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निलंबित एसीपी आस मोहम्मद के खिलाफ आरोप पत्र दायर

एसीबी मामले की विशेष अदालत में सोमवार को एसीबी ने झोटवाड़ा थाना के निलंबित एसीपी आस मोहम्मद के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम और आईपीसी के तहत आरोप पत्र पेश किया है. आरोप पत्र में आस मोहम्मद और राजवीर के बीच हुई बातचीत में आस मोहम्मद ने रिश्वत लेने के संबंध में सहमति दी थी.

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Published : Oct 21, 2019, 11:54 PM IST

जयपुर. एसीबी मामले की विशेष अदालत में सोमवार को एसीबी ने झोटवाड़ा थाना के निलंबित एसीपी आस मोहम्मद के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम और आईपीसी के तहत आरोप पत्र पेश किया है. जबकि अन्य के खिलाफ जांच लंबित रखी गई है.

आरोप पत्र में कहा गया कि राजवीर सिंह ने वैशाली नगर थाने में एक मामला दर्ज कराया था. जिसमें वह एसीपी आस मोहम्मद से मिला. एसीपी कार्यालय में आस मोहम्मद ने एक व्यक्ति को दस हजार रुपए दिलाए. वहीं बाद में 2 अक्टूबर 2018 को राजवीर सिंह को पुलिस ने हिरासत में लेकर झोटवाडा थाना ले गए. आरोप पत्र में कहा गया कि आस मोहम्मद और राजवीर के बीच हुई बातचीत में आस मोहम्मद ने रिश्वत लेने के संबंध में सहमति दी थी.

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वहीं आरोपी की ओर से प्रकरण में राजवीर सिंह के खिलाफ कुछ धाराएं हटाने के संबंध में रीडर बत्तू खां को निर्देश देना और ट्रैप के दौरान बत्तू खां के पास मिली पर्चियों में आरोपी को को रिश्वत देने की एन्ट्री है. ऐसे में आस मोहम्मद के खिलाफ रिश्वत लेने का आरोप प्रमाणित है. गौरतलब है कि एसीबी ने मामले में बत्तू खां और दलाल सुमंत को एक लाख रुपए के साथ ट्रैप किया था. वहीं प्रकरण में थानाधिकारी प्रदीप चारण और आस मोहम्मद एसआई रामलाल की भूमिका मानी थी. आस मोहम्मद ने गत 23 अगस्त को एसीबी, कोटा में सरेंडर किया था.

जयपुर. एसीबी मामले की विशेष अदालत में सोमवार को एसीबी ने झोटवाड़ा थाना के निलंबित एसीपी आस मोहम्मद के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम और आईपीसी के तहत आरोप पत्र पेश किया है. जबकि अन्य के खिलाफ जांच लंबित रखी गई है.

आरोप पत्र में कहा गया कि राजवीर सिंह ने वैशाली नगर थाने में एक मामला दर्ज कराया था. जिसमें वह एसीपी आस मोहम्मद से मिला. एसीपी कार्यालय में आस मोहम्मद ने एक व्यक्ति को दस हजार रुपए दिलाए. वहीं बाद में 2 अक्टूबर 2018 को राजवीर सिंह को पुलिस ने हिरासत में लेकर झोटवाडा थाना ले गए. आरोप पत्र में कहा गया कि आस मोहम्मद और राजवीर के बीच हुई बातचीत में आस मोहम्मद ने रिश्वत लेने के संबंध में सहमति दी थी.

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वहीं आरोपी की ओर से प्रकरण में राजवीर सिंह के खिलाफ कुछ धाराएं हटाने के संबंध में रीडर बत्तू खां को निर्देश देना और ट्रैप के दौरान बत्तू खां के पास मिली पर्चियों में आरोपी को को रिश्वत देने की एन्ट्री है. ऐसे में आस मोहम्मद के खिलाफ रिश्वत लेने का आरोप प्रमाणित है. गौरतलब है कि एसीबी ने मामले में बत्तू खां और दलाल सुमंत को एक लाख रुपए के साथ ट्रैप किया था. वहीं प्रकरण में थानाधिकारी प्रदीप चारण और आस मोहम्मद एसआई रामलाल की भूमिका मानी थी. आस मोहम्मद ने गत 23 अगस्त को एसीबी, कोटा में सरेंडर किया था.

Intro:जयपुर। एसीबी मामलों की विशेष अदालत में सोमवार को एसीबी ने झोटवाडा थाने के निलंबित एसीपी आस मोहम्मद के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम और आईपीसी के तहत आरोप पत्र पेश किया है। जबकि अन्य के खिलाफ जांच लंबित रखी गई है।Body:आरोप पत्र में कहा गया कि राजवीर सिंह ने वैशाली नगर थाने में एक मामला दर्ज कराया था। जिसमें वह एसीपी आस मोहम्मद से मिला। एसीपी कार्यालय में आस मोहम्मद ने एक व्यक्ति को दस हजार रुपए दिलाए। वहीं बाद में 2 अक्टूबर 2018 को राजवीर सिंह को पुलिस ने हिरासत में लेकर झोटवाडा थाना ले गए। आरोप पत्र में कहा गया कि आस मोहम्मद और राजवीर के बीच हुई बातचीत में आस मोहम्मद ने रिश्वत लेने के संबंध में सहमति दी थी। वहीं आरोपी की ओर से प्रकरण में राजवीर सिंह के खिलाफ कुछ धाराएं हटाने के संबंध में रीडर बत्तू खां को निर्देश देना और ट्रेप के दौरान बत्तू खां के पास मिली पर्चियों में आरोपी को को रिश्वत देेने की एन्ट्री है। ऐसे में आस मोहम्मद के खिलाफ रिश्वत लेने का आरोप प्रमाणित है।
गौरतलब है कि एसीबी ने मामले में बत्तू खां और दलाल सुमंत को एक लाख रुपए के साथ ट्रेप किया था। वहीं प्रकरण में थानाधिकारी प्रदीप चारण और आस मोहम्मद एसआई रामलाल की भूमिका मानी थी। आस मोहम्मद ने गत 23 अगस्त को एसीबी, कोटा मेंं सरेंडर किया था।Conclusion:
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