जयपुर. पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने शुक्रवार को राजस्थान विधानसभा में हुए गतिरोध को लेकर प्रदेश सरकार को जमकर घेरा. उन्होंने राजस्थानी कहावत 'आ तो अया ही चाले ली' के जरिए तंज करते हुए कहा कि राजस्थान में सरकार नहीं सर्कस चल रहा है. मम्मी कहां की राजस्थान की जनता भी जानना चाहती है कि विधानसभा में क्या हुआ था, तो मैं साफ कर दूं कि सदन में उस आयरन लेडी का अपमान हुआ है जिसने पाकिस्तान के दो टुकड़े करके बांग्लादेश बना दिया था. उन्होंने कहा कि द ग्रेट इंदिरा गांधी का सम्मान पूरी दुनिया में है. पूर्व मंत्री खाचरियावास ने कहा कि वह भी प्रधानमंत्री थी और उन्हें 3 नॉट 3 की राइफल से अपने ही घर में गोली मार दी गई थी. उन्होंने देश के खातिर बलिदान दिया था.
देर रात तक चली वार्ता : इस पूरे प्रकरण के बाद शुक्रवार देर शाम को संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने विधानसभा परिसर में कांग्रेस विधायकों के साथ चर्चा शुरू की और सुलह का प्रयास किया. कांग्रेस की ओर से इस बारे में एक वीडियो भी जारी हुआ. जिसमें नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली के कक्ष में मंत्री पटेल के साथ कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा , रफीक खान के अलावा अन्य नेता भी जाते हुए नजर आते हैं. इसके अलावा विधानसभा के बाहर इस दौरान विधायकों के रात में रुकने के लिए गद्दे लेकर आती हुई गाड़ी भी नजर आती है.
मंत्री को आनी चाहिए शर्म : प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि जो व्यक्ति या दल इंदिरा गांधी के बलिदान का सम्मान नहीं कर सकता, उससे देश के भले की अपेक्षा नहीं की जा सकती है. प्रताप सिंह बोले की मैं चुनौती देता हूं कि अब निलंबित किए गए सदस्यों को दोबारा ना लें और सरकार सत्ता पक्ष अकेले ही चला लें, क्योंकि आपको विपक्ष की जरूरत नहीं है. प्रताप सिंह बोले की जो कुछ हो रहा है, सरकार को उसका गंभीर परिणाम 4 साल बाद में भुगतना होगा. प्रताप सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री को सदन में हुए घटनाक्रम के लिए माफी मांगनी चाहिए, वरना लोगों में इसका गलत मैसेज जाएगा.
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अविनाश गहलोत के बयान पर था बवाल : दरअसल शुक्रवार को विधानसभा की कार्यवाही के दौरान समाज कल्याण मंत्री अविनाश गहलोत ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को लेकर कांग्रेस राज की एक योजना पर बोलते हुए उन्हें दादी शब्द से संबोधित किया और कांग्रेस नेताओं की दादी बताया. गहलोत के इस बयान पर ऐतराज जताते हुए नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली और कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने आपत्ति जाहिर की और विधानसभा अध्यक्ष से दखल की मांग की. इस मामले को लेकर सदन में गतिरोध बढ़ गया और कांग्रेस विधायक वेल में जाकर धरना देने लगे.
पूरे प्रकरण में विधानसभा की कार्यवाही को सोमवार तक स्थगित करने के साथ ही डोटासरा समेत 6 विधायकों को बजट सत्र से निलंबित कर दिया गया. कांग्रेस की प्रवक्ता स्वर्णिम चतुर्वेदी ने एक्स पर बताया कि भाजपा सरकार के मंत्री की ओर से पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी जी के अपमान और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा जी समेत 6 विधायकों के निलंबन के खिलाफ शनिवार 22 फरवरी को सभी जिला मुख्यालयों पर विरोध प्रदर्शन आयोजित किया जाएगा.