जयपुर. कोरोना संक्रमण के कम होते आंकड़ों के बीच प्रदेश की गहलोत सरकार अनलॉक-03 की गाइडलाइन जारी करने वाली है. माना जा रहा है कि सरकार बाजार खोलने में तो थोड़ी ढील देगी लेकिन शादी समारोहों पर सख्ती में कोई खास राहत नहीं मिलेगी. ऐसे में कारोबारी सरकार से व्यापार के लिए वैवाहिक कार्यक्रमों में शामिल होने वालों की संख्या में थोड़े अधिक लोगों के शामिल की छूट देने की मांग कर राहत देने की गुहार लगा रहे हैं.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई मंत्रिमंडल समिति की बैठक में अनलॉक-03 गाइडलाइन जारी करने पर सुझाव लिए गए. सूत्रों की माने तो बीकानेर में डेल्टा वेरियंट के मिलने के बाद सरकार अनलॉक-03 में कोई खास छूट देने के मूड में नहीं है. खास तौर से मंदिरों और शादी समारोहों पर सख्ती बरकार रहेगी. शादियों में 11 से बढ़ाकर 50 लोगों तक के शामिल होने की छूट दी जा सकती है. हालांकि सरकार की ओर से दी जाने वाली इस राहत से शादी समारोहों से जुड़ी सामग्रियों का व्यवसाय करने वाले कारोबारी खुश नहीं हैं. लगभग डेढ़ साल से बंद पड़े व्यवसाय को लेकर कारोबारी सरकार से गुहार लगा रहे हैं कि अब उन्हें भी काम-धंधा शुरू करने की इजाजत दी जाए.
कैटरिंग व्यवसाय से जुड़े कारोबारियों का कहना है कि करीब डेढ़ साल से कैटरिंग कारोबार लगभग ठप पड़ा है. इस कारोबार से जुड़े लाखों लोग बेरोजगार बैठे हैं. शादी समारोह में 11 और 50 लोगों की अनुमति मिलती है, जिससे लोग बेहद छोटे स्तर पर कार्यक्रम करते हैं जिस कारण इससे जुड़े लोगों को रोजगार नहीं मिल पा रहा है.
जयपुर में करीब 500 कैटरिंग कारोबारी प्रभावित
जयपुर में करीब 500 कैटरिंग कारोबारी हैं जिनका कारोबार कोरोना महामारी ने बर्बाद कर दिया है. शादी समारोह आयोजित नहीं होने से कैटरिंग से जुड़े हलवाई, वेटर, टेंट, मैरिज गार्डन और अन्य वर्कर्स बेरोजगार हो गए हैं. इससे लाखों लोगों के सामने रोज के खाने का संकट खड़ा हो गया है. बेरोजगारी के चलते भूखे मरने की नौबत आ गई है. कैटरिंग कारोबार से जुड़े लोग सरकार से राहत की उम्मीद कर रहे हैं.
कैटरिंग व्यवसाय से जुड़े कारोबारियों का कहना है कि करीब 300 से 400 लोगों को शादी समारोह में शामिल होने की अनुमति दी जाए ताकि लोगों को रोजगार मिल सके औऱ उनका आर्थिक संकट दूर हो सके. कैटरिंग कारोबारी बुद्धि प्रकाश शर्मा ने बताया कि कैटरिंग व्यवसाय से चाट, तंदूर, हलवाई, टेंट, गार्डन, फ्लावर डेकोरेशन समेत कई लोग जुड़े हुए हैं. इसलिए सरकार को शादियों में 400 से अधिक लोगों के शामिल होने की अनुमति देनी चाहिए ताकि लोगों के परिवार का पालन पोषण हो सके.
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जयपुर में करीब 1000 टेंट वाले
जयपुर में करीब 1000 टेंट कारोबारी हैं जिनकी हालत खराब चल रही है. टेंट की बुकिंग नहीं हो रही है. सभी तरह के शादी समारोह बंद हैं. टेंट कारोबारियों का कहना है कि सरकार को नई गाइडलाइन में शादी समारोह में छूट देनी चाहिए. एक टेंट कारोबारी के साथ 10 से 15 लोग जुड़े रहते हैं. सरकार की ओर से प्रतिबंध लगाए जाने से जयपुर में टेंट व्यवसाय से जुड़े करीब 5000 से अधिक लोग प्रभावित हो रहे हैं.
