जयपुर. प्राथमिक कक्षाओं के बच्चों को पढ़ाने से बीएडधारी अभ्यर्थियों को बाहर करने की मांग अब लगातार जोर पकड़ती जा रही है. इस मांग को लेकर आंदोलन कर रहे बीएसटीसीधारी अभ्यर्थियों ने अब आमरण अनशन शुरू कर दिया है. सोमवार को दो आंदोलनकारियों ने आमरण अनशन शुरू किया है.
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आमरण अनशन शुरू करने वाले बीएसटीसीधारी अभ्यर्थी सचिन शर्मा का कहना है कि उनकी एक ही मांग है कि पहली से पांचवीं कक्षा तक के बच्चों को पढ़ाने का जिम्मा सिर्फ बीएसटीसीधारी अभ्यर्थियों को मिले. साथ ही बीएडधारियों को शिक्षक ग्रेड-3 के लेवल-1 से बाहर किया जाए. उनका कहना है कि सरकार उनकी मांग नहीं मान रही है. जब पंजाब और हिमाचल प्रदेश में लेवल-1 से बीएडधारियों को बाहर किया जा सकता है तो राजस्थान में ऐसा क्यों नहीं किया जा सकता है?. यही हमारा मुख्य मुद्दा है.
सचिन ने कहा कि पहली से पांचवीं कक्षा तक के बच्चों को पढ़ाने के लिए ही बीएसटीसी कोर्स डिजाइन किया गया है. जबकि कक्षा 6 से 12 तक के विद्याथियों को पढ़ाने के लिए बीएड कोर्स है. ऐसे में यदि बीएडधारियों को लेवल-1 से बाहर नहीं किया गया तो बीएसटीसीधारी अभ्यर्थियों का तो जीवन बर्बाद हो जाएगा.
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सचिन शर्मा का कहना है कि अपनी इसी मांग को लेकर वे लगातार आंदोलन कर रहे हैं. लेकिन सरकार की ओर से कोई सुनवाई नहीं की जा रही है. ऐसे में अब उन्होंने आंदोलन तेज करते हुए आमरण अनशन शुरू किया है. पहले दिन दो अभ्यर्थी आमरण अनशन पर बैठे हैं. जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होती आंदोलन जारी रहेगा.