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खबर का असर: सालों से बंद पड़ा चांदपोल विद्युत शवदाह गृह होगा शुरू - chandpol electrical crematorium started

जयपुर का चांदपोल विद्युत शवदाह गृह आखिरकार शुरू होने जा रहा है. यह सालों से बंद पड़ा था. कोरोना काल में लकड़ियों की सप्लाई बाधित होने और बिजली बिल बकाया होने की वजह से मशीन लगाने के बाद भी इसको शुरू नहीं किया जा सका. अब इसकी जिम्मेदारी नगर निगम ने जैन सभा समिति को सौंपी है.

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सालों से बंद चांदपोल विद्युत शवदाह गृह होगा शुरू
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Published : Sep 2, 2020, 4:59 PM IST

जयपुर. 2017 में चांदपोल विद्युत शवदाह गृह में नई मशीन लगाई गई थी, लेकिन मशीन का आज तक इस्तेमाल नहीं हुआ. लॉकडाउन के दिनों में शहर के श्मशान घाटों में लकड़ियों की आपूर्ति बाधित होने पर भी विद्युत शवदाह गृह को शुरू नहीं किया गया. बंद पड़े शवदाह गृह की खबर ईटीवी भारत पर प्रसारित होने के बाद अब, नगर निगम प्रशासन ने सर्व समाज के लिए 5 साल तक इसके संचालन की जिम्मेदारी जैन सभा समिति को सौंपी है.

पढ़ें: जयपुर: 2017 में चांदपोल विद्युत शवदाह गृह में नई मशीन तो लगी, लेकिन अब तक नहीं हुआ इस्तेमाल

90 के दशक में चांदपोल विद्युत शवदाह गृह की शुरुआत हुई थी, लेकिन जागरूकता के अभाव में महज 10 से 20 शवों का ही यहां दाह संस्कार हुआ और फिर मशीन खराब हो गई. जयपुर के कुछ सामाजिक संगठनों ने नगर निगम प्रशासन के सामने कई बार गुहार लगाई. मेयर ज्योति खंडेलवाल से लेकर मेयर निर्मल नहाटा का दरवाजा खटखटाया. तब जाकर 2017 में नई मशीन लगी और 2019 में इसका जीर्णोद्धार भी किया गया, लेकिन बिजली बिल नहीं भरने की वजह से मशीन लगने के बाद भी विद्युत शवदाह गृह शुरू नहीं हो पाया.

6 सितंबर से चांदपोल विद्युत शवदाह गृह होगा शुरू

हालांकि, अब इसके मेंटेनेंस और संचालन के लिए नगर निगम प्रशासन ने जयपुर जैन सभा समिति को जिम्मेदारी सौंपी है. निगम एडिशनल कमिश्नर अरुण गर्ग ने बताया कि 5 साल तक जैन सभा समिति तमाम खर्च वहन करेगी और विकास कार्य निगम द्वारा किया जाएगा.

उधर समाजसेवी सुदीप बगड़ा ने ईटीवी भारत द्वारा इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाने पर आभार जताते हुए कहा कि 6 सितंबर से इसका संचालन सर्व समाज के लिए शुरू किया जाएगा. इस व्यवस्था में स्वेच्छा से यदि कोई रखरखाव के मद्देनजर राशि देना चाहे तो उससे अधिकतम 2000 रुपए ही लिए जाएंगे. एक शव के अंतिम संस्कार में कई किलो लकड़ी लगती हैं. विद्युत शवदाह गृह शुरू होने से पर्याववरण संरक्षण के लिहाज से भी एक सुखद पहल होगी.

जयपुर. 2017 में चांदपोल विद्युत शवदाह गृह में नई मशीन लगाई गई थी, लेकिन मशीन का आज तक इस्तेमाल नहीं हुआ. लॉकडाउन के दिनों में शहर के श्मशान घाटों में लकड़ियों की आपूर्ति बाधित होने पर भी विद्युत शवदाह गृह को शुरू नहीं किया गया. बंद पड़े शवदाह गृह की खबर ईटीवी भारत पर प्रसारित होने के बाद अब, नगर निगम प्रशासन ने सर्व समाज के लिए 5 साल तक इसके संचालन की जिम्मेदारी जैन सभा समिति को सौंपी है.

पढ़ें: जयपुर: 2017 में चांदपोल विद्युत शवदाह गृह में नई मशीन तो लगी, लेकिन अब तक नहीं हुआ इस्तेमाल

90 के दशक में चांदपोल विद्युत शवदाह गृह की शुरुआत हुई थी, लेकिन जागरूकता के अभाव में महज 10 से 20 शवों का ही यहां दाह संस्कार हुआ और फिर मशीन खराब हो गई. जयपुर के कुछ सामाजिक संगठनों ने नगर निगम प्रशासन के सामने कई बार गुहार लगाई. मेयर ज्योति खंडेलवाल से लेकर मेयर निर्मल नहाटा का दरवाजा खटखटाया. तब जाकर 2017 में नई मशीन लगी और 2019 में इसका जीर्णोद्धार भी किया गया, लेकिन बिजली बिल नहीं भरने की वजह से मशीन लगने के बाद भी विद्युत शवदाह गृह शुरू नहीं हो पाया.

6 सितंबर से चांदपोल विद्युत शवदाह गृह होगा शुरू

हालांकि, अब इसके मेंटेनेंस और संचालन के लिए नगर निगम प्रशासन ने जयपुर जैन सभा समिति को जिम्मेदारी सौंपी है. निगम एडिशनल कमिश्नर अरुण गर्ग ने बताया कि 5 साल तक जैन सभा समिति तमाम खर्च वहन करेगी और विकास कार्य निगम द्वारा किया जाएगा.

उधर समाजसेवी सुदीप बगड़ा ने ईटीवी भारत द्वारा इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाने पर आभार जताते हुए कहा कि 6 सितंबर से इसका संचालन सर्व समाज के लिए शुरू किया जाएगा. इस व्यवस्था में स्वेच्छा से यदि कोई रखरखाव के मद्देनजर राशि देना चाहे तो उससे अधिकतम 2000 रुपए ही लिए जाएंगे. एक शव के अंतिम संस्कार में कई किलो लकड़ी लगती हैं. विद्युत शवदाह गृह शुरू होने से पर्याववरण संरक्षण के लिहाज से भी एक सुखद पहल होगी.

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