ETV Bharat / state

सेवर जेल प्रहरी पर बंदियों से अवैध वसूली और प्रताड़ना के आरोप, जेल प्रशासन ने शुरू की जांच - BHARATPUR CENTRAL JAIL

भरतपुर केंद्रीय कारागृह के जेल प्रहरी पर कई गंभीर आरोप लगे हैं.

सेवर जेल प्रहरी पर आरोप
सेवर जेल प्रहरी पर आरोप (ETV Bharat Bharatpur)
author img

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Feb 22, 2025, 7:07 AM IST

भरतपुर : केंद्रीय कारागृह सेवर में तैनात एक जेल प्रहरी पर बंदियों से अवैध वसूली और क्रूरतापूर्ण व्यवहार के गंभीर आरोप लगे हैं. शिकायतकर्ताओं में एक आजीवन कारावास भुगत रहे बंदी का भाई और हाल ही में रिहा हुआ एक पूर्व बंदी शामिल है. मामले की गंभीरता को देखते हुए जेल प्रशासन ने जांच शुरू कर दी है. हालांकि, पूरे मामले को लेकर जेल प्रहरी ने कहा कि उस पर लगाए गए सभी आरोप झूठे और मनगढ़ंत हैं. उसने कभी किसी से पैसे नहीं मांगे. जिन लोगों के नाम लिए जा रहे हैं, उन्हें वो जानता तक नहीं है.

प्रहरी के खिलाफ शिकायत मिली है और मामले की जांच की जा रही है. यदि वह दोषी पाया जाता है, तो उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी और उच्च अधिकारियों को भी सूचित किया जाएगा. : परमजीत सिंह सिद्धू, जेल अधीक्षक

पहला मामला: 20 हजार रुपए मासिक वसूली का दबाव : ग्राम गढ़ी, तहसील रूपवास निवासी प्रदीप कुमार ने मानवाधिकार आयोग, गृह राज्य मंत्री, डीजीपी जेल, जेल अधीक्षक, जिला कलेक्टर और एसपी को शिकायत पत्र भेजा है. प्रदीप का आरोप है कि जेल प्रहरी उसके भाई कुलविंदर उर्फ कुल्लू से तलाशी के नाम पर अमानवीय व्यवहार करता है और 20 हजार रुपए मासिक वसूली की मांग करता है. पैसे न देने पर उसे झूठे नशे के आरोपों में फंसाने और जेल रिकॉर्ड खराब करने की धमकी दी जाती है. इसके अलावा, वह महंगे जूते और ट्रैक शूट जैसी वस्तुओं की मांग भी करता है.

पढ़ें. सेंट्रल जेल में मोबाइल मिलने का मामला: 20 हजार में सौदा कर अंदर पहुंचाए थे मोबाइल, जेल प्रहरी समेत दो गिरफ्तार

दूसरा मामला: प्रताड़ना और अवैध वसूली के आरोप : डीग निवासी बंटी गुर्जर डेढ़ साल की सजा काटकर चार माह पहले रिहा हुआ है. उसने भी प्रहरी पर संगीन आरोप लगाए हैं. बंटी का कहना है कि जब भी आरोपी की ड्यूटी होती थी, वह बंदियों से जबरन मासिक वसूली करता था. पैसे न देने वालों के साथ दुर्व्यवहार किया जाता था और उन्हें कठोर यातनाएं दी जाती थीं. प्रहरी के डर से बंदी अपने परिवारवालों से फोन पर पैसे मंगाकर उसे सौंपने को मजबूर होते थे.

प्रहरी की कार्यशैली पर सवाल : जानकारी के अनुसार प्रहरी पहले भारतीय सेना में कार्यरत था, जिसके बाद वह जेल प्रहरी बना. इससे पहले उसकी तैनाती डीग उप-जेल में थी, जहां 2021-22 में एक बंदी के साथ मारपीट कर उसका सिर फोड़ने के आरोप भी उस पर लगे थे. फरवरी 2024 में सेवर जेल स्थानांतरित होने के बाद भी उसकी कार्यशैली पर सवाल उठे हैं. आरोप है कि वह जेल में अपनी मनमानी करता है और तानाशाहीपूर्ण रवैया अपनाता है. अन्य अधिकारियों और कर्मचारियों से भी उसका व्यवहार अभद्र बताया जा रहा है. हालांकि, जिन लोगों ने प्रहरी पर आरोप लगाए हैं, उनकी पृष्ठभूमि भी संदिग्ध बताई जा रही हैय बंटी गुर्जर के खिलाफ कई आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं.

