जयपुर. मंगलवार को विधानसभा की ना पक्ष लॉबी में नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया की अध्यक्षता में हुई भाजपा विधायक दल की बैठक में वासुदेव देवनानी ने अपने मन की पीड़ा सार्वजनिक रूप से बयां कर दी. देवनानी ने यह भी कह दिया कि राजेंद्र राठौड़ को स्थगन में भी बोलने का मौका मिलता है और जनरल डिबेट में भी अधिक समय तक बोलने का मौका दिया जाता है, जबकि अन्य वरिष्ठ विधायकों को मौका नहीं मिलता.
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देवनानी इस बात से भी आहत थे कि सदन में शून्यकाल के दौरान लगाए जाने वाले स्थगन प्रस्ताव में सभी लोगों को मौका नहीं मिल पा रहा. ऐसे में व्यवस्था में सुधार करने की जिम्मेदारी नेता प्रतिपक्ष की है. देवनानी द्वारा इस मामले में किए गए विरोध से उन 20 विधायकों द्वारा लगाए गए आरोपों को भी बल मिला है, जिन्होंने पिछले दिनों पार्टी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया को पत्र लिखकर सदन के भीतर स्थगन प्रस्ताव लगाए जाने में पार्टी के द्वारा ही उनसे दखल की शिकायत की गई थी.
शंकर सिंह रावत ने संगठन से जुड़ी अपनी पीड़ा बताई...
वहीं, बैठक में ब्यावर से भाजपा विधायक शंकर सिंह रावत ने संगठन से जुड़ी अपनी पीड़ा भी इस बैठक में बयां करने की कोशिश की. शंकर सिंह रावत ने कहा कि मेरे सामने चुनाव लड़े हुए कार्यकर्ता को पार्टी ने मंडल व अन्य जगह पद देकर पदाधिकारी बना दिया. इस पर नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि यह विधायक दल की बैठक है और यहां केवल विधायक की हैसियत से सतीश पूनिया शामिल हुए हैं. संगठन को लेकर आपकी कोई नाराजगी है तो वह भाजपा मुख्यालय में होने वाली संगठन की बैठक में कहें, उसका उचित मंच वही है. बैठक में बीजेपी विधायक दल के सचेतक पद पर वरिष्ठ विधायक जोगेश्वर गर्ग की नियुक्ति की भी घोषणा की गई.