जयपुर. स्वास्थ्य विभाग की ओर से त्योहारी सीजन में मिठाइयों और मावे में मिलावट को रोकने के लिए शुद्ध के लिए युद्ध मुहिम जारी है. मिठाइयों और मावे की दुकानों पर विभाग की ओर से गठित टीम जांच कर लगातार कार्रवाई भी कर रही है. इसी के चलते अब शहरवासियों का मावे और मिठाइयों पर से भरोसा उठ गया है.
कोरोना के कारण मिठाई से परहेज
लोग कोरोना संक्रमण को भी नहीं भूले हैं. नतीजन शहरवासी इस बार मिठाइयों को लेकर रिस्क नहीं लेना चाहते. मिठाइयों की जगह उनका रूझान गजक और ड्राई फ्रूट्स की ओर होने लगा है. कोरोना संक्रमण के कारण लोग अवेयर हुए हैं और बाजार में बिकने वाली खान-पान की वस्तुओं से तौबा करने लगे हैं. इसका असर दिवाली की खरीदारी में देखने को मिल रहा है.
ठंड ने बदला बाजार का ट्रेंड
इस बार सर्दी का अहसास बीते साल की तुलना में कुछ ज्यादा है. ठंडी हवाओं ने भी गजक और रेवड़ी की खरीद को बढ़ाया है. दूसरी ओर मिठाइयों में पकड़ी जा रही मिलावट के कारण भी लोग गजक और रेवड़ी खरीदने पर ज्यादा जोर दे रहे हैं. जाहिर है कि मौसम में आए बदलाव ने भी खरीदारों का रुख बदला है. शहर वासियों का कहना है कि मिठाइयों में होने वाली मिलावट बीमारियों को न्योता देती है. जबकि गजक और ड्राई फ्रूट्स में मिलावट के चांस नहीं रहते.
शुद्ध के लिये युद्ध अभियान का असर
जयपुर शहर समेत पूरे प्रदेश में शुद्ध के लिए युद्ध अभियान चरम पर है. दिवाली के फेस्टिवल सीजन में रोजाना मिलावटी मिठाइयों और मिलावटखोरों का राजफाश हो रहा है. अभियान भी तेजी से चल रहा है और मिठाई में मिलावट के बड़े मामले भी पकड़े जा रहे हैं. जाहिर है कि कोरोना के बाद जागरुक हुए खरीदारों ने मिठाई से मुंह मोड़ लिया है और सेहतमंद पकवानों की ओर रुख कर रहे हैं.
दिवाली पर स्पेशल गजक
वहीं दीपावली को लेकर कुछ दुकानदारों ने नई और स्पेशल गजक भी बनवाई है. गजक विक्रेता के अनुसार लोग अब मिठाइयों से उब चुके हैं और अपना टेस्ट चेंज करना चाहते हैं. इस टेस्ट के लिए इस बार 120 तरह की गजक तैयार की गई है. लेकिन प्रमुख रूप से मैंगो-चॉकलेट गजक, मलाई गजक, तिल सकरी, बटर पीनट चिक्की, क्रंची लड्डू जैसी गजक शहरवासियों को खासी पसंद आ रही है. इनके दाम भी लगभग मिठाइयों के समान ही रखे गए हैं.
वहीं बाजारों में गजक के अलावा भी मिठाइयों का विकल्प मौजूद है. ड्राई फ्रूट्स को भी लोग बतौर नजराना अपने सगे-संबंधियों के लिये ले रहे हैं. दिवाली को देखते हुए ये ड्राई फ्रूट्स विभिन्न पैकिंग में उपलब्ध है. ड्राई फ्रूट्स विक्रेता ने बताया कि मिठाईयां जहां सेहत खराब कर रही हैं वहीं ड्राई फ्रूट्स हेल्थ के हिसाब से सही विकल्प हैं. ऐसे में लोगों का रुझान ड्राई फ्रूट्स को लेकर ज्यादा देखने को मिल रहा है.
जयपुर में ड्राई फ्रूट्स के दाम
काजू | 900 से 1300 रूपए किलो |
बादाम | 700 से 1600 रूपए किलो |
पिस्ता | 1000 से 1600 रूपए किलो |
किसमिश | 300 से 1000 रूपए किलो |
अंजीर | 1000 से 1700 रूपए किलो |
अखरोट | 1200 से 2000 रूपए किलो |
अपने घरों में खुशियों का दीपक जलाने को तैयार शहरवासी इस बार गजक और ड्राई फ्रूट्स से अपना मुंह मीठा कर रहे हैं. एक तरफ दिवाली पर अपनों को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए बाजार की मिठाई से बच रहे हैं, तो दूसरी तरफ आती हुई ठंड की सर्द हवाओं ने खरीदारों का रुख गजक की तरफ भी मोड़ दिया है.