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कैग रिपोर्ट 2019-20 : राजस्व प्राप्ति में 14.57 फीसदी, व्यय भी बजट अनुमानों के लक्ष्य के अनुसार हुआ कम

राजस्थान सरकार के वित्त लेखे एवं विनियोग को लेकर 2019-20 की कैग की रिपोर्ट मंगलवार को पेश की गई, जिसमें राजस्व प्राप्ति में 14.57 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई और राजस्व व्यय बजट अनुमानों के लक्ष्य के अनुसार 7. 61 प्रतिशत कम हुआ है.

CAG Report 2019-20
कैग रिपोर्ट 2019-20
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Published : Sep 14, 2021, 10:56 PM IST

जयपुर. कैग की रिपोर्ट में केंद्र सरकार से प्राप्त होने वाले केंद्रीय करों और शुल्क में राज्य को कम हिस्सा दिया गया, जिसके कारण राजस्व प्राप्तियों में कमी दर्ज की गई है. क्या है राजस्थान की स्थिति, यहां जानिये...

राजस्व प्राप्तियां : वर्ष 2019-20 के दौरान बजट अनुमानों 164005 करोड़ के मुकाबले 14.57 प्रतिशत की कमी हुई एवं राजस्व व्यय बजट अनुमानों 1,91.020 करोड़ के विरुद्ध 7.81 प्रतिशत यानी 14,535 करोड़ कम हुआ. राजस्व प्राप्तियों में कमी मुख्यत केन्द्र सरकार से केन्द्रीय करों और शुल्कों के राज्य के हिस्सा राशि को सम्मलित करते हुए कर राजस्व की कम प्राप्ति के कारण रही. परिणामस्वरूप दोनों राज्य निधि (एसएफ) याय तथा केन्द्रीय सहायता (सीए) व्यय में कमी आयी.

राजस्व और राजकोषीय घाटा : 2019-20 के दौरान 36.371 करोड़ का राजस्व घाटा पिछले वर्ष के दौरान हुए 3.11 प्रतिशत की तुलना में सकल राज्य घरेलू उत्पाद का 3:56 प्रतिशत था. यह राजस्व तटस्थ और राजस्व अधिक्य के एफआरबीएम के लक्ष्य के अनुरूप नहीं था. 2019-20 के दौरान 37.654 करोड़ का राजकोषीय घाटा जो गत वर्ष के 3.71 प्रतिशत की तुलना में सकल राज्य घरेलू उत्पाद का 3.69 प्रतिशत था. यह एकआरबीएम के लक्ष्य से 3 प्रतिशत अधिक था. राजस्व घाटा 0.02 प्रतिशत से कम हुआ लेकिन यह एफआरबीएम के लक्ष्य से अधिक है.

राजस्व घाटा एवं राजकाषीय घाटे का कम विवरण : वर्ष 2019-20 के दौरान विशिष्ट उद्देश्यों के लिए संग्रहित किये गये उपकर अधिभार को संबंधित आरक्षित निधियों में 597 करोड़ एवं अंशदायी पेंशन योजना के राजकीय अशदान में 83 करोड़ हस्तांतरण नहीं करने के कारण राजस्व घाटा और राजकोषीय घाटा दोनों को वर्ष 2019-20 के दौरान 680 करोड़ से कम दर्शाया गया.

निवेश तथा प्रतिफल : 2019 20 में मुख्य निवेश विद्युत कंपनियों में 2130 करोड़ रुपये किया गया. मुख्य विद्युत क्षेत्र के सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों की संचित हानि 95.506 करोड़ रुपये थी.

राजकोषीय स्थिति : जीएसडीपी के प्रतिशत के रूप में राजकोषीय घाटा 2018-19 में 3.66 प्रतिशत से बढ़कर वर्ष 2019-20 में 3.69 प्रतिशत हो गया. यह एफआरबीएम अधिनियम, 2005 के निर्धारित तीन प्रतिशत के लक्ष्य से अधिक था. राज्य सरकार को वित्तीय वर्ष 2011-12 से शून्य राजस्व घाटा प्राप्त करना था और उसके बाद इसे बनाए रखना या राजस्व अधिशेष प्राप्त करना था. लेकिन राज्य सरकार का वर्ष 2019-20 के दौरान राजस्व घाटा 36,371 करोड़ रुपये था. 2019-20 के दौरान राजकोषीय देयता (कुल बकाया ऋण) का जीएसडीपी से अनुपात (34.55 प्रतिशत) एफआरबीएम लक्ष्य 340 प्रतिशत से अधिक था.

