ETV Bharat / city

हमारी समझ से परे है कि राज्यपाल ऐसा क्यों कर रहे हैं : सीएम गहलोत

हाई कोर्ट के निर्णय के बाद सीएम अशोक गहलोत ने पीसी कर राज्यपाल कलराज मिश्र को निशाने पर लिया. मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि हमने राज्यपाल कलराज मिश्र से यह निवेदन किया था कि वह असेंबली का सेशन बुलाएं, जिसमें कोरोना की स्थितियां, लॉकडाउन और प्रदेश के राजनीतिक हालातों को लेकर चर्चा की जाएगी. हमें उम्मीद थी कि राज्यपाल इसके आदेश जारी कर देंगे, लेकिन रात भर इंतजार के बावजूद अब तक राजभवन से आदेश नहीं आए हैं. उन्होंने कहा कि यह हमारी समझ से परे है कि राज्यपाल ऐसा क्यों कर रहे हैं.

jaipur news, rajasthan news, hindi news
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की प्रेस कॉन्फ्रेंस
author img

By

Published : Jul 24, 2020, 2:24 PM IST

Updated : Jul 24, 2020, 2:32 PM IST

जयपुर. राजस्थान में अब तक केंद्र की और राजस्थान की एजेंसियों के बीच ही टकराव दिख रहा था. लेकिन, अब यह टकराव सरकार और राजभवन तक पहुंच गया है. शुक्रवार को हाई कोर्ट की सुनवाई के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत मीडिया से रूबरू हुए. इस दौरान उन्होंने राजस्थान में राज्यपाल कलराज मिश्र पर केंद्र सरकार के दबाव में काम करने की बात कही. इसके साथ ही वो अपने विधायकों के साथ राजभवन कूच कर गए.

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की प्रेस कॉन्फ्रेंस

उन्होंने राज्यपाल कलराज मिश्र से कहा कि वह संविधान के अनुसार निर्णय लें और विधानसभा का सत्र बुलाएं. अगर वह ऐसा नहीं करेंगे और पूरे प्रदेश की जनता अगर राजभवन को घेरने आ गई तो इसमें सरकार की जिम्मेदारी नहीं होगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने राज्यपाल कलराज मिश्र से यह निवेदन किया था कि वह असेंबली का सेशन बुलाएं, जिसमें कोरोना की स्थितियां, लॉकडाउन और प्रदेश के राजनीतिक हालातों को लेकर चर्चा की जाएगी. हमें उम्मीद थी कि राज्यपाल रात को इसके आदेश जारी कर देंगे, लेकिन रात भर इंतजार के बावजूद अब तक राजभवन से आदेश नहीं आए हैं. उन्होंने कहा कि यह हमारी समझ से परे है कि राज्यपाल ऐसा क्यों कर रहे हैं.

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि ऊपर के दबाव के चलते राज्यपाल यह कर रहे हैं जिसका हमें दुख है. उन्होंने कहा कि जब विपक्षी पार्टियां तक कह रही हैं कि अगर सब ठीक है तो कांग्रेस पार्टी फ्लोर पर अपना टेस्ट क्यों नहीं देती है. अब हम फ्लोर टेस्ट देने के लिए असेंबली में जाना चाहते हैं तो उसके बावजूद भी हमें विधानसभा बुलाने की अनुमति क्यों नहीं दी जा रही है. उन्होंने कहा कि टेलीफोन पर भी एक बार और राज्यपाल से बात की गई है और उनसे कहा है कि राज्यपाल का पद एक संवैधानिक पद है. उसकी गरिमा के आधार पर ही वह उचित फैसला लें, नहीं तो सभी विधायक मिलकर उनसे इस बात की रिक्वेस्ट करेंगे.

गहलोत ने कहा कि हम सोमवार को ही विधानसभा सत्र बुलाना चाहते थे. हमारे पास पूरा संख्या बल है और बहुमत हम साबित कर सकते हैं. इसके बावजूद भी हमें सत्र बुलाने की अनुमति नहीं दी गई. उन्होंने कहा कि हमारे कुछ साथी विधायकों को हरियाणा में बीजेपी की देखरेख में बंधक बनाया गया है. उन विधायकों को हो सकता है बाउंसर और पुलिस लगाकर रोका जा कर रहा हो. उनमें से कुछ लोग बीमार भी हैं. उनकी आंखों से आंसू भी आ रहे हैं और वह हमें टेलीफोन भी कर रहे हैं कि हमें छुड़ाया जाए. इसकी परवाह केंद्र सरकार को नहीं है. हरियाणा में भाजपा की सरकार है और यह भाजपा नेताओं का षड्यंत्र है, जैसा उन्होंने कर्नाटक में किया था और फिर मध्य प्रदेश में किया, लेकिन राजस्थान में पूरे प्रदेश की जनता और विधायक उनके साथ हैं.

यह भी पढ़ें : सचिन पायलट को अब नहीं भेजी जाएगी आदेश की कॉपी, Etv भारत की खबर के बाद कार्मिक विभाग ने सुधारी अपनी गलती

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि आज तक उन्होंने ऐसा प्रदृश्य नहीं देखा है जो अभी प्रदेश में चल रहा है. मुख्यमंत्री ने साफ संकेत दिए कि वह कुछ देर में राजभवन भी जाएंगे और सभी विधायकों को लेकर राजभवन जाएंगे, ताकि उनसे यह निवेदन किया जा सके कि वह किसी के दबाव में आए बिना संविधान के हिसाब से निर्णय लें, अगर वह ऐसा नहीं करते हैं और पूरे प्रदेश की जनता अगर राजभवन को घेरने पहुंच जाती है, तो इसमें हमारी जिम्मेदारी नहीं होगी. वहीं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बातचीत करने के बाद तुरंत होटल फेयरमाउंट में चले गए. फिलहाल, वहां विधायक दल की बैठक चल रही है. कहा जा रहा है कि अगर सत्र नहीं बुलाया जाता है तो कांग्रेस के सभी विधायक राजभवन में धरना भी दे सकते हैं.

