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विप्र कल्याण बोर्ड अध्यक्ष और उपाध्यक्ष ने ग्रहण किया पदभार, कैबिनेट मंत्री बीडी कल्ला और महेश जोशी ने कही ये बड़ी बात

कांग्रेस के चुनाव घोषणा पत्र में किए गए वादे को पूरा करते हुए पहली बार विप्र कल्याण बोर्ड का गठन किया गया है. जिसके अध्यक्ष महेश शर्मा और उपाध्यक्ष (Chairman and Vice President of Vipra Kalyan Board) मंजू शर्मा ने पदभार ग्रहण किया. इस दौरान मंत्री बीडी कल्ला और मंत्री महेश जोशी भी मौजूद रहे.

Vipra Kalyan Board
विप्र कल्याण बोर्ड का गठन
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Published : Feb 14, 2022, 2:22 PM IST

Updated : Feb 15, 2022, 6:50 AM IST

जयपुर. कांग्रेस के चुनाव घोषणा पत्र में किए गए वादे को पूरा करते हुए पहली बार विप्र कल्याण बोर्ड (Vipra Kalyan Board) का गठन किया गया है. जिसके अध्यक्ष महेश शर्मा और उपाध्यक्ष मंजू शर्मा ने सोमवार को सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग अंबेडकर भवन में पदभार ग्रहण करते हुए, ईडब्ल्यूएस (EWS) की विसंगति को दूर करवाकर समाज के कमजोर वर्ग को आगे बढ़ाने की बात कही. इस दौरान मंत्री बीडी कल्ला और मंत्री महेश जोशी भी मौजूद रहे.

अंबेडकर भवन में आयोजित पदभार ग्रहण समारोह के दौरान मंत्रोच्चार के साथ भगवान परशुराम की पूजा अर्चना के बाद महेश शर्मा और मंजू शर्मा ने कुर्सी संभाली. मंत्री बीडी कल्ला ने कहा कि विप्र समाज के लोग समय-समय पर उनसे, मंत्री महेश जोशी और पूर्व मंत्री रघु शर्मा से मिलकर विप्र कल्याण बोर्ड के गठन की मांग करते थे. अब राज्य सरकार ने चुनाव घोषणा पत्र में किए अपने वादे को निभाया है. अब महेश शर्मा और मंजू शर्मा मिलकर विप्र कल्याण बोर्ड के उद्देश्य को सफल करेंगे.

विप्र कल्याण बोर्ड का गठन

मंत्री महेश जोशी ने विप्र कल्याण बोर्ड के गठन को लेकर सीएम अशोक गहलोत का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि ब्राह्मण बंधुओं को ऐसा लग रहा है कि उनमें सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक रूप से पिछड़ापन आता जा रहा है. उसको दूर करने के लिए सीएम अशोक गहलोत ने ये पहल की है. इसे लेकर पूरे ब्राह्मण समाज में हर्ष है. अब समाज की समस्याओं पर ध्यान देते हुए उत्थान पर काम किया जाएगा.

पढ़ें : RBSE Administrator : प्रशासक एलएन मंत्री ने संभाला पदभार, 10वीं, 12वीं और रीट परीक्षा को लेकर कही ये बात

उन्होंने कहा कि 1998 में अशोक गहलोत पहली बार मुख्यमंत्री बने तब से पहले चुनाव घोषणापत्र को कोई गंभीरता से नहीं लेता था. उन्होंने चुनाव घोषणा पत्र की गंभीरता को स्थापित किया और उसे आज तक कायम रखा है. कांग्रेस की कथनी और करनी में कोई अंतर नहीं है, कांग्रेस जो वादे करती है उसे पूरा करती है.

वहीं विप्र कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष बने महेश शर्मा ने पदभार ग्रहण करने के बाद कहा कि अब समाज के प्रति नैतिक दायित्व है कि अधिक से अधिक कार्य योजना बनाकर उन्हें समय बद्ध रूप से लागू करवाए जा सके. जिससे हर वर्ग और गांव तक सरकार की योजनाओं का लाभ मिल सके. समाज के आर्थिक रूप से पिछड़े हुए लोगों को आरक्षण के सवाल पर उन्होंने कहा कि जो भी नियम कानून में प्रावधान है, उन्हें अमलीजामा पहनाने का काम किया जाएगा.

पढ़ें : राजस्थान राजनीतिक नियुक्तियों में CM गहलोत की छाप, पायलट कैंप के केवल 4 नेता...देखिए पूरी लिस्ट

साथ ही ईडब्ल्यूएस में जो विसंगतियां हैं उन्हें दूर करने का काम किया जाएगा. आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए योजना बनाई जाएगी. बच्चों की शिक्षा पर फोकस किया जाएगा और रोजगार के लिए ट्रेनिंग प्रोग्राम भी शुरू किए जाएंगे. वहीं उपाध्यक्ष पद पर कार्यभार ग्रहण करने वाली मंजू शर्मा ने कहा कि महिलाओं की शिक्षा और रोजगार को लेकर जो भी दिशा-निर्देश मिलेंगे, उसी के अनुसार उनके उत्थान को लेकर काम करेंगे. आपको बता दें कि 2018 के चुनावी मेनिफेस्टो में कांग्रेस पार्टी ने विप्र कल्याण बोर्ड के गठन की घोषणा की थी. जिसे 3 साल बाद कांग्रेस सरकार ने पूरा किया है.

