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सहीराम मीणा का निलंबन बरकरार, केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण ने खारिज किया प्रार्थना पत्र

केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण ने आईआरएस सहीराम मीणा का प्रार्थना पत्र खारिज करते हुए उनका निलंबन बरकरार रखा है. साथ ही अधिकरण ने एसीएस गृह को निर्देश देते हुए कहा कि वह मामले की मॉनिटरिंग करते हुए यह सुनिश्चित करे कि आय से अधिक संपत्ति को लेकर लंबित आरोप पत्र जल्दी पेश किया जाए.

central administrative tribunal reject petition
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Published : Jul 30, 2019, 11:58 PM IST

जयपुर. केन्द्रीय प्रशासनिक अधिकरण ने नारकोटिक्स विभाग के तत्कालीन उप आयुक्त सहीराम मीणा को राहत देने से इंकार कर दिया है. अधिकरण ने मीणा के उस प्रार्थना पत्र को भी खारिज कर दिया है. जिसमें मीणा ने अपना निलंबन निरस्त करने की गुहार की थी. अधिकरण ने एसीएस गृह को निर्देश दिए हैं कि वह प्रकरण की मॉनिटरिंग करते हुए यह सुनिश्चित करे कि प्रकरण में आय से अधिक संपत्ति को लेकर लंबित आरोप पत्र जल्दी पेश किया जाए.

इसे भी पढ़ें- बांसवाड़ा में भीषण सड़क हादसा, दो बाइक की भिड़ंत में 3 की मौत

प्रार्थना पत्र में कहा गया कि गत 26 जनवरी को एक लाख रुपए रिश्वत लेने के मामले में मीणा को गिरफ्तार किया गया था. जबकि एसीबी की यह ट्रैप कार्रवाई ना होकर रेंडम सर्च था. जिसमें उसके घर से एक लाख रुपए बरामद हुए थे. यह राशि उसकी पत्नी और पुत्रवधु की थी. लेकिन एसीबी ने बिना ठोस साक्ष्य उसके खिलाफ मामला दर्ज कर लिया. वहीं राज्य सरकार की ओर से अधिवक्ता किंशुक जैन ने कहा कि आरोपी को एक लाख रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया था. इसके अलावा आरोपी के पास आय के स्त्रोतों के मुकाबले 288 फीसदी अधिक धनराशि भी बरामद हुई थी. दोनों पक्षों को सुनने के बाद अधिकरण ने प्रार्थना पत्र खारिज करते हुए एसीएस गृह को दिशा निर्देश दिए हैं.

जयपुर. केन्द्रीय प्रशासनिक अधिकरण ने नारकोटिक्स विभाग के तत्कालीन उप आयुक्त सहीराम मीणा को राहत देने से इंकार कर दिया है. अधिकरण ने मीणा के उस प्रार्थना पत्र को भी खारिज कर दिया है. जिसमें मीणा ने अपना निलंबन निरस्त करने की गुहार की थी. अधिकरण ने एसीएस गृह को निर्देश दिए हैं कि वह प्रकरण की मॉनिटरिंग करते हुए यह सुनिश्चित करे कि प्रकरण में आय से अधिक संपत्ति को लेकर लंबित आरोप पत्र जल्दी पेश किया जाए.

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प्रार्थना पत्र में कहा गया कि गत 26 जनवरी को एक लाख रुपए रिश्वत लेने के मामले में मीणा को गिरफ्तार किया गया था. जबकि एसीबी की यह ट्रैप कार्रवाई ना होकर रेंडम सर्च था. जिसमें उसके घर से एक लाख रुपए बरामद हुए थे. यह राशि उसकी पत्नी और पुत्रवधु की थी. लेकिन एसीबी ने बिना ठोस साक्ष्य उसके खिलाफ मामला दर्ज कर लिया. वहीं राज्य सरकार की ओर से अधिवक्ता किंशुक जैन ने कहा कि आरोपी को एक लाख रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया था. इसके अलावा आरोपी के पास आय के स्त्रोतों के मुकाबले 288 फीसदी अधिक धनराशि भी बरामद हुई थी. दोनों पक्षों को सुनने के बाद अधिकरण ने प्रार्थना पत्र खारिज करते हुए एसीएस गृह को दिशा निर्देश दिए हैं.

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