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केंद्रीय वित्त आयोग ने उठाया केन्द्र सरकार की उदय योजना पर सवाल...कहा- प्रदेश की उदय योजना से आर्थिक स्थति गड़बड़ाई - उदय योजना राजस्थान

केंद्र सरकार की उदय योजना पर केंद्रीय वित्त आयोग ने सवाल उठा दिए हैं. आयोग ने कहा उदय योजना से जुड़ने के बाद राजस्थान की आर्थिक स्थिति गड़बड़ा गई है.

uday yojna in rajasthan, जयपुर न्यूज
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Published : Sep 9, 2019, 11:34 PM IST

जयपुर. केंद्र सरकार की उदय योजना पर केंद्रीय वित्त आयोग ने सवाल उठा दिए हैं. आयोग ने कहा उदय योजना से जुड़ने के बाद राजस्थान की आर्थिक स्थिति गड़बड़ा गई है. हालांकि, उन्होंने प्रदेश में सोलर ऊर्जा की ओर बढ़ते कदम की सराहना करते हुए कहा इससे ऊर्जा की खपत में कमी आएगी.

कर्ज में डूबी हुई बिजली कंपनियों को राहत देने के लिए राजस्थान में केंद्र सरकार की उदय योजना में शामिल होकर अपनी भूमिका निभाई. लेकिन, इस योजना में शामिल होने के बाद राजस्थान में आर्थिक स्थिति गड़बड़ा गई है, यह मानना है केंद्रीय वित्त आयोग का.

केंद्रीय वित्त आयोग ने उठाया केन्द्र सरकार की उदय योजना पर सवाल

राजस्थान के चार दिवसीय दौरे पर आए केंद्रीय वित्त आयोग की टीम ने यह माना कि राजस्थान में उदय योजना के साथ जुड़कर जो 60 हजार करोड़ रुपए से अधिक की सहायता कर्ज में डूबी बिजली कंपनियों को दी. उसके बाद प्रदेश की आर्थिक स्थिति में काफी गिरावट आई है.

पढ़ें: सवाई माधोपुर में कलेक्टर PA की अवैध वसूली का ऑडियो वायरल...पटवारी से फोन पर मांग रहा रुपए

केंद्रीय वित्त आयोग के अध्यक्ष एनके सिंह ने कहा कि यह बताना थोड़ा मुश्किल सा लगता है, लेकिन यह सच है कि उदय योजना के साथ जुड़ने के बाद प्रदेश की आर्थिक स्थिति में गिरावट आई है, इससे पहले प्रदेश की आर्थिक स्थिति इतनी खराब नहीं थी. हालांकि एनके सिंह ने बिजली खपत के ऊपर राजस्थान के सोलर ऊर्जा की तरफ बढ़ते कदमों की सराहना भी की. उन्होंने कहा कि राजस्थान सौर ऊर्जा के क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है, जो कि एक अच्छा संकेत है, जिससे बिजली कंपनियों पर बिजली उत्पादन का दबाव कम होगा.

बता दें, साल 2016 में केंद्र की मोदी सरकार की उदय योजना में राजस्थान की तत्कालीन वसुंधरा सरकार ने राज्य में कार्य 3 कंपनियां जिनमें जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड जोधपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड और अजमेर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड पर 80 हजार 500 करोड़ के बकाया लोन में से 60 हजार 500 करोड़ वहन करने के समझौते पर हस्ताक्षर किए थे.

पढ़ें: अब पानी से बढ़ेगी भारत की GDP...मोदी के मंत्री ने तो यही कहा...

उदय योजना का आरंभ केंद्र सरकार ने 20 नवंबर 2015 को शुरू किया था. इसका उद्देश्य लोन में डूबी बिजली कंपनियों को आर्थिक मदद करना था. बहरहाल, केंद्रीय वित्त आयोग ने भी यह माना है कि प्रदेश में उदय योजना के बाद आर्थिक स्थिति जरूर बदली है. लेकिन सिर्फ राजस्थान, अन्य राज्यों की तुलना में अपने आर्थिक स्थिति सुधारने में सफल प्रयास कर रहा है.

जयपुर. केंद्र सरकार की उदय योजना पर केंद्रीय वित्त आयोग ने सवाल उठा दिए हैं. आयोग ने कहा उदय योजना से जुड़ने के बाद राजस्थान की आर्थिक स्थिति गड़बड़ा गई है. हालांकि, उन्होंने प्रदेश में सोलर ऊर्जा की ओर बढ़ते कदम की सराहना करते हुए कहा इससे ऊर्जा की खपत में कमी आएगी.

कर्ज में डूबी हुई बिजली कंपनियों को राहत देने के लिए राजस्थान में केंद्र सरकार की उदय योजना में शामिल होकर अपनी भूमिका निभाई. लेकिन, इस योजना में शामिल होने के बाद राजस्थान में आर्थिक स्थिति गड़बड़ा गई है, यह मानना है केंद्रीय वित्त आयोग का.

केंद्रीय वित्त आयोग ने उठाया केन्द्र सरकार की उदय योजना पर सवाल

राजस्थान के चार दिवसीय दौरे पर आए केंद्रीय वित्त आयोग की टीम ने यह माना कि राजस्थान में उदय योजना के साथ जुड़कर जो 60 हजार करोड़ रुपए से अधिक की सहायता कर्ज में डूबी बिजली कंपनियों को दी. उसके बाद प्रदेश की आर्थिक स्थिति में काफी गिरावट आई है.