वहीं, दूसरी तरफ रीट परीक्षा पेपर लीक प्रकरण में सदन से लेकर सड़क तक हंगामा बरपा हुआ है. विपक्ष के हंगामे के बाद राज्य सरकार ने मामले में सीबीआई जांच नहीं कराने की बात कही है. साथ ही अब शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला से लेकर जलदाय मंत्री महेश जोशी ने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि बीजेपी नॉन इशू को इशू बनाने में लगी हुई है. राज्य सरकार को एसओजी की कार्रवाई पर भरोसा है.

शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला ने कहा कि केंद्र और दूसरे राज्यों की परीक्षाओं में भी पेपर आउट होते हैं. पेपर आउट करने वालों का एक जाल बन चुका है, उसको तोड़ने के लिए सख्त कानून लाने की आवश्यकता है. इसे लेकर हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में 3 सदस्यों की कमेटी बनाई है, जो 45 दिन में अपनी रिपोर्ट सरकार को प्रस्तुत करेगी और एक प्रभावी कानून बनाकर रोक लगाई जाएगी. एसओजी ने जो जांच की उसकी शुरुआत में विपक्ष के नेता गुलाबचंद कटारिया ने भी तारीफ की और अब तक 38 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है. उन्होंने कहा कि फिलहाल मामला हाईकोर्ट के पास लंबित है और जब मामला कोर्ट में है तो उस पर चर्चा नहीं की जा सकती.

वहीं, जलदाय मंत्री महेश जोशी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी हठधर्मिता पर है. जो मुद्दा sub-judice होता है, उस पर चर्चा नहीं होती. रीट के मामले में जो कार्रवाई हुई है, ऐसी गंभीर कार्रवाई परीक्षा संबंधी किसी भी मामले में कभी नहीं हुई. यदि सरकार का एसओजी पर दबाव नहीं होता तो क्या इस तरह की कार्रवाई हो पाती. उन्होंने कहा कि हर मामले में सीबीआई जांच नहीं कराई जा सकती. राजस्थान सरकार को अपनी एसओजी और पुलिस पर विश्वास है. जिस मामले में आज तक थाने से ऊपर जांच नहीं हुई हो, उस मामले में सीबीआई की जांच की बात कर रहे हैं. बीजेपी दूसरे प्रदेशों में सीबीआई जांच की मांग क्यों नहीं करती.

जयपुर. कांग्रेस के चुनाव घोषणा पत्र में किए गए वादे को पूरा करते हुए पहली बार विप्र कल्याण बोर्ड (Vipra Kalyan Board) का गठन किया गया है. जिसके अध्यक्ष महेश शर्मा और उपाध्यक्ष मंजू शर्मा ने सोमवार को सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग अंबेडकर भवन में पदभार ग्रहण करते हुए, ईडब्ल्यूएस (EWS) की विसंगति को दूर करवाकर समाज के कमजोर वर्ग को आगे बढ़ाने की बात कही. इस दौरान मंत्री बीडी कल्ला और मंत्री महेश जोशी भी मौजूद रहे.

अंबेडकर भवन में आयोजित पदभार ग्रहण समारोह के दौरान मंत्रोच्चार के साथ भगवान परशुराम की पूजा अर्चना के बाद महेश शर्मा और मंजू शर्मा ने कुर्सी संभाली. मंत्री बीडी कल्ला ने कहा कि विप्र समाज के लोग समय-समय पर उनसे, मंत्री महेश जोशी और पूर्व मंत्री रघु शर्मा से मिलकर विप्र कल्याण बोर्ड के गठन की मांग करते थे. अब राज्य सरकार ने चुनाव घोषणा पत्र में किए अपने वादे को निभाया है. अब महेश शर्मा और मंजू शर्मा मिलकर विप्र कल्याण बोर्ड के उद्देश्य को सफल करेंगे.

विप्र कल्याण बोर्ड का गठन

मंत्री महेश जोशी ने विप्र कल्याण बोर्ड के गठन को लेकर सीएम अशोक गहलोत का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि ब्राह्मण बंधुओं को ऐसा लग रहा है कि उनमें सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक रूप से पिछड़ापन आता जा रहा है. उसको दूर करने के लिए सीएम अशोक गहलोत ने ये पहल की है. इसे लेकर पूरे ब्राह्मण समाज में हर्ष है. अब समाज की समस्याओं पर ध्यान देते हुए उत्थान पर काम किया जाएगा.

