जयपुर. संसद में मानसून सत्र में हुए हंगामे के बीच विपक्षी पार्टी की ओर से संसद भवन के बाहर मार्च निकालने को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपना बयान दिया. गहलोत ने कहा कि सत्तारूढ़ गठबंधन की ओर से भारत में लोकतंत्र की हत्या करने का प्रयास किया जा रहा है. इसके खिलाफ आवाज उठाने के लिए संसद भवन के बाहर निकालना महत्वपूर्ण है.
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मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोशल मीडिया के जरिए कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी और अन्य विपक्षी नेताओं का गुरुवार को संसद भवन के बाहर मार्च सबसे महत्वपूर्ण है. क्योंकि वे सत्तारूढ़ गठबंधन की ओर से भारत में लोकतंत्र की हत्या के खिलाफ आवाज उठाते हैं. उन्होंने मानसून सत्र के अचानक समाप्त होने, राज्यसभा में विपक्षी सांसदों के साथ दुर्व्यवहार और विपक्ष को संसद में लोगों के मुद्दों को उठाने की अनुमति नहीं दिए जाने का विरोध किया.
एनडीए के तहत, हर दिन एक नया निचला स्तर है, क्योंकि वे संसदीय लोकतंत्र को कमजोर करना जारी रखते हैं. बता दें कि संसद का मॉनसून सत्र पूरी तरह से हंगामे में धुल गया और बुधवार को सत्र खत्म भी हो गया. अब संसद से बाहर सड़क पर विपक्षी पार्टियां इस मसले पर एकजुटता दिखा रही हैं. गुरुवार को कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की अगुवाई में विपक्ष की करीब 15 पार्टियों ने संसद से विजय चौक तक मार्च निकाला.
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संसद परिसर में मौजूद गांधी स्टैच्यू के पास से ये मार्च निकाला गया और मॉनसून सत्र को वक्त से पहले खत्म करने, चर्चा ना करने का विरोध किया जा रहा है. सत्तारूढ़ पार्टी और उसके संगठनों की ओर से विपक्षी पार्टी द्वारा निकाले गए इस मार्च की आलोचना की जा रही है. इसे लेकर कहा जा रहा है कि संसद के बाहर इस तरह से मार्च निकालना लोकतंत्र की मर्यादा के खिलाफ है. सत्तारूढ़ पार्टी की ओर से दिए जा रहे आलोचना पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पलटवार करते हुए मार्च को लोकतंत्र बचाने के लिए महत्वपूर्ण कदम बताया.