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महिला एवं बाल विकास विभाग की समीक्षा, कोई बच्चा कुपोषित नहीं रहे: मुख्यमंत्री

जयपुर में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को महिला एवं बाल विकास विभाग की समीक्षा की. इस दौरान उन्होंने कहा कि वैश्विक स्वास्थ्य मानकों के अनुरूप गर्भवती और धात्री महिलाओं, किशोरियों और बच्चों के पोषण स्तर में सुधार लाने के लिए हरसंभव प्रयास किए जाएं.

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मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने महिला एवं बाल विकास विभाग की समीक्षा की
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Published : Oct 17, 2020, 2:34 AM IST

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को नगण्य करना राज्य सरकार का मुख्य लक्ष्य है. इसके लिए वैश्विक स्वास्थ्य मानकों के अनुरूप गर्भवती और धात्री महिलाओं, किशोरियों और बच्चों के पोषण स्तर में सुधार लाने के लिए हरसंभव प्रयास किए जाएं.

सीएम अशोक गहलोत शुक्रवार शाम को मुख्यमंत्री निवास पर करीब दो घंटे तक चली बैठक में समेकित बाल विकास सेवाएं और महिला एवं बाल विकास विभाग के माध्यम से चल रही योजनाओं और कार्यक्रमों की समीक्षा कर रहे थे. उन्होंने विभाग के माध्यम से चल रही योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के निर्देश दिए.

मुख्यमंत्री ने कहा कि आंगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से गांव-ढ़ाणी तक महिला और बाल विकास से जुड़े कार्यक्रमों का लाभ पहुंचाया जाना सुनिश्चित किया जाए. हमारा प्रयास है कि प्रदेश का कोई भी बच्चा कुपोषित नहीं रहे. उन्हें पौष्टिक आहार मिले और समय पर माताओं और शिशुओं का टीकाकरण हो.

पढ़ें- जयपुर नगर निगम चुनाव: टिकट वितरण को लेकर कांग्रेस में तकरार, मुख्यमंत्री तक पहुंची बात

बैठक में महिला एवं बाल विकास विभाग के सचिव डॉ. के.के. पाठक ने बताया प्रदेश में 61 हजार आंगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से 40 लाख बच्चों और महिलाओं को विभिन्न योजनाओं से लाभान्वित किया जा रहा है. उन्होंने महिला सशक्तीकरण के लिए संचालित योजनाओं पर भी विस्तृत जानकारी दी. इस अवसर पर महिला और बाल विकास राज्यमंत्री ममता भूपेश, विशिष्ट सचिव वित्त (व्यय) सुधीर शर्मा, निदेशक आईसीडीएस डॉ. प्रतिभा सिंह सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे.

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को नगण्य करना राज्य सरकार का मुख्य लक्ष्य है. इसके लिए वैश्विक स्वास्थ्य मानकों के अनुरूप गर्भवती और धात्री महिलाओं, किशोरियों और बच्चों के पोषण स्तर में सुधार लाने के लिए हरसंभव प्रयास किए जाएं.

सीएम अशोक गहलोत शुक्रवार शाम को मुख्यमंत्री निवास पर करीब दो घंटे तक चली बैठक में समेकित बाल विकास सेवाएं और महिला एवं बाल विकास विभाग के माध्यम से चल रही योजनाओं और कार्यक्रमों की समीक्षा कर रहे थे. उन्होंने विभाग के माध्यम से चल रही योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के निर्देश दिए.

मुख्यमंत्री ने कहा कि आंगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से गांव-ढ़ाणी तक महिला और बाल विकास से जुड़े कार्यक्रमों का लाभ पहुंचाया जाना सुनिश्चित किया जाए. हमारा प्रयास है कि प्रदेश का कोई भी बच्चा कुपोषित नहीं रहे. उन्हें पौष्टिक आहार मिले और समय पर माताओं और शिशुओं का टीकाकरण हो.

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बैठक में महिला एवं बाल विकास विभाग के सचिव डॉ. के.के. पाठक ने बताया प्रदेश में 61 हजार आंगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से 40 लाख बच्चों और महिलाओं को विभिन्न योजनाओं से लाभान्वित किया जा रहा है. उन्होंने महिला सशक्तीकरण के लिए संचालित योजनाओं पर भी विस्तृत जानकारी दी. इस अवसर पर महिला और बाल विकास राज्यमंत्री ममता भूपेश, विशिष्ट सचिव वित्त (व्यय) सुधीर शर्मा, निदेशक आईसीडीएस डॉ. प्रतिभा सिंह सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे.

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