पढ़ें : RBSE Administrator : प्रशासक एलएन मंत्री ने संभाला पदभार, 10वीं, 12वीं और रीट परीक्षा को लेकर कही ये बात

उन्होंने कहा कि 1998 में अशोक गहलोत पहली बार मुख्यमंत्री बने तब से पहले चुनाव घोषणापत्र को कोई गंभीरता से नहीं लेता था. उन्होंने चुनाव घोषणा पत्र की गंभीरता को स्थापित किया और उसे आज तक कायम रखा है. कांग्रेस की कथनी और करनी में कोई अंतर नहीं है, कांग्रेस जो वादे करती है उसे पूरा करती है.

वहीं विप्र कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष बने महेश शर्मा ने पदभार ग्रहण करने के बाद कहा कि अब समाज के प्रति नैतिक दायित्व है कि अधिक से अधिक कार्य योजना बनाकर उन्हें समय बद्ध रूप से लागू करवाए जा सके. जिससे हर वर्ग और गांव तक सरकार की योजनाओं का लाभ मिल सके. समाज के आर्थिक रूप से पिछड़े हुए लोगों को आरक्षण के सवाल पर उन्होंने कहा कि जो भी नियम कानून में प्रावधान है, उन्हें अमलीजामा पहनाने का काम किया जाएगा.

पढ़ें : राजस्थान राजनीतिक नियुक्तियों में CM गहलोत की छाप, पायलट कैंप के केवल 4 नेता...देखिए पूरी लिस्ट

साथ ही ईडब्ल्यूएस में जो विसंगतियां हैं उन्हें दूर करने का काम किया जाएगा. आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए योजना बनाई जाएगी. बच्चों की शिक्षा पर फोकस किया जाएगा और रोजगार के लिए ट्रेनिंग प्रोग्राम भी शुरू किए जाएंगे. वहीं उपाध्यक्ष पद पर कार्यभार ग्रहण करने वाली मंजू शर्मा ने कहा कि महिलाओं की शिक्षा और रोजगार को लेकर जो भी दिशा-निर्देश मिलेंगे, उसी के अनुसार उनके उत्थान को लेकर काम करेंगे. आपको बता दें कि 2018 के चुनावी मेनिफेस्टो में कांग्रेस पार्टी ने विप्र कल्याण बोर्ड के गठन की घोषणा की थी. जिसे 3 साल बाद कांग्रेस सरकार ने पूरा किया है.

वहीं, दूसरी तरफ रीट परीक्षा पेपर लीक प्रकरण में सदन से लेकर सड़क तक हंगामा बरपा हुआ है. विपक्ष के हंगामे के बाद राज्य सरकार ने मामले में सीबीआई जांच नहीं कराने की बात कही है. साथ ही अब शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला से लेकर जलदाय मंत्री महेश जोशी ने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि बीजेपी नॉन इशू को इशू बनाने में लगी हुई है. राज्य सरकार को एसओजी की कार्रवाई पर भरोसा है.

शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला ने कहा कि केंद्र और दूसरे राज्यों की परीक्षाओं में भी पेपर आउट होते हैं. पेपर आउट करने वालों का एक जाल बन चुका है, उसको तोड़ने के लिए सख्त कानून लाने की आवश्यकता है. इसे लेकर हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में 3 सदस्यों की कमेटी बनाई है, जो 45 दिन में अपनी रिपोर्ट सरकार को प्रस्तुत करेगी और एक प्रभावी कानून बनाकर रोक लगाई जाएगी. एसओजी ने जो जांच की उसकी शुरुआत में विपक्ष के नेता गुलाबचंद कटारिया ने भी तारीफ की और अब तक 38 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है. उन्होंने कहा कि फिलहाल मामला हाईकोर्ट के पास लंबित है और जब मामला कोर्ट में है तो उस पर चर्चा नहीं की जा सकती.

वहीं, जलदाय मंत्री महेश जोशी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी हठधर्मिता पर है. जो मुद्दा sub-judice होता है, उस पर चर्चा नहीं होती. रीट के मामले में जो कार्रवाई हुई है, ऐसी गंभीर कार्रवाई परीक्षा संबंधी किसी भी मामले में कभी नहीं हुई. यदि सरकार का एसओजी पर दबाव नहीं होता तो क्या इस तरह की कार्रवाई हो पाती. उन्होंने कहा कि हर मामले में सीबीआई जांच नहीं कराई जा सकती. राजस्थान सरकार को अपनी एसओजी और पुलिस पर विश्वास है. जिस मामले में आज तक थाने से ऊपर जांच नहीं हुई हो, उस मामले में सीबीआई की जांच की बात कर रहे हैं. बीजेपी दूसरे प्रदेशों में सीबीआई जांच की मांग क्यों नहीं करती.

Last Updated : Feb 15, 2022, 6:50 AM IST
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