राज्य का वित्त और बजटीय प्रबंधन : राजस्व प्राप्तियों में गत वर्ष की तुलना में 2240.79 करोड़ की वृद्धि हुई और यह वृद्धि 1.63 प्रतिशत है. राजस्व व्यय में गत वर्ष की तुलना में 9,711. 91 करोड़ रुपये (5.82 प्रतिशत) की वृद्धि हुई है. जिसके कारण राजस्व घाटे में वृद्धि हुई. पूंजीगत परिव्यय में गत वर्ष की तुलना में 4,920.15 करोड़ (25.05 प्रतिशत) की कमी हुई. वर्ष 2019-20 के दौरान 24, 358 करोड़ रुपये (10.03 प्रतिशत) की बचत हुई और 2,937, 12 करोड़ के अनुपूरक अनुदान अनावश्यक सिद्ध हुए. पिछले कई वर्षों से प्रत्येक वर्ष इन मामलों को उठाने के बावजूद राज्य सरकार इस संबंध में सुधार करने में विफल रही.

पढ़ें : NEET के चीटर्स : नीट परीक्षा फर्जीवाड़े में लिप्त असल अभ्यर्थियों पर भी शिकंजा कसने की तैयारी..एक-एक नाम का खुलासा

लेखों की गुणवत्ता और वित्तीय रिपोर्टिंग : विभागों द्वारा विशिष्ट विकास कार्यक्रमों और परियोजनाओं के लिए आहरित निधियों के उपयोगिता प्रमाण पत्रों और विस्तृत आकस्मिक बिलों को प्रस्तुत नहीं करना और राज्य सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों द्वारा लेखों को प्रस्तुत नहीं करना, निर्धारित वित्तीय नियमों और निर्देशों का उल्लंघन था. यह राज्य सरकार के अपर्याप्त आंतरिक नियंत्रण और अनुश्रवण तंत्र की ओर इशारा करता है.

राजस्व क्षेत्र : राज्य सरकार की कुल राजस्व प्राप्तियां वर्ष 2018-19 में 1,37,873 करोड़ के मुकाबले वर्ष 2019-20 में 1, 40, 114 करोड़ थी. सरकार द्वारा एकत्रित राजस्व राशि 74,959 करोड़ में कर राजस्व 59,245 करोड़ तथा कर इतर राजस्व 15, 714 करोड़ शामिल था. भारत सरकार से प्राप्तियां 65,155 करोड़ थी. इसमें विभाजन योग्य केंद्रीय करों में राज्य का हिस्सा 36,049 करोड़ एवं सहायता अनुदान 29,106 करोड़ था. मार्च 2020 तक जारी किये गये निरीक्षण प्रतिवेदनों के अनुसार चार विभागों में 1,727 निरीक्षण प्रतिवेदनों से संबंधित 5,151 अनुच्छेद अक्टूबर 2020 के अंत तक बकाया थे, जिनमें 1053.38 करोड़ अन्तर्निहित थे.

कर निर्धारण प्राधिकारियों कार्यों द्वारा क्रय वापसियों को हिसाब में लेने में विफलता के परिणाम स्वरुप रिवर्स कर 2.15 करोड़ रुपए का अनारोपण हुआ है. गैर अनुमूल्य मूल्य सामान पर आगत कर का लाभ देने के परिणामस्वरुप 0.54 करोड़ के आगत कर की अनियमित स्वीकृति दी गई.

भू-राजस्व : झालावाड़ जिले में उद्योग की स्थापना के लिए आवंटित भूमि को निर्धारित समय में उद्देश्य के लिए उपयोग में नहीं लिया गया. प्राधिकारियों द्वारा भूमि को वापस लेने के लिए कोई कार्यवाही शुरू नहीं की गई. इसके कारण 33.11 लाख मूल्य की भूमि अनुपयोगी रही. जैसलमेर जिले के 26 प्रकरणों में सक्षम प्राधिकारियों की अनुमति के बिना ही कृषि भूमि वाणिज्यिक प्रयोजन (होटल एवं रिसोर्ट) के लिए उपयोग में ली जा रही थी. इसके कारण 81.94 लाख की वसूली नहीं की गई.

