जयपुर. राजधानी में साइबर ठगी (Cyber fraud) के प्रकरण लगातार बढ़ते जा रहे हैं. ठग नए-नए तरीके अपना कर लोगों को अपना शिकार बनाने में लगे हुए हैं. राजधानी के कोतवाली और आदर्श नगर थाना इलाके में साइबर ठगी के दो प्रकरण सामने आए हैं. जिसमें पतंजलि आयुर्वेद की फ्रेंचाइजी (Patanjail Franchise) दिलाने के नाम पर और खुद को सेना में कार्यरत बता मकान किराए पर लेने का झांसा दे एडवांस में किराया (House rent advance) जमा कराने के नाम पर ठगी की वारदात को अंजाम दिया गया है.
ठगी का पहला मामला कोतवाली थाने में झालानियों का रास्ता निवासी सौरभ शर्मा ने दर्ज करवाया है. शिकायत में कहा गया है कि पीड़ित ने पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड, हरिद्वार से पुस्तक खरीदने के लिए संपर्क किया था. उसके कुछ समय बाद पीड़ित के पास एक मोबाइल नंबर से फोन आया. फोन करने वाले व्यक्ति ने खुद का नाम सचिन अग्रवाल और पतंजलि आयुर्वेद के हेड ऑफिस में होना बताया. उसने पीड़ित को पतंजलि की फ्रेंचाइजी देने का झांसा दिया.
इसके बाद पीड़ित से सिक्योरिटी मनी (Security Money) व अन्य चार्ज के नाम पर 61 हजार रुपए अपने खाते में ट्रांसफर (Money transfer in Bank Account) करवा लिए. ये राशि जमा करवाने के बाद ठग ने पीड़ित को 1 लाख रुपए और जमा करवाने के लिए कहा. साथ ही उक्त राशि जमा करवाने पर 50 हजार रुपए मूल्य की पुस्तकें भिजवाने का झांसा दिया. जिस पर पीड़ित ने ठग के बताए खाते में 1 लाख रुपए आरटीजीएस कर दिए. 1 लाख रुपए जमा करवाने के बाद भी ठग ने पीड़ित से 50 हजार रुपए और जमा करवाने के लिए कहा जिस पर पीड़ित को शक हुआ. इसके बाद पीड़ित ने अपने स्तर पर पड़ताल की तब उसे 1.61 लाख रुपए की ठगी का पता चला. इसके बाद पीड़ित ने पुलिस में ठगी का मामला दर्ज करवाया. फिलहाल पुलिस ने आईपीसी की धारा 420 और 406 के तहत प्रकरण दर्ज कर मोबाइल नंबर व ट्रांजैक्शन डिटेल्स के आधार पर प्रकरण की जांच करना शुरू कर दी है.
खुद को सेना में सूबेदार बता किराए पर मकान लेने का झांसा दे ठगी...
ठगी का दूसरा मामला आदर्श नगर थाने में 57 वर्षीय कमलप्रीत कौर ने दर्ज करवाया है. शिकायत के अनुसार, जनता कॉलोनी निवासी कमलप्रीत ने अपना मकान किराए पर देने के लिए ऑनलाइन विज्ञापन (Online advertisement) डाला. विज्ञापन देख एक व्यक्ति ने कमलप्रीत से फोन पर संपर्क किया. फोन करने वाले व्यक्ति ने खुद का नाम अमित कुमार बताया और स्वयं को सेना में सूबेदार के पद पर कार्यरत बताया. अमित ने मकान किराए पर लेने की इच्छा जाहिर कर 1 महीने का किराया एडवांस जमा करवाने की बात कही. इसके बाद ठग ने कमलप्रीत के बेटे के मोबाइल पर एक क्यूआर कोड (QR Code) भेजा और उसे किसी भी ऑनलाइन पेमेंट ऐप (Online Payment App) के जरिए स्कैन करने के लिए कहा.
ठग के झांसे में आकर जब पीड़ित ने क्यूआर कोड स्कैन (QR Code Scan) किया तो उसके खाते में कोई राशि नहीं आई. इसके बाद ठग ने दो तीन बार इसी प्रकार से क्यूआर कोड भेज कर उसे स्कैन करने की बात कही लेकिन हर बार क्यूआर कोड स्कैन करने के बाद पीड़ित के खाते में किसी भी तरह की राशि जमा नहीं हुई. राशि जमा होने की बजाए पीड़ित के खाते से 1 लाख 9 हजार रुपए की राशि ट्रांसफर हो गई. जब इस बारे में पीड़ित ने ठग से बात की तो उसने तकनीकी खराबी बता राशि वापस पीड़ित के खाते में जमा कराने की बात कहकर फोन काट दिया. इसके बाद जब पीड़ित ने फिर से ठग से संपर्क करने का प्रयास किया तो उसका मोबाइल फोन स्विच ऑफ आया. इस प्रकार से ठगी का शिकार होने के बाद पीड़ित ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई. पुलिस ने आईपीसी की धारा 420 की 66 आईटी एक्ट के तहत प्रकरण दर्ज कर ट्रांजैक्शन डिटेल्स व मोबाइल नंबर के आधार पर जांच करना शुरू कर दी है.