जयपुर. राजस्थान विधानसभा में बुधवार को ध्यानाकर्षण के जरिए कांग्रेस विधायक हरीश मीणा ने बीते साल ट्रैक्टर चालक की पुलिस प्रताड़ना से मौत का मामला उठाया. जिसमें उन्होंने पुलिस के रवैये पर सवाल खड़े करते हुए कहा, कि 7 दिन धरना देने के बाद रिपोर्ट लिखी गई और उपमुख्यमंत्री पायलट के आने के बाद पोस्टमार्टम हुआ. साथ ही उन्होंने कहा कि अब तफ्तीश के लिए मुझे सीएम को वहां ले जाना होगा.
इस मामले का जवाब देते हुए यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने कहा, कि मृतक के परिजनों ने उनियारा थाने में पुलिस वालों पर हत्या का आरोप लगाते हुए 3 जून 2019 को FIR दर्ज कराई. 4 जून 2019 को 6 पुलिसकर्मियों एसआई मनीष चारण, हेड कांस्टेबल राजा गुर्जर, भगवान गुर्जर, लक्ष्मीचंद सावल जाट और राम अवतार जाट को निलंबित करने की कार्रवाई की गई. साथ ही हत्या का प्रकरण दर्ज कर लिया गया. इस मामले में 46 गवाहों के बयान करके 168 दस्तावेज जप्त किए गए हैं.
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धारीवाल ने कहा, कि दिसंबर 2019 के अंत में इस मामले में रिपोर्ट मिल चुकी है. अगर कोई भी पुलिसकर्मी दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. इस जवाब पर कांग्रेसी विधायक हरीश मीणा नाराज हो गए. उन्होंने कहा, कि उनियारा में दिनदहाड़े एक ट्रैक्टर चालक को मार दिया जाता है जिसके सैकड़ों गवाह हैं.
विधायक मीणा ने कहा, कि मंत्री जी को गलत जवाब दिया गया है. पुलिस कई घंटे तक शव को लेकर घूमती रही और उसके बाद शव को लेकर पुलिस वाले अस्पताल गए. उन्होंने कहा, कि 7 दिन तक मैंने आंदोलन किया तब कहीं जाकर मुकदमा दर्ज हुआ. उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट जब मौके पर पहुंचे तब पोस्टमार्टम हुआ, तो क्या अब तफ्तीश के लिए मुझे मुख्यमंत्री को ले जाना होगा.
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मीणा ने कहा, कि इस मामले में पोस्टमार्टम के लिए 12 घंटे में कई मेडिकल बोर्ड बदले गए. उन्होंने कहा, कि मेरे पास जो पोस्टमार्टम रिपोर्ट है उसमें साफ है कि मौत मल्टीपल फैक्चर के कारण हुई है. मीणा ने कहा, कि कम से कम इसमें जो पुलिस के जांच के नियम बने हुए हैं उनके अनुसार तो सरकार जांच एडीजी सिविल राइट्स से करवाएं.
इस पर मंत्री धारीवाल ने सदन में कहा, कि आप धरने पर तो बैठ गए लेकिन कम से कम FIR करवाने तो जाते. उन्होंने कहा, कि पोस्टमार्टम हुआ तो पता चला कि उसमें ब्लंट ऑब्जेक्ट ट्रॉमा है. धारीवाल ने कहा, कि अब सवाल यह है कि उसे किसी ने मारा या फिर उसकी मौत एक्सीडेंट में हुई. इस दौरान मंत्री धारीवाल ने सदन में घोषणा की कि हम इस मामले को एडीजी सिविल राइट्स से भी जांच करवाने को तैयार हैं.