इसी तरह दो तहसीलों के पांच प्रकरणों में कृषि भूमि सक्षम प्राधिकारियों की अनुमति के बिना ही आवासीय कॉलोनियों की स्थापना के लिए उपयोग में ली जा रही थी. इसके कारण संपरिवर्तन शुल्क 35.59 लाख की वसूली नही की गई. कृषि भूमि को बिना संपरिवर्तन के संस्थागत उपयोग में लिए जाने तथा गलत दरें लागू करके कृषि भूमि का संपरिवर्तन करने के परिणामस्वरूप संपरिवर्तन शुल्क 1.27 करोड़ और कृषि से संस्थागत प्रयोजनार्थ भू-उपयोग संपरिवर्तन पर गलत संपरिवर्तन दर लागू करने पर 58.08 लाख की कम वसूली रही.

मुद्रांक कर एवं पंजीयन शुल्क : गलत हकदारी प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करने पर राजस्थान निवेश संवर्धन योजना के तहत मुद्रांक कर 76.97 लाख रुपये की अनियमित छूट अनुमत की गई.

ट्रांसफर ऑफ लीज बाई वे ऑफ असाइनमेन्ट के दस्तावेजों पर मुद्रांक कर, सर चार्ज तथा पंजीयन शुल्क 15.99 लाख की कम वसूली रही. भू-स्वामियों एवं विकासकर्ता अनुबन्धों पर मुद्रांक कर, सरचार्ज तथा पंजीयन शुल्क 3.32 करोड़ की कम वसूली रही. पंजीयन प्राधिकारी, साझेदारी फर्मों को अचल सम्पत्तियों के अंशदान पर मुद्रांक कर तथा सरचार्ज 34.79 लाख का आरोपण एवं वसूली करने में विफल रहे. पंजीयन प्राधिकारी, साझेदारों की सेवानिवृत्ति पर अचल सम्पत्तियों के हस्तान्तरण पर मुद्रांक कर तथा सरचार्ज 64.83 लाख का आरोपण एवं वसूली करने में विफल रहे. कम्पनियों के समामेलन/पुनर्गठन पर मुद्रांक कर, सरचार्ज तथा पंजीयन शुल्क 47.87 लाख का कम आरोपण रहा. अचल सम्पत्तियों के अवमूल्यांकन के परिणामस्वरूप मुद्रांक कर, सरचार्ज तथा पंजीयन शुल्क 3.33 करोड़ का कम आरोपण रहा.

राज्य आबकारी : परिधीय क्षेत्र की दुकानों के लिए कम्पोजिट फीस की गलत गणना के परिणामस्वरूप 1.23 करोड़ रुपए की कम राजस्व प्राप्त किया. विभाग द्वारा सक्रिय कार्यवाही के अभाव में होटल बार अनुज्ञाधारियों से अनुज्ञा शुल्क 31 लाख की कम वसूली की गई.

बीयर उत्पादन के लिए ब्रेवरीज द्वारा न्यूनतम प्राप्ति दक्षता का संधारण न करने पर 7.94 करोड़ का कम जुर्माना वसूला गया. देशी मदिरा समूहों से प्रतिभूति जमा एवं अग्रिम एकांकी विशेषाधिकार राशि जब्त न करने के कारण 77.31 लाख के राजस्व की हानि हुई. देशी मदिरा अनुज्ञाधारियों से मासिक गारंटी राशि की कम वसूली से 13.37 करोड़ के राजस्व हानि हुई.

व्यय क्षेत्र की अनुपालन लेखा परीक्षा : चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा स्वीकृत भार में वृद्धि के लिए आवेदन करने में विफल रहने के कारण चिकित्सा महाविद्यालयों- चिकित्सालयों द्वारा डिमांड सरचार्ज का अपरिहार्य भुगतान तथा विद्युत शुल्क का अनियमित भुगतान से 1.40 करोड़ रुपए की हानि हुई. चिकित्सा शिक्षा विभाग के स्तर पर कार्यवाही के अभाव में रियायत शुल्क के भुगतान में विलंब पर दंडात्मक प्याज की कम प्राप्ति, बीपीएल कोटे से संबंधित राशि की कम वसूली एवं परिणामस्वरूप निजी वाणिज्यिक प्रतिष्ठान को अदेय लाभ पहुंचने से राज्य सरकार को 5.09 करोड़ के राजस्व की हानि हुई.

