जयपुर. राजधानी में एक बार फिर से हनी ट्रैप का एक मामला सामने आया है. स्कूल संचालक को हनी ट्रैप का शिकार बनाया गया है. पुलिस भी पीड़ित पक्ष की कोई मदद नहीं कर रही है. जिसके चलते शनिवार को पीड़ित पक्ष की महिलाओं ने प्रेस क्लब में एक प्रेस वार्ता का आयोजन कर अपनी पीड़ा बयां की.
पीड़ित पक्ष ने बताया कि चौमू थाने में एक युवती ने स्कूल संचालक मृत्युंजय आत्रे के खिलाफ छेड़छाड़ और आईटी एक्ट में प्रकरण दर्ज करवाया. उसके बाद युवती ने प्रकरण वापस लेने और किसी भी तरह की कोई कानूनी कार्रवाई नहीं करने को लेकर 50 लाख रुपए की डिमांड की. युवती का चाचा बिचौलिए का काम कर रहा है. उसने मृत्युंजय के परिवार वालों से कहा कि अगर वो रुपए दे देते हैं तो युवती अपना बयान बदल देगी और केस रफा-दफा हो जाएगा.
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जब पीड़ित पक्ष ने रुपए नहीं दिए तो पुलिस ने मृत्युंजय को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. हालांकि पीड़ित पक्ष के पास युवती और उसके चाचा से हुई फोन कॉल की रिकॉर्डिंग है. जिसमें 50 लाख रुपए की डिमांड की जा रही है. वहीं इस संबंध में जब पीड़ित पक्ष ने चौमू थाना पुलिस को बताया है कि यह प्रकरण हनी ट्रैप का है और लाखों रुपए की डिमांड की जा रही है तो पुलिस ने पीड़ित पक्ष की सुनवाई किए बगैर ही एकतरफा कार्रवाई की.
जिसके बाद पीड़ित पक्ष ने मुरलीपुरा थाने में हनी ट्रैप का प्रकरण दर्ज करवाया है. चौमू पुलिस पर एकतरफा कार्रवाई करते हुए केवल मृत्युंजय का ही मोबाइल फोन जब्त करने का आरोप है. जबकि युवती का मोबाइल फोन पुलिस ने जब्त नहीं किया. जब मामले की जानकारी आला अधिकारी तक पहुंची और उन्होंने युवती से उसका मोबाइल फोन जांच के लिए पुलिस को देने के लिए कहा तो उसने चित्रकूट थाने में अपना मोबाइल चोरी होने की रिपोर्ट दर्ज करवा दी. इसके बावजूद भी पुलिस ने युवती के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया. पीड़ित परिवार का कहना है कि मृत्युंजय ही एकमात्र परिवार का कमाने वाला व्यक्ति है.
पीड़ित परिवार की महिलाएं न्याय की आस में दर-दर की ठोकरें खा रही हैं. बताया जा रहा है कि युवती ने पूर्व में भी अनेक लोगों के खिलाफ इसी तरह से परिवाद और शिकायत दर्ज करवाई थी. जिनमें से कुछ में पुलिस ने एफआर भी लगाई है. मृत्युंजय की बहन मीनाक्षी शर्मा ने युवती को 50,000 रुपए भी दिए थे, उसके बाद 50 लाख की और डिमांड की गई. परिवार का आरोप है कि तमाम सबूत होने के बाद भी पुलिस कार्रवाई नहीं कर रही है.