जयपुर. राजस्थान में अब तक केंद्र की और राजस्थान की एजेंसियों के बीच ही टकराव दिख रहा था. लेकिन, अब यह टकराव सरकार और राजभवन तक पहुंच गया है. शुक्रवार को हाई कोर्ट की सुनवाई के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत मीडिया से रूबरू हुए. इस दौरान उन्होंने राजस्थान में राज्यपाल कलराज मिश्र पर केंद्र सरकार के दबाव में काम करने की बात कही. इसके साथ ही वो अपने विधायकों के साथ राजभवन कूच कर गए.

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की प्रेस कॉन्फ्रेंस

उन्होंने राज्यपाल कलराज मिश्र से कहा कि वह संविधान के अनुसार निर्णय लें और विधानसभा का सत्र बुलाएं. अगर वह ऐसा नहीं करेंगे और पूरे प्रदेश की जनता अगर राजभवन को घेरने आ गई तो इसमें सरकार की जिम्मेदारी नहीं होगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने राज्यपाल कलराज मिश्र से यह निवेदन किया था कि वह असेंबली का सेशन बुलाएं, जिसमें कोरोना की स्थितियां, लॉकडाउन और प्रदेश के राजनीतिक हालातों को लेकर चर्चा की जाएगी. हमें उम्मीद थी कि राज्यपाल रात को इसके आदेश जारी कर देंगे, लेकिन रात भर इंतजार के बावजूद अब तक राजभवन से आदेश नहीं आए हैं. उन्होंने कहा कि यह हमारी समझ से परे है कि राज्यपाल ऐसा क्यों कर रहे हैं.

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि ऊपर के दबाव के चलते राज्यपाल यह कर रहे हैं जिसका हमें दुख है. उन्होंने कहा कि जब विपक्षी पार्टियां तक कह रही हैं कि अगर सब ठीक है तो कांग्रेस पार्टी फ्लोर पर अपना टेस्ट क्यों नहीं देती है. अब हम फ्लोर टेस्ट देने के लिए असेंबली में जाना चाहते हैं तो उसके बावजूद भी हमें विधानसभा बुलाने की अनुमति क्यों नहीं दी जा रही है. उन्होंने कहा कि टेलीफोन पर भी एक बार और राज्यपाल से बात की गई है और उनसे कहा है कि राज्यपाल का पद एक संवैधानिक पद है. उसकी गरिमा के आधार पर ही वह उचित फैसला लें, नहीं तो सभी विधायक मिलकर उनसे इस बात की रिक्वेस्ट करेंगे.

गहलोत ने कहा कि हम सोमवार को ही विधानसभा सत्र बुलाना चाहते थे. हमारे पास पूरा संख्या बल है और बहुमत हम साबित कर सकते हैं. इसके बावजूद भी हमें सत्र बुलाने की अनुमति नहीं दी गई. उन्होंने कहा कि हमारे कुछ साथी विधायकों को हरियाणा में बीजेपी की देखरेख में बंधक बनाया गया है. उन विधायकों को हो सकता है बाउंसर और पुलिस लगाकर रोका जा कर रहा हो. उनमें से कुछ लोग बीमार भी हैं. उनकी आंखों से आंसू भी आ रहे हैं और वह हमें टेलीफोन भी कर रहे हैं कि हमें छुड़ाया जाए. इसकी परवाह केंद्र सरकार को नहीं है. हरियाणा में भाजपा की सरकार है और यह भाजपा नेताओं का षड्यंत्र है, जैसा उन्होंने कर्नाटक में किया था और फिर मध्य प्रदेश में किया, लेकिन राजस्थान में पूरे प्रदेश की जनता और विधायक उनके साथ हैं.

यह भी पढ़ें : सचिन पायलट को अब नहीं भेजी जाएगी आदेश की कॉपी, Etv भारत की खबर के बाद कार्मिक विभाग ने सुधारी अपनी गलती

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि आज तक उन्होंने ऐसा प्रदृश्य नहीं देखा है जो अभी प्रदेश में चल रहा है. मुख्यमंत्री ने साफ संकेत दिए कि वह कुछ देर में राजभवन भी जाएंगे और सभी विधायकों को लेकर राजभवन जाएंगे, ताकि उनसे यह निवेदन किया जा सके कि वह किसी के दबाव में आए बिना संविधान के हिसाब से निर्णय लें, अगर वह ऐसा नहीं करते हैं और पूरे प्रदेश की जनता अगर राजभवन को घेरने पहुंच जाती है, तो इसमें हमारी जिम्मेदारी नहीं होगी. वहीं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बातचीत करने के बाद तुरंत होटल फेयरमाउंट में चले गए. फिलहाल, वहां विधायक दल की बैठक चल रही है. कहा जा रहा है कि अगर सत्र नहीं बुलाया जाता है तो कांग्रेस के सभी विधायक राजभवन में धरना भी दे सकते हैं.

Last Updated : Jul 24, 2020, 2:32 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.