राजस्थान लोक निर्माण वित्तीय और लेखा नियमों के उल्लंघन के कारण अतिरिक्त कार्यों के निष्पादन पर 3.72 करोड़ का अनियमित व्यय किया गया. अल्पसंख्यक मामलात विभाग तथा वक्फ बोर्ड द्वारा लाभार्थियों से ऋण की वसूली में विफलता और राष्ट्रीय अल्पसंख्यक विकास एवं वित्त निगम को पुनर्भुगतान के लिये निधियों के अनियमित उपयोग के परिणामस्वरूप 3.17 करोड़ का ब्याज दिया गया.

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग में निदेशालय भवन के निर्माण स्थल को परिवर्तित करने के अविवेकपूर्ण निर्णय और पुनर्वास एवं शोध संस्थान भवन के अपूर्ण रहने के कारण न केवल 3.27 करोड़ का केन्द्रीय अनुदान अनुपयोगी रहा, बल्कि 5.47 करोड़ का निष्फल व्यय हुआ. सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग में अकार्यशील रहे सोलर होम लाइटिंग संयंत्रों पर 1.24 करोड़ का व्यय किया गया. इसी विभाग में अकार्यशील रहे 256 सोलर वाटर हीटिंग संयंत्रों पर 2.98 करोड़ का निष्फल व्यय किया गया. जल संसाधन विभाग ने शहरी क्षेत्र में पड़ने वाली भूमि के अर्जन के लिए प्रतिकर का भुगतान करते समय गलत ढंग से ग्रामीण क्षेत्र का गुणक कारक प्रयुक्त किया जिसके परिणामस्वरूप 1.65 करोड़ का अधिक भुगतान हुआ. जल संसाधन विभाग में लोक निर्माण वित्तीय एवं लेखा नियमों का घोर उल्लंघन करके 1.55 करोड़ के अतिरिक्त कार्यों का अनधिकृत निष्पादन किया गया.

शिक्षा में राजस्थान की रैंकिंग गिरी...

भारत के नियंत्रक-महालेखापरीक्षक ने आज मंगलवार को अपनी रिपोर्ट सार्वजनिक की है. इसके अनुसार, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के बीच शिक्षा में सकल नामांकन अनुपात के लिए राजस्थान की रैंकिंग जो 2010-11 में 20 थी से घटकर 2018-19 में 23 हो गई है.

जयपुर. कैग की रिपोर्ट में केंद्र सरकार से प्राप्त होने वाले केंद्रीय करों और शुल्क में राज्य को कम हिस्सा दिया गया, जिसके कारण राजस्व प्राप्तियों में कमी दर्ज की गई है. क्या है राजस्थान की स्थिति, यहां जानिये...

राजस्व प्राप्तियां : वर्ष 2019-20 के दौरान बजट अनुमानों 164005 करोड़ के मुकाबले 14.57 प्रतिशत की कमी हुई एवं राजस्व व्यय बजट अनुमानों 1,91.020 करोड़ के विरुद्ध 7.81 प्रतिशत यानी 14,535 करोड़ कम हुआ. राजस्व प्राप्तियों में कमी मुख्यत केन्द्र सरकार से केन्द्रीय करों और शुल्कों के राज्य के हिस्सा राशि को सम्मलित करते हुए कर राजस्व की कम प्राप्ति के कारण रही. परिणामस्वरूप दोनों राज्य निधि (एसएफ) याय तथा केन्द्रीय सहायता (सीए) व्यय में कमी आयी.

राजस्व और राजकोषीय घाटा : 2019-20 के दौरान 36.371 करोड़ का राजस्व घाटा पिछले वर्ष के दौरान हुए 3.11 प्रतिशत की तुलना में सकल राज्य घरेलू उत्पाद का 3:56 प्रतिशत था. यह राजस्व तटस्थ और राजस्व अधिक्य के एफआरबीएम के लक्ष्य के अनुरूप नहीं था. 2019-20 के दौरान 37.654 करोड़ का राजकोषीय घाटा जो गत वर्ष के 3.71 प्रतिशत की तुलना में सकल राज्य घरेलू उत्पाद का 3.69 प्रतिशत था. यह एकआरबीएम के लक्ष्य से 3 प्रतिशत अधिक था. राजस्व घाटा 0.02 प्रतिशत से कम हुआ लेकिन यह एफआरबीएम के लक्ष्य से अधिक है.