जयपुर में 1500 से अधिक मैरिज गार्डन
राजधानी जयपुर में करीब 1500 से अधिक मैरिज गार्डन हैं. सरकार की ओर से 11 और अधिक से अधिक 50 लोगों के शामिल होने की अनुमति मिलती है. इसके चलते लोग शादी समारोह या कोई भी अन्य कार्यक्रम अपने घर पर ही आयोजित कर रहे हैं. ऐसे में गार्डन की बुकिंग नहीं आ पा रही, जिसके चलते मैरिज गार्डन संचालक और उनके परिवारजनों के लिए बड़ा संकट खड़ा हो रहा है. कई लोगों ने मैरिज गार्डनों में लाखों रुपए इन्वेस्ट किया है तो कई ने गार्डन किराए पर ले रखे हैं. उनको भी काफी मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है. मैरिज गार्डन संचालकों का कमाई तो दूर खर्च भी नहीं निकल पा रहा है.
होटलों में भी नहीं हो रही बुकिंग
लॉकडाउन से पहले प्रदेश के बाहर से भी लोग जयपुर में आकर शादियां करते थे, लेकिन इन दिनों कोरोना के चलते होटलों में भी बुकिंग नहीं हो रही है. होटल संचालकों की मानें तो बाहर से जयपुर आकर शादी करने वाले अब इक्का-दुक्का लोग भी नहीं आ रहे हैं. ऐसे में कारोबार बिल्कुल ठप होता जा रहा है.
आमजन को सरकार से राहत की उम्मीद
सरकार की नई गाइडलाइन को लेकर आमजन भी राहत की उम्मीद लगा रहे हैं. लोगों का कहना है कि शादियों ने परिवार के ही लोग 100 से अधिक हो जाते हैं. ऐसे में सरकार को कम से कम 200 लोगों के शादी समारोह में शामिल होने की छूट दी जानी चाहिए. कई लोगों ने तो प्रतिबंध के चलते शादी विवाह स्थगित कर दिए हैं. कुछ लोग सरकार की गाइड लाइन से राहत की उम्मीद लेकर जुलाई में शादी विवाह कार्यक्रम आयोजित करने की तैयारी कर रहे हैं.
ऐसे में लोगों का कहना है कि नई गाइडलाइन में सरकार 200 से अधिक लोगों के शामिल होने की छूट दे ताकि परिवार के सभी लोग समारोह में शामिल हो सकें. क्योंकि शादी समारोह जीवन में एक बार होता है, ऐसे में सरकार को राहत देनी चाहिए.
जयपुरवासी अनुराग शर्मा की 15 जुलाई को शादी होनी है. अनुराग का कहना है कि 50 लोगों तक की छूट काफी कम है. पूरा परिवार भी शामिल नहीं हो सकेगा. वहीं ओमप्रकाश शर्मा ने बताया कि सरकार ने धीरे-धीरे सभी चीजों पर छूट दे दी है. अब शादी समारोह में भी छूट देनी चाहिए. पिछले महीने बेटे की शादी को भी कैंसिल करना पड़ गया, क्योंकि 11 लोगों में परिवार भी शामिल नहीं हो सकता था. 50 लोगो की अनुमति भी कम है.
कपड़ा कारोबार प्रभावित
शादी विवाह के सीजन में ही कपड़ा कारोबार में तेजी आती है. शादियां बंद होने और प्रतिबंध होने से कपड़ा कारोबारियों को काफी नुकसान हो रहा है. शादी समारोह में जाने के लिए लोग नए-नए कपड़े खरीदते हैं, लेकिन कम लोगों की अनुमति होने की वजह से लोग खरीदारी के लिए नहीं पहुंच रहे. कपड़ा कारोबारी अभिषेक ने बताया कि पिछले डेढ़ साल से कपड़ा कारोबार ठप पड़ा है. 50 लोगों तक की अनुमति भी काफी कम है. दूल्हा और दुल्हन पक्ष की ओर से कुल मिलाकर 200 से 400 लोगों की अनुमति होनी चाहिए. शादी समारोह पर प्रतिबंध होने की वजह से कई लोगों ने तो शादियां कैंसिल कर दी. इससे व्यापार पर भी काफी असर पड़ा है.
