में सामने आया कि लड़के भी नाबालिग हैं, जांच आगे भी जारी रहेगी।
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2/जबकि बारां में बालिकाओं ने स्वयं मजिस्ट्रेट के समक्ष दिए 164 के बयानों में अपने साथ ज्यादती नहीं होने एवं स्वयं की मर्जी से लड़कों के साथ घूमने जाने की बात कही। बालिकाओं का मेडिकल भी करवाया गया एवं अनुसन्धान में सामने आया कि लड़के भी नाबालिग हैं, जांच आगे भी जारी रहेगी।
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पढ़ें- बारां: पिता का पुलिस पर आरोप, दो नाबालिग बेटियों के साथ दुष्कर्म मामले में नहीं की कार्रवाई...
बता दें कि बारां में नाबालिग बच्चियों से दुष्कर्म की घटना सामने आई थी. इस घटना को लेकर विपक्ष में गहलोत सरकार की आरोप लगाया था कि कांग्रेस का आलाकमान उत्तर प्रदेश के हाथरस की घटना पर बयान जारी करने से पहले राजस्थान में हो रही घटनाओं को लेकर संज्ञान ले. साथ ही कहा था कि यूपी में जिस तरह की घटना हुई है. राजस्थान के बारां जिले में भी हुई है, लेकिन कांग्रेस आलाकमान उस पर मौन है. इस पूरे मामले की जानकारी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोशल मीडिया के जरिए दी.
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घटना होना एक बात है और कार्यवाही होना दूसरी, घटना हुई तो कार्यवाही भी तत्काल हुई। इस केस को मीडिया का एक वर्ग और विपक्ष हाथरस जैसी वीभत्स घटना से कम्पेयर करके प्रदेश और देश की जनता को गुमराह करने का काम कर रहे हैं।
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">घटना होना एक बात है और कार्यवाही होना दूसरी, घटना हुई तो कार्यवाही भी तत्काल हुई। इस केस को मीडिया का एक वर्ग और विपक्ष हाथरस जैसी वीभत्स घटना से कम्पेयर करके प्रदेश और देश की जनता को गुमराह करने का काम कर रहे हैं।
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3/घटना होना एक बात है और कार्यवाही होना दूसरी, घटना हुई तो कार्यवाही भी तत्काल हुई। इस केस को मीडिया का एक वर्ग और विपक्ष हाथरस जैसी वीभत्स घटना से कम्पेयर करके प्रदेश और देश की जनता को गुमराह करने का काम कर रहे हैं।
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क्या है पूरा मामला?
बारां कोतवाली थाना इलाके में 18 सितंबर की रात को दो बहनें घर से गायब हो गई थी. दोनों लड़कियों की उम्र 13 और 15 साल है. लड़कियों के पिता ने 19 सितंबर को पुलिस में बहला-फुसलाकर लड़कियों को ले जाने का केस दर्ज करवाया था. जिसके बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपियों को 20 सितंबर को गिरफ्तार किया था. पुलिस ने आरोपियों को कोर्ट में पेश किया. लेकिन लड़कियों ने कोर्ट में बयान दिया कि वो अपनी मर्जी से घर से गई थी.
लड़कियों के पिता का क्या कहना है?
लड़कियों के पिता का कहना है कि उसकी बेटियों को नशीला पदार्थ खिलाकर उनके साथ दुष्कर्म किया गया है. लेकिन पुलिस इस अपहरण को सामान्य बता रही है. पुलिस उन आरोपियों पर भी कार्रवाई नहीं कर रही जो दोनों बहनों को बहला-फुसलाकर ले गए थे. लड़कियों के पिता का कहना है कि पुलिस ने दोनों लड़कियों के साथ एक लड़के को भी पकड़ा था, लेकिन उस लड़के को छोड़ दिया गया.
इस मामले में पुलिस का क्या कहना है?
मामले को लेकर बारां एसपी डॉ. रवि ने बताया कि मुकदमा दर्ज होने के बाद पुलिस ने दोनों बालिकाओं को कोटा से दस्तयाब किया था. इसके बाद लड़कियों को बाल कल्याण समिति के सामने पेश किया गया, जहां से उन्हें संरक्षण में भेज दिया गया. वहीं, इस मामले में दोनों नाबालिग बच्चियों के कोर्ट में बयान करवाए गए थे, जिसमें उन्होंने किसी पर भी आरोप नहीं लगाए.
एसपी ने कहा कि लड़कियों ने कोर्ट में बयान दिया था कि उनके पिता उन्हें घुमाने के लिए बाहर लेकर नहीं जाते थे. ऐसे में वो दोनों कोटा चली गई. उनके पास 500 रुपए भी थे. एसपी ने कहा कि अब परिजन और लड़कियां आरोप लगा रही हैं तो मामले को दोबारा खुलवा कर न्यायालय में दोबारा से बयान की अर्जी दे देंगे.