राजस्व घाटा एवं राजकाषीय घाटे का कम विवरण : वर्ष 2019-20 के दौरान विशिष्ट उद्देश्यों के लिए संग्रहित किये गये उपकर अधिभार को संबंधित आरक्षित निधियों में 597 करोड़ एवं अंशदायी पेंशन योजना के राजकीय अशदान में 83 करोड़ हस्तांतरण नहीं करने के कारण राजस्व घाटा और राजकोषीय घाटा दोनों को वर्ष 2019-20 के दौरान 680 करोड़ से कम दर्शाया गया.

निवेश तथा प्रतिफल : 2019 20 में मुख्य निवेश विद्युत कंपनियों में 2130 करोड़ रुपये किया गया. मुख्य विद्युत क्षेत्र के सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों की संचित हानि 95.506 करोड़ रुपये थी.

राजकोषीय स्थिति : जीएसडीपी के प्रतिशत के रूप में राजकोषीय घाटा 2018-19 में 3.66 प्रतिशत से बढ़कर वर्ष 2019-20 में 3.69 प्रतिशत हो गया. यह एफआरबीएम अधिनियम, 2005 के निर्धारित तीन प्रतिशत के लक्ष्य से अधिक था. राज्य सरकार को वित्तीय वर्ष 2011-12 से शून्य राजस्व घाटा प्राप्त करना था और उसके बाद इसे बनाए रखना या राजस्व अधिशेष प्राप्त करना था. लेकिन राज्य सरकार का वर्ष 2019-20 के दौरान राजस्व घाटा 36,371 करोड़ रुपये था. 2019-20 के दौरान राजकोषीय देयता (कुल बकाया ऋण) का जीएसडीपी से अनुपात (34.55 प्रतिशत) एफआरबीएम लक्ष्य 340 प्रतिशत से अधिक था.

राज्य का वित्त और बजटीय प्रबंधन : राजस्व प्राप्तियों में गत वर्ष की तुलना में 2240.79 करोड़ की वृद्धि हुई और यह वृद्धि 1.63 प्रतिशत है. राजस्व व्यय में गत वर्ष की तुलना में 9,711. 91 करोड़ रुपये (5.82 प्रतिशत) की वृद्धि हुई है. जिसके कारण राजस्व घाटे में वृद्धि हुई. पूंजीगत परिव्यय में गत वर्ष की तुलना में 4,920.15 करोड़ (25.05 प्रतिशत) की कमी हुई. वर्ष 2019-20 के दौरान 24, 358 करोड़ रुपये (10.03 प्रतिशत) की बचत हुई और 2,937, 12 करोड़ के अनुपूरक अनुदान अनावश्यक सिद्ध हुए. पिछले कई वर्षों से प्रत्येक वर्ष इन मामलों को उठाने के बावजूद राज्य सरकार इस संबंध में सुधार करने में विफल रही.

पढ़ें : NEET के चीटर्स : नीट परीक्षा फर्जीवाड़े में लिप्त असल अभ्यर्थियों पर भी शिकंजा कसने की तैयारी..एक-एक नाम का खुलासा

लेखों की गुणवत्ता और वित्तीय रिपोर्टिंग : विभागों द्वारा विशिष्ट विकास कार्यक्रमों और परियोजनाओं के लिए आहरित निधियों के उपयोगिता प्रमाण पत्रों और विस्तृत आकस्मिक बिलों को प्रस्तुत नहीं करना और राज्य सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों द्वारा लेखों को प्रस्तुत नहीं करना, निर्धारित वित्तीय नियमों और निर्देशों का उल्लंघन था. यह राज्य सरकार के अपर्याप्त आंतरिक नियंत्रण और अनुश्रवण तंत्र की ओर इशारा करता है.