भरतपुर : केंद्रीय कारागृह सेवर में तैनात एक जेल प्रहरी पर बंदियों से अवैध वसूली और क्रूरतापूर्ण व्यवहार के गंभीर आरोप लगे हैं. शिकायतकर्ताओं में एक आजीवन कारावास भुगत रहे बंदी का भाई और हाल ही में रिहा हुआ एक पूर्व बंदी शामिल है. मामले की गंभीरता को देखते हुए जेल प्रशासन ने जांच शुरू कर दी है. हालांकि, पूरे मामले को लेकर जेल प्रहरी ने कहा कि उस पर लगाए गए सभी आरोप झूठे और मनगढ़ंत हैं. उसने कभी किसी से पैसे नहीं मांगे. जिन लोगों के नाम लिए जा रहे हैं, उन्हें वो जानता तक नहीं है.

प्रहरी के खिलाफ शिकायत मिली है और मामले की जांच की जा रही है. यदि वह दोषी पाया जाता है, तो उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी और उच्च अधिकारियों को भी सूचित किया जाएगा. : परमजीत सिंह सिद्धू, जेल अधीक्षक

पहला मामला: 20 हजार रुपए मासिक वसूली का दबाव : ग्राम गढ़ी, तहसील रूपवास निवासी प्रदीप कुमार ने मानवाधिकार आयोग, गृह राज्य मंत्री, डीजीपी जेल, जेल अधीक्षक, जिला कलेक्टर और एसपी को शिकायत पत्र भेजा है. प्रदीप का आरोप है कि जेल प्रहरी उसके भाई कुलविंदर उर्फ कुल्लू से तलाशी के नाम पर अमानवीय व्यवहार करता है और 20 हजार रुपए मासिक वसूली की मांग करता है. पैसे न देने पर उसे झूठे नशे के आरोपों में फंसाने और जेल रिकॉर्ड खराब करने की धमकी दी जाती है. इसके अलावा, वह महंगे जूते और ट्रैक शूट जैसी वस्तुओं की मांग भी करता है.

पढ़ें. सेंट्रल जेल में मोबाइल मिलने का मामला: 20 हजार में सौदा कर अंदर पहुंचाए थे मोबाइल, जेल प्रहरी समेत दो गिरफ्तार

दूसरा मामला: प्रताड़ना और अवैध वसूली के आरोप : डीग निवासी बंटी गुर्जर डेढ़ साल की सजा काटकर चार माह पहले रिहा हुआ है. उसने भी प्रहरी पर संगीन आरोप लगाए हैं. बंटी का कहना है कि जब भी आरोपी की ड्यूटी होती थी, वह बंदियों से जबरन मासिक वसूली करता था. पैसे न देने वालों के साथ दुर्व्यवहार किया जाता था और उन्हें कठोर यातनाएं दी जाती थीं. प्रहरी के डर से बंदी अपने परिवारवालों से फोन पर पैसे मंगाकर उसे सौंपने को मजबूर होते थे.

प्रहरी की कार्यशैली पर सवाल : जानकारी के अनुसार प्रहरी पहले भारतीय सेना में कार्यरत था, जिसके बाद वह जेल प्रहरी बना. इससे पहले उसकी तैनाती डीग उप-जेल में थी, जहां 2021-22 में एक बंदी के साथ मारपीट कर उसका सिर फोड़ने के आरोप भी उस पर लगे थे. फरवरी 2024 में सेवर जेल स्थानांतरित होने के बाद भी उसकी कार्यशैली पर सवाल उठे हैं. आरोप है कि वह जेल में अपनी मनमानी करता है और तानाशाहीपूर्ण रवैया अपनाता है. अन्य अधिकारियों और कर्मचारियों से भी उसका व्यवहार अभद्र बताया जा रहा है. हालांकि, जिन लोगों ने प्रहरी पर आरोप लगाए हैं, उनकी पृष्ठभूमि भी संदिग्ध बताई जा रही हैय बंटी गुर्जर के खिलाफ कई आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.