जयपुर. सीबीआई ने बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए वन्यजीव अपराध से जुड़े दो प्रकरणों में लंबे समय से फरार चल रहे आरोपी को दौसा के मलवास से गिरफ्तार (cbi arrests absconding accused) करने में सफलता प्राप्त की है. सीबीआई के दिल्ली हेड क्वार्टर से प्राप्त जानकारी के अनुसार राजस्थान सरकार के अनुरोध पर जून 2005 में वन विभाग राजस्थान की ओर से सरिस्का में दर्ज करवाए गए दो प्रकरणों की जांच को सीबीआई ने अपने हाथ में लिया था.
प्रकरण में फरार चल रहे आरोपी बलिया बावरिया के खिलाफ वर्ष 2008 में गैर जमानती वारंट जारी किया गया था. आरोपी वर्ष 2008 से ही फरार चल रहा था और अलग-अलग शहरों में जाकर फरारी काट रहा था. जिसे सीबीआई ने 13 साल बाद दौसा से गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी को गिरफ्तार करने के बाद जयपुर में एसीजेएम कोर्ट में पेश किया गया जहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेजा गया है.
पढ़ें. अजमेर जेल में फिर मिले 2 मोबाइल, बैटरी और चार्जर भी जब्त
इन मामलों में फरार चल रहा था आरोपी
सीबीआई दिल्ली हेड क्वार्टर से प्राप्त जानकारी के अनुसार आरोपी बलिया बावरिया के खिलाफ सरिस्का में वन विभाग की ओर से 11/93 और 45/91 दो मामले दर्ज करवाए गए थे. इसमें पहला मामला इस आरोप पर दर्ज किया गया था कि आरोपी ने वर्ष 2004 में सरिस्का में कालाकुंड के पास काली घाटी के जंगल में बंदूक और लोहे के जाल का प्रयोग कर एक बाघिन की हत्या की थी.
पढ़ें. Loot Case in Jaipur: बाइक कैब बुक करवाई और सुनसान जगह ले जाकर ऐसे दिया लूट की वारदात को अंजाम
आरोपी ने बाघिन की हत्या के बाद उसकी खाल 50 हजार रुपए में बेची थी. आरोपी के खिलाफ दूसरा मामला इस आरोप पर दर्ज किया गया था कि उसने वर्ष 2003 में अलवर के बीघोटा के जंगल में कालिका ढाबा के पास एक नर तेंदुए को बंदूक और लोहे का जाल का प्रयोग कर मारा था. उसके बाद आरोपी ने तेंदुए की खाल 1800 रुपए में बेची थी.
इन दोनों ही प्रकरण में दो जनों को आरोपी बनाया गया था जिसमें से एक को वर्ष 2019 में गिरफ्तार कर लिया गया था. वहीं दूसरा आरोपी बलिया बावरिया फरार चल रहा था. फरार चल रहे आरोपी को सीबीआई टीम ने कड़ी मशक्कत के बाद गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की है.