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केंद्रीय वित्त आयोग के अध्यक्ष एनके सिंह ने कहा कि यह बताना थोड़ा मुश्किल सा लगता है, लेकिन यह सच है कि उदय योजना के साथ जुड़ने के बाद प्रदेश की आर्थिक स्थिति में गिरावट आई है, इससे पहले प्रदेश की आर्थिक स्थिति इतनी खराब नहीं थी. हालांकि एनके सिंह ने बिजली खपत के ऊपर राजस्थान के सोलर ऊर्जा की तरफ बढ़ते कदमों की सराहना भी की. उन्होंने कहा कि राजस्थान सौर ऊर्जा के क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है, जो कि एक अच्छा संकेत है, जिससे बिजली कंपनियों पर बिजली उत्पादन का दबाव कम होगा.

बता दें, साल 2016 में केंद्र की मोदी सरकार की उदय योजना में राजस्थान की तत्कालीन वसुंधरा सरकार ने राज्य में कार्य 3 कंपनियां जिनमें जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड जोधपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड और अजमेर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड पर 80 हजार 500 करोड़ के बकाया लोन में से 60 हजार 500 करोड़ वहन करने के समझौते पर हस्ताक्षर किए थे.

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उदय योजना का आरंभ केंद्र सरकार ने 20 नवंबर 2015 को शुरू किया था. इसका उद्देश्य लोन में डूबी बिजली कंपनियों को आर्थिक मदद करना था. बहरहाल, केंद्रीय वित्त आयोग ने भी यह माना है कि प्रदेश में उदय योजना के बाद आर्थिक स्थिति जरूर बदली है. लेकिन सिर्फ राजस्थान, अन्य राज्यों की तुलना में अपने आर्थिक स्थिति सुधारने में सफल प्रयास कर रहा है.

Intro:
जयपुर

केंद्रीय वित्त आयोग ने उठाया केन्द्र सरकार की उदय योजना पर सवाल , कहा प्रदेश की उदय अयोजन से आर्थिक स्थति गड़बड़ाई

एंकर:- केंद्र सरकार की उदय योजना पर केंद्रीय वित्त आयोग ने सवाल उठा दिए हैं आयोग ने कहा उदय योजना से जुड़ने के बाद राजस्थान की आर्थिक स्थिति गड़बड़ा गई है हालांकि उन्होंने प्रदेश में सोलर ऊर्जा की और बढ़ते कदम की सराहना करते हुए कहा इससे ऊर्जा की खपत में कमी आएगी


Body:VO:- कर्ज में डूबी हुई बिजली कंपनियों को राहत देने के लिए राजस्थान में केंद्र सरकार की उदय योजना में शामिल होकर अपनी भूमिका निभाई लेकिन इस योजना में शामिल होने के बाद राजस्थान में आर्थिक स्थिति गड़बड़ा गई है यह मानना है केंद्रीय वित्त आयोग का राजस्थान के चार दिवसीय दौरे पर आए केंद्रीय वित्त आयोग की टीम ने यह माना कि राजस्थान में उदय योजना के साथ जुड़कर जो 60 हजार करोड रुपए से अधिक की सहायता कर्ज में डूबी बिजली कंपनियों को दी उसके बाद प्रदेश की आर्थिक स्थिति में काफी गिरावट आई है , केंद्रीय वित्त आयोग के अध्यक्ष एनके सिंह ने कहा कि यह बताना थोड़ा मुश्किल सा लगता है लेकिन यह सच है कि उदय योजना के साथ जुड़ने के बाद प्रदेश की आर्थिक स्थिति में गिरावट आई है , इससे पहले प्रदेश की आर्थिक स्थिति इतनी खराब नहीं थी , हालांकि एनके सिंह ने बिजली खपत के ऊपर राजस्थान के सोलर ऊर्जा की तरफ बढ़ते कदमों की सराहना भी की उन्होंने कहा कि राजस्थान सौर ऊर्जा के क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है एक अच्छा संकेत है जिससे बिजली कंपनियों पर बिजली उत्पादन का दबाव कम होगा हम आपको बता दें कि वर्ष 2016 में केंद्र की मोदी सरकार की उदय योजना में राजस्थान की तत्कालीन वसुंधरा सरकार ने राज्य में कार्य 3 कंपनियां जिनमें जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड जोधपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड और अजमेर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड पर 80 हजार 500 करोड़ के बकाया लोन में से 60 हजार 500 करोड़ वहन करने के समझौते पर हस्ताक्षर किए थे , उदय योजना का आरंभ केंद्र सरकार ने 20 नवंबर 2015 को शुरू किया था इसका उद्देश्य लोन में डूबी बिजली कंपनियों को आर्थिक मदद करना था ।

बाइट:- एनके सिंह - अध्यक्ष केंद्रीय वित्त आयोग


Conclusion:VO:- बहरहाल केंद्रीय वित्त आयोग ने भी यह माना है प्रदेश में उदय योजना के बाद आर्थिक स्थिति जरूर दिल्ली है लेकिन सिर्फ राजस्थान अन्य राज्यों की तुलना में अपने आर्थिक स्थिति सुधारने में सफल प्रयास कर रहा है ।
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