जयपुर. राजधानी की खोनागोरियां थाना पुलिस की ओर से 19 मार्च को झालाना आरटीओ कार्यालय में वाहनों का फर्जी रजिस्ट्रेशन करने वाली गैंग का पर्दाफाश किया गया. इस पूरे प्रकरण को सुलझाने के लिए और गैंग के बदमाशों तक पहुंचने के लिए जयपुर पुलिस ने एफएसएल की मदद ली.
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वाहनों के फर्जी रजिस्ट्रेशन के लिए जिन दस्तावेजों का उपयोग किया गया और जिन लोगों के नाम से वाहनों का फर्जी रजिस्ट्रेशन किया गया, उनकी जांच के लिए एफएसएल से पुलिस द्वारा मदद ली गई. जयपुर पुलिस ने झालाना आरटीओ कार्यालय से तमाम दस्तावेज सीज किए और फिर उन्हें जांच के लिए एफएसएल मुख्यालय भिजवाया.
एडिशनल पुलिस कमिश्नर क्राइम अजय पाल लांबा ने बताया कि फर्जी रजिस्ट्रेशन करने के लिए गिरोह के सदस्यों की ओर से जिन दस्तावेजों और स्थाई पते को लेकर जो हलफनामा पेश किया गया, उसकी जांच एफएसएल से करवाई गई. एफएसएल की जांच में यह बात प्रमाणित हुई कि किसानों के फर्जी रजिस्ट्रेशन के लिए जो दस्तावेज लगाए गए हैं वह पूरी तरह से फर्जी हैं.
आरटीओ कार्यालय के कर्मचारी जो गिरोह के सदस्यों के साथ मिले हुए हैं, उनके ओर से कार्यालय में मौजूद उन दस्तावेजों का गलत तरीके से प्रयोग किया गया जो दस्तावेज पूर्व में वाहनों के रजिस्ट्रेशन के लिए प्रयोग में लिए गए हैं. चोरी पकड़ में ना आए इसके लिए दो अलग-अलग व्यक्तियों के पहचान पत्र लिए गए. पहले व्यक्ति के पहचान पत्र के केवल नाम का प्रयोग किया गया तो वहीं दूसरे व्यक्ति के पते का प्रयोग कर फर्जी दस्तावेज बनाए गए.
अजय पाल लांबा ने बताया कि उन फर्जी दस्तावेजों का प्रयोग कर 45 वाहनों का फर्जी रजिस्ट्रेशन किया गया, वह भी ऐसे व्यक्तियों के नाम पर जिनका इस धरती पर कोई अस्तित्व ही नहीं है. फिलहाल, इस पूरे प्रकरण में जयपुर पुलिस की जांच लगातार जारी है और अब तक झालाना आरटीओ कार्यालय के दो कर्मचारी और एक निजी दलाल को पुलिस की ओर से गिरफ्तार किया जा चुका है.