जयपुर. गहलोत सरकार की शत-प्रतिशत जन घोषणा पत्र की क्रियान्विति पर केंद्र सरकार ने 'ब्रेक' लगा दिया है. ये कहना है उर्जा मंत्री बीडी कल्ला का. मंत्री कल्ला का कहना है कि कुछ बिंदुओं को पूरा करने के लिए केंद्र सरकार से अनुमति और सहयोग लेना पड़ेगा. लेकिन इनको लेकर बार-बार पत्र लिखने पर भी कोई जवाब नहीं मिल रहा है.
दरअसल, प्रदेश की गहलोत ने सत्ता में आने से पहले घोषणा पत्र जारी किया गया, जिसे सत्ता में आने के साथ सरकारी दस्तावेज में शमिल कर लिया. प्रदेश सरकार इसे शत-प्रतिशत पूरा करना चाह रही है, लेकिन 8 प्रतिशत कार्यों पर केंद्र सरकार की अनुमति और सहयोग नहीं मिलने से लक्ष्य पर ब्रेक लगा हुआ है.
केंद्र सरकार से किस तरह से इन बिन्दुओं को पूरा कराया जाए, इसको लेकर आज बुधवार को ऊर्जा मंत्री बीडी कल्ला की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल सब-कमेटी की अहम बैठक हुई. बैठक में सामने आया कि राज्य सरकार के 501 बिंदुओं में से 321 बिंदु यानी 64 प्रतिशत वादे पूरे हो चुके हैं, जबकि 138 बिंदु यानी 28 फीसदी वादे प्रगति पर हैं.
इसके अलावा 42 बिंदु यानी 8 फीसदी वादों को पूरा करने के लिए केंद्र सरकार की अनुमति और सहयोग की जरूरत है. जिसमें कृषि संसाधनों पर लगी जीएसटी कम करने, जीएसटी का सरलीकरण के साथ रेलवे लाइन के विस्तार शामिल हैं. लेकिन पिछले ढाई साल में राज्य सरकार ने केंद्र को कई बार पत्र भी लिखा, बावजूद इसके केंद्र सरकार से इसमें कोई सहयोग नहीं मिल रहा है. ऐसे में अब गहलोत सरकार की ओर से एक बार फिर केंद्र को रिमाइंडर लेटर भेजा जाएगा.
हम आपको बता दें कि आज मंत्री बीडी कल्ला की अध्यक्षता में यह जन घोषणा पत्र क्रियान्विति को लेकर आठवीं बैठक बुलाई गई थी. जिसमें अधिकारियों को भी यह निर्देश दिए गए कि जन घोषणा पत्र को गंभीरता से लेकर पूरा करें.