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साफा शेरवानी कारोबार प्रभावित
साफा शेरवानी से जुड़े कारोबारियों की गाड़ी भी बेपटरी हो गई है. शर्मा साफा शेरवानी से उमाशंकर शर्मा ने बताया कि शादी समारोह पर प्रतिबंध होने की वजह से साफा शेरवानी का कारोबार भी काफी प्रभावित हुआ है. कई लोगों ने शादियां स्थगित कर दी हैं, तो कई ने शादियां कैंसिल कर दी हैं. इसकी वजह से साफा शेरवानी की बिक्री पर भी प्रभाव पड़ा है. शादियों पर प्रतिबंध की बाध्यता के चलते साफा शेरवानी का काम भी बंद पड़ा है. शादी समारोह पर लगे प्रतिबंध हटने के बाद साफा शेरवानी और कपड़ा कारोबारियों की गाड़ी पटरी पर आ सकेगी. सरकार 50 लोगों तक छूट देने की तैयारी कर रही है, जिससे थोड़ी राहत कारोबारियों को मिल सकती है. हालांकि 50 लोगों की छूट काफी कम है, सरकार को 200 से अधिक लोगों की अनुमति देनी चाहिए.
19 जुलाई को बंद हो जाएंगे शादी विवाह मुहूर्त
हिंदू रीति रिवाज के अनुसार 19 जुलाई को विवाह मुहूर्त बंद हो जाएंगे. ऐसे में केवल 20 दिन बचे हैं. उसके बाद 4 महीने लगन न होने से धंधा मंदा ही रहना है. ऐसे में सरकार को अनलॉक-03 में छूट देकर कारोबारियों को राहत देनी चाहिए.
पंडितों की दक्षिणा पर असर
लॉकडाउन के चलते पंडितों की दक्षिणा पर भी काफी असर पड़ रहा है. शादी समारोह के साथ ही लगन में टीका, बिंदोरी, सगाई और अन्य कार्यक्रम आयोजित होते हैं. लेकिन सरकार की ओऱ से प्रतिबंध लगाए जाने के बाद इस तरह के आयोजन नहीं हो पा रहे हैं जिससे पंडितों की दान दक्षिणा पर भी प्रभाव पड़ा है. कई शादी समारोह कैंसिल हो गए हैं. जो लोग शादी विवाह कर रहे हैं वह भी शादी के दिन ही फेरे करवाने के लिए ही पंडित बुलाते हैं.
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जयपुर में 40000 पंडित परिवारों पर संकट
पंडित आशुतोष धर्माचार्य ने बताया कि कोरोना महामारी के चलते सभी लोगों की आजीविका प्रभावित हो रही है. पंडित नित्य पूजा पाठ कर्म करके अपनी आजीविका चलाते थे जिससे उनके परिवार पलते थे. आयोजन और मंदिर बंद होने से उनके सामने भी आर्थिक संकट खड़ा हो गया है. जयपुर में करीब 40,000 पंडित परिवार पूजा पाठ से जुड़े हुए हैं. कोरोना काल में शादी समारोह बंद पड़े हैं, जिससे उनका कार्य भी प्रभावित हो रहा है.
10 प्रतिशत लोग अपने घरों पर ही विवाह कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं. करीब 90% लोगों ने अपने विवाह कार्यक्रम स्थगित कर दिए हैं. ऐसे में शादी-विवाह से जुड़े हुए अन्य वर्ग भी काफी मुश्किल दौर से गुजर रहे हैं. विवाह स्थल, हलवाई, कैटरिंग, टेंट हाउस अन्य कारोबारी दयनीय स्थिति में पहुंच गए हैं. उनकी सरकार से गुहार है कि शादी समारोहों में लोगों की संख्या में छूट दी जाए तो कुछ राहत मिले और आर्थिक संकट दूर हो सके.