जयपुर. प्रदेश की गहलोत सरकार के मंत्रियों में आपसी खींचतान एक बार फिर खुलकर सामने आई है. कृषि भूमि से अकृषि कार्य में रूपांतरण को लेकर बनी पॉलिसी पर विवाद कुछ इस कदर बढ़ा कि कैबिनेट की बैठक में ही दो मंत्री उलझ गए. आलम यह रहा कि सीएम गहलोत को मामले में दखल देकर शांत कराना पड़ा. वहीं जलदाय मंत्री के देरी से आने पर सीएम ने नाराजगी जताते हुए खरी-खरी सुनाई.
पॉलिसी को लेकर उलझे दो मंत्री : दरअसल गत शनिवार को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में सीएम निवास पर कैबिनेट की ऑफलाइन बैठक बुलाई गई. इस बैठक में सरकार ने कई अहम फैसले किए, लेकिन इसी बैठक में गहलोत सरकार के वरिष्ठ मंत्री शांति धारीवाल पर दूसरे मंत्रियों ने नाराजगी (Gehlot ministers got angry with Shanti Dhariwal) जताई. साथी मंत्रियों की नाराजगी थी कि कृषि भूमि से अकृषि कार्य रूपांतरण को लेकर बनी पॉलिसी अलग-अलग जिले की कैसे हो सकती है .
कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने धारीवाल से कहा कि जो पॉलिसी आपने बनाई है, वह जिले के लिए अलग-अलग कैसे हो सकती है?. 2 जिलों में अलग-अलग पॉलिसी नहीं चल सकती. इस पर शांति धारीवाल और लालचंद कटारिया के बीच कुछ देर काफी हॉट टॉक होती (Hot talk between Kataria and Dhariwal) रही. बाद में गहलोत ने बीच में दखल दे कर मामले को शांत कराया.
पढ़ें: EXCLUSIVE: झगड़े के बाद गहलोत के इस मंत्री ने कहा- ये हमारा अंदरूनी मामला, सुलझा लेंगे
जोशी पर बरसे गहलोत: बैठक में देरी से आने पर मुख्यमंत्री जलदाय मंत्री महेश जोशी पर नाराज हो गए. गहलोत ने जोशी से कहा कि आप कभी समय पर नहीं आते हैं. इतना ही नहीं, सीएम ने तो यहां तक कहा कि आप फील्ड में भी दिखाई नहीं देते हैं. आखिर हमारी भी जनता के प्रति कोई जवाबदेही है. हालांकि इस बीच में जोशी अपना पक्ष रखने की कोशिश करते रहे, लेकिन सीएम गहलोत ने एक न सुनी.
ब्यूरोक्रेसी नहीं सुनती : कैबिनेट की बैठक में कुछ मंत्रियों ने सीएम गहलोत से शिकायत में कहा कि अधिकारी, विधायक और मंत्रियों की सुनवाई नहीं करते. किसी साथी विधायक और मंत्री को रिस्पांस नहीं मिल रहा है. उन्होंने यह भी कहा कि एकतरफा कार्रवाई करने वाली संस्थाओं पर भी रोक लगाई जाए.