जयपुर. राजस्थान में बसपा विधायकों के मर्जर को लेकर गुरुवार को राजस्थान हाईकोर्ट में मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत महांति की डिवीजन बेंच में सुनवाई हुई. सुनवाई में स्पीकर सीपी जोशी की ओर से कपिल सिब्बल ने साफ तौर पर यह बात कही कि अब तक जब एकल पीठ ने कोई फैसला ही नहीं सुनाया है और केवल नोटिस जारी किए हैं तो नोटिस को किस तरीके से चैलेंज किया जा सकता है.
अब इस मामले की अगली सुनवाई दोपहर 2 बजे के बाद होगी और उसमें ही कोर्ट अपना निर्णय सुनाएगा. आज हुई सुनवाई में स्पीकर सीपी जोशी की ओर से कपिल सिब्बल ने कहा कि स्पीकर के जरिए नोटिस दिए जाने का काम नहीं हो सकता है, क्योंकि स्पीकर के ऑफिस को पोस्ट ऑफिस की तरह इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. सिब्बल की ओर से दो मुख्य आर्ग्युमेंट रखे गए. जिनमें एक तो यह कि अपील मेंटेनेबल ही नहीं है, क्योंकि राजस्थान हाईकोर्ट के नियम 134 के अनुसार अपील जजमेंट के खिलाफ आती है नोटिस के खिलाफ नहीं.
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दूसरा स्पीकर के ऑफिस के थ्रू या विधानसभा की तरफ से कोई नोटिस सर्व नहीं करवाए जा सकते, क्योंकि स्पीकर किसी पोस्ट ऑफिस की तरह काम नहीं करता है. ऐसे में जो भी नोटिस देने की प्रक्रिया है या तो डीजे (डिस्ट्रीक्ट कोर्ट) के थ्रू या फिर दूसरे तरीके से सर्व करवाए जाएं. जब अब तक एकल पीठ ने कुछ भी तय नहीं किया है केवल नोटिस सर्व किए हैं तो उसे चुनौती किस तरीके से दी जा सकती है.
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वहीं, बसपा की ओर से वकील दिनेश गर्ग ने कहा कि न्यायालय में बसपा की ओर से पैरवी में उन्होंने कहा है कि यह अपील पूरी तरीके से मेंटेनेबल है और इस पर सुनवाई की जा सकती है. अब इस मामले में सुनवाई 2 बजे रखी गई है. 2 बजे ही यह साफ होगा कि कोर्ट इस मामले में क्या फैसला सुनाती है.