राजस्व क्षेत्र : राज्य सरकार की कुल राजस्व प्राप्तियां वर्ष 2018-19 में 1,37,873 करोड़ के मुकाबले वर्ष 2019-20 में 1, 40, 114 करोड़ थी. सरकार द्वारा एकत्रित राजस्व राशि 74,959 करोड़ में कर राजस्व 59,245 करोड़ तथा कर इतर राजस्व 15, 714 करोड़ शामिल था. भारत सरकार से प्राप्तियां 65,155 करोड़ थी. इसमें विभाजन योग्य केंद्रीय करों में राज्य का हिस्सा 36,049 करोड़ एवं सहायता अनुदान 29,106 करोड़ था. मार्च 2020 तक जारी किये गये निरीक्षण प्रतिवेदनों के अनुसार चार विभागों में 1,727 निरीक्षण प्रतिवेदनों से संबंधित 5,151 अनुच्छेद अक्टूबर 2020 के अंत तक बकाया थे, जिनमें 1053.38 करोड़ अन्तर्निहित थे.

कर निर्धारण प्राधिकारियों कार्यों द्वारा क्रय वापसियों को हिसाब में लेने में विफलता के परिणाम स्वरुप रिवर्स कर 2.15 करोड़ रुपए का अनारोपण हुआ है. गैर अनुमूल्य मूल्य सामान पर आगत कर का लाभ देने के परिणामस्वरुप 0.54 करोड़ के आगत कर की अनियमित स्वीकृति दी गई.

भू-राजस्व : झालावाड़ जिले में उद्योग की स्थापना के लिए आवंटित भूमि को निर्धारित समय में उद्देश्य के लिए उपयोग में नहीं लिया गया. प्राधिकारियों द्वारा भूमि को वापस लेने के लिए कोई कार्यवाही शुरू नहीं की गई. इसके कारण 33.11 लाख मूल्य की भूमि अनुपयोगी रही. जैसलमेर जिले के 26 प्रकरणों में सक्षम प्राधिकारियों की अनुमति के बिना ही कृषि भूमि वाणिज्यिक प्रयोजन (होटल एवं रिसोर्ट) के लिए उपयोग में ली जा रही थी. इसके कारण 81.94 लाख की वसूली नहीं की गई.

इसी तरह दो तहसीलों के पांच प्रकरणों में कृषि भूमि सक्षम प्राधिकारियों की अनुमति के बिना ही आवासीय कॉलोनियों की स्थापना के लिए उपयोग में ली जा रही थी. इसके कारण संपरिवर्तन शुल्क 35.59 लाख की वसूली नही की गई. कृषि भूमि को बिना संपरिवर्तन के संस्थागत उपयोग में लिए जाने तथा गलत दरें लागू करके कृषि भूमि का संपरिवर्तन करने के परिणामस्वरूप संपरिवर्तन शुल्क 1.27 करोड़ और कृषि से संस्थागत प्रयोजनार्थ भू-उपयोग संपरिवर्तन पर गलत संपरिवर्तन दर लागू करने पर 58.08 लाख की कम वसूली रही.

मुद्रांक कर एवं पंजीयन शुल्क : गलत हकदारी प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करने पर राजस्थान निवेश संवर्धन योजना के तहत मुद्रांक कर 76.97 लाख रुपये की अनियमित छूट अनुमत की गई.

ट्रांसफर ऑफ लीज बाई वे ऑफ असाइनमेन्ट के दस्तावेजों पर मुद्रांक कर, सर चार्ज तथा पंजीयन शुल्क 15.99 लाख की कम वसूली रही. भू-स्वामियों एवं विकासकर्ता अनुबन्धों पर मुद्रांक कर, सरचार्ज तथा पंजीयन शुल्क 3.32 करोड़ की कम वसूली रही. पंजीयन प्राधिकारी, साझेदारी फर्मों को अचल सम्पत्तियों के अंशदान पर मुद्रांक कर तथा सरचार्ज 34.79 लाख का आरोपण एवं वसूली करने में विफल रहे. पंजीयन प्राधिकारी, साझेदारों की सेवानिवृत्ति पर अचल सम्पत्तियों के हस्तान्तरण पर मुद्रांक कर तथा सरचार्ज 64.83 लाख का आरोपण एवं वसूली करने में विफल रहे. कम्पनियों के समामेलन/पुनर्गठन पर मुद्रांक कर, सरचार्ज तथा पंजीयन शुल्क 47.87 लाख का कम आरोपण रहा. अचल सम्पत्तियों के अवमूल्यांकन के परिणामस्वरूप मुद्रांक कर, सरचार्ज तथा पंजीयन शुल्क 3.33 करोड़ का कम आरोपण रहा.

