जयपुर. राजस्थान में राजनीतिक हलकों में अक्सर यह चर्चा होती थी कि प्रदेश में ब्यूरोक्रेसी हावी है. लेकिन नौकरशाही में जिस तरीके से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने तबादलों की सर्जरी की है. उससे साफ तौर पर मुख्यमंत्री ने यह संदेश ब्यूरोक्रेसी को दे दिया है कि उन्हें याद रहे कि सरकार किसकी है और उसका मुखिया कौन है.
अब नौकरशाहियों को संदेश देने के बाद बारी है कैबिनेट की. वैसे तो नौकरशाही में जो तब्दीलियां हुई है, उसमें इस बार कांग्रेस के मंत्रियों और विधायकों नेताओं की राय को प्रमुखता दी गई है, लेकिन अब इस नौकरशाही की सर्जरी के बाद राजस्थान में मंत्रिमंडल की सर्जरी की तैयारियां तेज हो गई है. हालांकि कैबिनेट विस्तार को लेकर दो तरीके की बातें अभी चल रही है.
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'जुलाई के अंत तक कैबिनेट का हो सकता है विस्तार'
जानकारों का मानना है कि मुख्यमंत्री जुलाई में ही अंत तक यह कैबिनेट विस्तार कर देंगे, लेकिन कुछ बातें ऐसी भी है, जिसके तहत इस विस्तार के लिए पंचायती राज चुनाव का इंतजार किया जाएगा और उसके बाद ही कैबिनेट में फेरबदल होगा.
मंत्रिमंडल फेरबदल और विस्तार को लेकर चर्चाएं हैं कि कमजोर परफॉर्मेंस वाले कई मंत्रियों की छुट्टी की जाएगी. जिनकी परफॉर्मेंस रिपोर्ट कई महीनों से तैयार की जा रही है. इस रिपोर्ट को शीर्ष नेताओं के साथ चर्चा के बाद कमजोर परफॉर्मेंस वाले मंत्रियों को बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है.
'10 नई नियुक्तियों की है संभावना'
बता दें कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट समेत गहलोत मंत्रिमंडल में फिलहाल 25 मंत्री हैं. ऐसे में 5 नए मंत्री बनाने की गुंजाइश बिना किसी फेरबदल के भी बाकी है. लेकिन अगर 6 से मंत्रियों की छुट्टी परफॉर्मेंस को आधार बनाते हुए की जाती है, तो 10 नए मंत्रियों को एडजस्ट किया जा सकता है.
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ऐसे में बसपा से कांग्रेस में आए विधायकों के साथ ही कुछ निर्दलीय विधायकों का भी मंत्रिमंडल में मौका लग सकता है. इसके साथ ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जिस तरीके से जाने जाते हैं, उसी तरीके से सोशल इंजीनियरिंग के तहत मंत्रिमंडल में विस्तार और फेरबदल करेंगे. इसके तहत मंत्रिमंडल में अल्पसंख्यक, ब्राह्मण, दलित, राजपूत, जाट, आदिवासी और महिलाओं को प्रतिनिधित्व मिल सकता है.
'ब्यूरोक्रेसी में बड़ा फेरबदल'
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुरुवार रात को 103 IAS अफसरों का तबादला करके कर दिया है. इस तबदला सूची उन अफसरों को बदला गया है, जिनकी अपने विभाग के मंत्रियों से पटरी नहीं बैठ रही थी. IAS राजीव स्वरूप को प्रदेश का नया मुख्य सचिव बनाया गया है. साथ ही 5 संभागीय आयुक्तों को भी बदला गया है. आदेश के अनुसार कोरोना महामारी में चिकित्सा में अतिरिक्त मुख्य सचिव की कमान संभाल रहे रोहित कुमार सिंह को राज्य का नया गृह सचिव बनाया गया है. साथ ही दिनेश कुमार यादव को ग्रेटर नगर निगम जयपुर आयुक्त नियुक्त किया गया है. इसके अलावा 18 जिलों के कलेक्टर भी बदले गए हैं.