बेंगलुरु: केंद्रीय जांच ब्यूरो और प्रवर्तन निदेशालय मामलों के लिए विशेष अदालत के न्यायाधीश एच.ए. मोहन ने तमिलनाडु सरकार द्वारा अधिकृत अधिकारियों को 14 और 15 फरवरी को अदालत में उपस्थित रहने और विशेष अदालत के पास मौजूद कीमती सामान को अपने कब्जे में लेने का निर्देश दिया है. विशेष अदालत ने जुलाई 2023 में दिवंगत मुख्यमंत्री के कानूनी उत्तराधिकारी जे. दीपा और जे. दीपक की उन याचिकाओं को खारिज कर दिया था, जिसमें उन्होंने जब्त संपत्तियों पर अधिकार का दावा किया था.
फरवरी 2024 में विशेष अदालत ने कीमती सामान तमिलनाडु को सौंपने के लिए उसी साल मार्च में तारीखें तय की थीं. इसके बाद, दीपक और दीपा ने कर्नाटक उच्च न्यायालय का रुख किया, जिसने विशेष अदालत के आदेश के खिलाफ उनकी याचिकाओं पर निर्णय होने तक कीमती सामान सौंपने की प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी.
उच्च न्यायालय ने 13 जनवरी को जयललिता के आय से अधिक संपत्ति मामले में जब्त कीमती सामान पर अधिकार का दावा करने वाले कानूनी उत्तराधिकारियों द्वारा दायर याचिकाओं को खारिज कर दिया, जिसमें उन्हें सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दोषी ठहराया गया था.
क्या-क्या सामान है: जयललिता के पास से 7,040 ग्राम वजन के 468 प्रकार के सोने और हीरे के आभूषण, 700 किलोग्राम चांदी के आभूषण, 740 महंगी चप्पलें, 11,344 रेशमी साड़ियां, 250 शॉल, 12 रेफ्रिजरेटर, 10 टीवी सेट, 8 वीसीआर, 1 वीडियो कैमरा, 4 सीडी प्लेयर, 2 ऑडियो डेक, 24 टू-इन-वन टेप रिकॉर्डर, 1040 वीडियो कैसेट, 3 लोहे के लॉकर, 1,93,202 रुपए नकद और कई अन्य सामान जब्त किए गए.
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