जयपुर. प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपने शासनकाल का दूसरा बजट पेश करने वाले हैं. इस बजट से सभी वर्गों को खास उम्मीदें हैं. लेकिन खासतौर से सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं को अंतिम छोर पर बैठे हुए व्यक्ति के पास पहुंचाने वाले कर्मचारियों को सरकार से खास उम्मीदें है.
यह कर्मचारी भी सरकार से बड़ी उम्मीद लगाए बैठे हैं. कर्मचारियों की सरकार से खास तौर पर तीन मांगे हैं. इन्हें उम्मीद है कि मुख्यमंत्री जब बजट भाषण पढ़ेंगे और प्रदेश की जनता के लिए बजट पेश करेंगे उस वक्त कर्मचारियों की जो प्रमुख तीन मांगे हैं उसे पूरा करेंगे. प्रदेश एकीकृत कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष गजेंद्र सिंह ने बताया कि सरकार जब अपना बजट पेश करें उस वक्त उनकी जो जनता है खासतौर से जो कर्मचारी है जो सरकार के लिए दिन रात काम में लगे रहते हैं उनका विशेष ख्याल रखें.
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कर्मचारियों का डीए जो केंद्र सरकार ने तो बढ़ा दिया लेकिन राज्य सरकार ने अभी तक नहीं बनाया उसे बढ़ाया जाए. कर्मचारियों के वेतन में 2017 से जो कटौती की जा रही है उस कटौती में प्रदेश के कर्मचारियों को राहत की घोषणा करे. वैसे तो प्रदेश का कर्मचारी 11 सूत्री मांगों को लेकर अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ ने सरकार को ज्ञापन दिया. कर्मचारी सरकार से बजट में उम्मीद लगये हुए हैं कि जुलाई 2019 से बढ़े 5 प्रतिशत महंगाई भत्ते की घोषणा इस बजट में हो. साथ ही राज्य कर्मचारियों और पेंशनर्स की वेतन कटौती को भी बंद की जाए. कर्मचारियों का आरोप है कि राज्य सरकार वित्त विभाग की अधिसूचना 30 अक्टूबर 2017 से 1 जुलाई 2013 से प्रभावित किया गया था.
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परिणाम स्वरूप 30 अक्टूबर 2017 के पहले हुए भुगतान अधिक भुगतान बताते हुए वसूली कार्य प्रारंभ कर दी है. उन्होंने वेतन कटौती के आदेश तुरंत प्रभाव से रोक लगाने की मांग की. साथ ही वित्त विभाग के पास जुलाई 2013 के आदेश की पालना करने की मांग की. कर्मचारियों ने मांग की 2004 में नियुक्त राज्य कर्मचारियों के लिए नई पेंशन योजना के स्थान पर पुरानी पेंशन योजना लागू करे. इसके साथ ही प्रदेश सरकार सामंत कमेटी की रिपोर्ट में जो सिफारिशें की गई है उन्हें सार्वजनिक करके कर्मचारी के हित में लागू करें.
उन्होंने कहा कि सरकार ने ही सामंत कमेटी का गठन किया था और वेतन विसंगति सहित कर्मचारियों की जो अन्य मांगे हैं उन सभी मांगों का अध्ययन करके उनकी रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए थे. सामंत कमेटी को अपनी रिपोर्ट दिए हुए 4 महीने के करीब होने जा रहा हैं .उसके बावजूद सरकार अभी भी सामंत कमेटी को ना तो सार्वजनिक कर रही है और ना ही उसकी सिफारिशों को लागू कर रही है. ऐसे में कर्मचारियों को उम्मीद है कि सरकार अपने इस बजट में सामंत कमेटी को लेकर भी कोई घोषणा करें.