राज्य आबकारी : परिधीय क्षेत्र की दुकानों के लिए कम्पोजिट फीस की गलत गणना के परिणामस्वरूप 1.23 करोड़ रुपए की कम राजस्व प्राप्त किया. विभाग द्वारा सक्रिय कार्यवाही के अभाव में होटल बार अनुज्ञाधारियों से अनुज्ञा शुल्क 31 लाख की कम वसूली की गई.

बीयर उत्पादन के लिए ब्रेवरीज द्वारा न्यूनतम प्राप्ति दक्षता का संधारण न करने पर 7.94 करोड़ का कम जुर्माना वसूला गया. देशी मदिरा समूहों से प्रतिभूति जमा एवं अग्रिम एकांकी विशेषाधिकार राशि जब्त न करने के कारण 77.31 लाख के राजस्व की हानि हुई. देशी मदिरा अनुज्ञाधारियों से मासिक गारंटी राशि की कम वसूली से 13.37 करोड़ के राजस्व हानि हुई.

व्यय क्षेत्र की अनुपालन लेखा परीक्षा : चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा स्वीकृत भार में वृद्धि के लिए आवेदन करने में विफल रहने के कारण चिकित्सा महाविद्यालयों- चिकित्सालयों द्वारा डिमांड सरचार्ज का अपरिहार्य भुगतान तथा विद्युत शुल्क का अनियमित भुगतान से 1.40 करोड़ रुपए की हानि हुई. चिकित्सा शिक्षा विभाग के स्तर पर कार्यवाही के अभाव में रियायत शुल्क के भुगतान में विलंब पर दंडात्मक प्याज की कम प्राप्ति, बीपीएल कोटे से संबंधित राशि की कम वसूली एवं परिणामस्वरूप निजी वाणिज्यिक प्रतिष्ठान को अदेय लाभ पहुंचने से राज्य सरकार को 5.09 करोड़ के राजस्व की हानि हुई.

राजस्थान लोक निर्माण वित्तीय और लेखा नियमों के उल्लंघन के कारण अतिरिक्त कार्यों के निष्पादन पर 3.72 करोड़ का अनियमित व्यय किया गया. अल्पसंख्यक मामलात विभाग तथा वक्फ बोर्ड द्वारा लाभार्थियों से ऋण की वसूली में विफलता और राष्ट्रीय अल्पसंख्यक विकास एवं वित्त निगम को पुनर्भुगतान के लिये निधियों के अनियमित उपयोग के परिणामस्वरूप 3.17 करोड़ का ब्याज दिया गया.

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग में निदेशालय भवन के निर्माण स्थल को परिवर्तित करने के अविवेकपूर्ण निर्णय और पुनर्वास एवं शोध संस्थान भवन के अपूर्ण रहने के कारण न केवल 3.27 करोड़ का केन्द्रीय अनुदान अनुपयोगी रहा, बल्कि 5.47 करोड़ का निष्फल व्यय हुआ. सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग में अकार्यशील रहे सोलर होम लाइटिंग संयंत्रों पर 1.24 करोड़ का व्यय किया गया. इसी विभाग में अकार्यशील रहे 256 सोलर वाटर हीटिंग संयंत्रों पर 2.98 करोड़ का निष्फल व्यय किया गया. जल संसाधन विभाग ने शहरी क्षेत्र में पड़ने वाली भूमि के अर्जन के लिए प्रतिकर का भुगतान करते समय गलत ढंग से ग्रामीण क्षेत्र का गुणक कारक प्रयुक्त किया जिसके परिणामस्वरूप 1.65 करोड़ का अधिक भुगतान हुआ. जल संसाधन विभाग में लोक निर्माण वित्तीय एवं लेखा नियमों का घोर उल्लंघन करके 1.55 करोड़ के अतिरिक्त कार्यों का अनधिकृत निष्पादन किया गया.

शिक्षा में राजस्थान की रैंकिंग गिरी...

भारत के नियंत्रक-महालेखापरीक्षक ने आज मंगलवार को अपनी रिपोर्ट सार्वजनिक की है. इसके अनुसार, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के बीच शिक्षा में सकल नामांकन अनुपात के लिए राजस्थान की रैंकिंग जो 2010-11 में 20 थी से घटकर 2018-19 में 23 हो गई है.

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