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जयपुरः गोवत्स द्वादशी पर पूजे गए गाय-बछड़े, महिलाओं ने गायों की दुर्दशा पर भी जताई चिंता

चाकसू में मंगलवार को गोवत्स द्वादशी का पर्व श्रद्धा के साथ मनाया गया. इस अवसर पर महिलाओं ने गाय और उसके बछड़े की पूजा-अर्चना कर घर परिवार की खुशहाली की कामना की.

jaipur news, जयपुर समाचार
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Published : Aug 27, 2019, 3:54 PM IST

चाकसू (जयपुर). पूरे भारत वर्ष में भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की द्वादशी को बछबारस का पर्व मनाया जाता है. बता दे कि इस दिन पुत्रवती महिलाएं पुत्र की कुशलता के लिए गाय और बछड़े का पूजन करती है. उपखण्ड क्षेत्र में मंगलवार को गोवत्स द्वादसी का पर्व श्रद्धा के साथ मनाया गया. इस अवसर पर महिलाओं ने गाय और उसके बछड़े की पूजा-अर्चना कर घर परिवार की खुशहाली की कामना की. बाद में बच्चों को तिलक लगाकर उन्हें मिठाई खिलाकर उनके दीर्घायु होने की प्राथना की.

गोवत्स द्वादशी पर पूजे गए गाय-बछड़े

वहीं, महिलाओं ने बताया कि आज के दिन गेंहू और चावल और गौरस से बनी खाघ सामग्री नही खाते है. महिलाओं ने पूजा सामग्री से सजी धजी थाली लेकर गाय व बछड़े को चना, मूंग, मोठ, मक्का, दही आदि खिलाया तथा वस्त्र ओढ़ाकर पूजा की. पूंछ को सिर पर लगाकर गाय और बछड़े की परिक्रमा की. महिलाओं ने गोपालक को अन्न और वस्त्र भी भेंट किए. महिलाओं ने गाय की दिन-प्रतिदिन हो रही बदहाली पर गीत गाकर कृष्ण भगवान से गाय की रक्षा के लिए भी प्रार्थना की.

चाकसू (जयपुर). पूरे भारत वर्ष में भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की द्वादशी को बछबारस का पर्व मनाया जाता है. बता दे कि इस दिन पुत्रवती महिलाएं पुत्र की कुशलता के लिए गाय और बछड़े का पूजन करती है. उपखण्ड क्षेत्र में मंगलवार को गोवत्स द्वादसी का पर्व श्रद्धा के साथ मनाया गया. इस अवसर पर महिलाओं ने गाय और उसके बछड़े की पूजा-अर्चना कर घर परिवार की खुशहाली की कामना की. बाद में बच्चों को तिलक लगाकर उन्हें मिठाई खिलाकर उनके दीर्घायु होने की प्राथना की.

गोवत्स द्वादशी पर पूजे गए गाय-बछड़े

वहीं, महिलाओं ने बताया कि आज के दिन गेंहू और चावल और गौरस से बनी खाघ सामग्री नही खाते है. महिलाओं ने पूजा सामग्री से सजी धजी थाली लेकर गाय व बछड़े को चना, मूंग, मोठ, मक्का, दही आदि खिलाया तथा वस्त्र ओढ़ाकर पूजा की. पूंछ को सिर पर लगाकर गाय और बछड़े की परिक्रमा की. महिलाओं ने गोपालक को अन्न और वस्त्र भी भेंट किए. महिलाओं ने गाय की दिन-प्रतिदिन हो रही बदहाली पर गीत गाकर कृष्ण भगवान से गाय की रक्षा के लिए भी प्रार्थना की.

Intro:चाकसू (जयपुर). राजस्‍थान सहित पूरे भारत वर्ष में भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की द्वादशी को बछबारस का पर्व मनाया जाता है। बतादे इस दिन पुत्रवती महिलाएं पुत्र की कुशलता के लिए गाय और बछड़े का पूजन करती है| Body:इसी सिलसिले में जयपुर जिले के चाकसू कस्बा सहित उपखण्ड क्षेत्र में मंगलवार को गोवत्स द्वादसी का पर्व श्रद्धा के साथ मनाया गया। इस अवसर पर महिलाओं ने गाय एवं उसके बछड़े की पूजा-अर्चना कर घर परिवार एवं खुशहाली की कामना की। बाद में बच्चों के तिलक लगाकर उन्हें मिठाई खिला आशीर्वाद देकर दीर्घायु की कामना की| महिलाओं ने बताया कि आज के दिन गेंहू व चावल और गौरस से बनी खाघ सामग्री नही खाते साथ ही काटी-कुटी भी कोई चीज नही खाई जाती है|

बाइट-01: सुमन स्वामी।

बाईट-02: राधा देवी जांगिड़।


Conclusion:महिलाओं ने पूजा सामग्री से सजी धजी थाली लेकर गाय व बछड़े को चना, मूंग, मोठ, मक्का, दही आदि खिलाया तथा वस्त्र ओढ़ाकर पूजा की। पूंछ को सिर पर लगाकर गाय व बछड़े की परिक्रमा की। महिलाओं ने गोपालक को अन्न व वस्त्र भी भेंट किए। महिलाओं ने गाय की दिन-प्रतिदिन हो रही बदहाली पर गीत गाकर कृष्ण भगवान से गाय की रक्षा के लिए प्रार्थना भी की |

-ईटीवी भारत के लिए मुकेश सिर्रा चाकसू।
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