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BSTC अभ्यर्थियों के सामने झुका पुलिस प्रशासन, देर रात वार्ता कर तुड़वाया आमरण अनशन

जयपुर के शहीद स्मारक पर एनसीटीई की गाइडलाइन के विरोध में धरना दे रहे बीएसटीसी (BSTC) अभ्यर्थियों ने पुलिस की तानाशाही पर आमरण अनशन शुरू किया था. इस दौरान कई अभ्यर्थियों की तबियत खराब हो गई. देर रात पुलिस ने समझाइश कर आमरण अनशन तुड़वाया.

Hunger strike end BSTC
Hunger strike end BSTC
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Published : Nov 2, 2021, 11:01 AM IST

Updated : Nov 2, 2021, 12:01 PM IST

जयपुर. आमरण अनशन करने से लगातार बिगड़ रही बीएसटीसी (BSTC) अभ्यर्थियों की तबीयत के सामने आखिरकार पुलिस प्रशासन को झुकना ही पड़ा. सोमवार देर रात को बीएसटीसी संघर्ष समिति के पदाधिकारियों के साथ पुलिस प्रशासन की वार्ता हुई जिसमें सहमति बनने के बाद पुलिस ने आमरण अनशन तुड़वाया. संघर्ष समिति ने ऐलान किया कि सरकार के खिलाफ एनसीटीई गाइडलाइन को लेकर चल रहा विरोध पहले की तरह ही जारी रहेगा और काली दिवाली भी यहीं मनाएंगे.

दरअसल, शहीद स्मारक पर एनसीटीई की गाइडलाइन के विरोध में बीएसटीसी अभ्यर्थियों का धरना चल रहा है. बीएसटीसी अभ्यर्थी रीट लेवल वन में बीएड डिग्रीधारियों को शामिल करने का विरोध कर रहे हैं. इसका मामला भी कोर्ट में चल रहा है. अभ्यर्थियों की मांग है कि कोर्ट में चल रहे मामले में सरकार उनकी तरफ से मजबूत पैरवी करे ताकि उनको न्याय मिल सके. पिछले कई दिनों से धरने के दौरान पुलिस प्रशासन पर बीएसटीसी अभ्यर्थियों को परेशान करने के आरोप लग रहे हैं.

BSTC अभ्यर्थियों के सामने झुका पुलिस प्रशासन

पढ़ें: राजस्थान : अब तक तीन BSTC अभ्यर्थियों की तबीयत बिगड़ी, अन्य की भी नासाज...आंदोलन तेज करने की चेतावनी

बताया जाता है कि कभी इनका माइक छीना जाता था तो कभी इनको जबरन उठाने की कोशिश की जाती थी. 3 दिन पहले तो पुलिस ने हद ही कर दी. बीएसटीसी अभ्यर्थियों के लिए आने वाले खाने को रोक दिया और उसके अगले दिन पानी का टैंकर भी बंद कर दिया. जिसे लेकर बीएसटीसी अभ्यर्थियों में आक्रोश व्याप्त था. पुलिस के इस तरह से दुर्व्यवहार के विरोध में बीएसटीसी अभ्यर्थी 3 दिनों से आमरण अनशन कर रहे थे. आमरण अनशन के दौरान उनके कई साथियों की तबीयत भी खराब हो गई.

पढ़ें: बेरोजगार महासंघ की सरकार से तीसरे दौर की वार्ता भी विफल...शहीद स्मारक पर भूखे रहकर काली दिवाली मनाने का एलान

बीएसटीसी संघर्ष समिति के सचिव श्याम शुक्ला ने बताया कि पुलिस प्रशासन के अभद्र व्यवहार और तानाशाही रवैया के विरोध में सभी सदस्य आमरण अनशन पर बैठ. इस दौरान रामदेव चोटिया, रामसिंह व ओम सिंह की तबियत बिगड़ गयी थी. उन्हें एसएमएस हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया. पुलिस प्रशासन का तानाशाही रवैया बैरोजगारों के सामने ज्यादा टिक नहीं पाया. पुलिस अधिकारियों ने देर रात दो बार बातचीत करके बीएसटीसी संघर्ष समिति को पूर्ण विश्वास देकर आमरण अनशन तुड़वाया. रामदेव चोटिया ने बताया कि हमने केवल आमरण अनशन को तोड़ा है, धरना प्रदर्शन जारी रहेगा तथा सभी बीएसटीसी अभ्यर्थी शहीद स्मारक के साथ-साथ प्रत्येक तहसील पर काली दिवाली मनाएंगे.

जयपुर. आमरण अनशन करने से लगातार बिगड़ रही बीएसटीसी (BSTC) अभ्यर्थियों की तबीयत के सामने आखिरकार पुलिस प्रशासन को झुकना ही पड़ा. सोमवार देर रात को बीएसटीसी संघर्ष समिति के पदाधिकारियों के साथ पुलिस प्रशासन की वार्ता हुई जिसमें सहमति बनने के बाद पुलिस ने आमरण अनशन तुड़वाया. संघर्ष समिति ने ऐलान किया कि सरकार के खिलाफ एनसीटीई गाइडलाइन को लेकर चल रहा विरोध पहले की तरह ही जारी रहेगा और काली दिवाली भी यहीं मनाएंगे.

दरअसल, शहीद स्मारक पर एनसीटीई की गाइडलाइन के विरोध में बीएसटीसी अभ्यर्थियों का धरना चल रहा है. बीएसटीसी अभ्यर्थी रीट लेवल वन में बीएड डिग्रीधारियों को शामिल करने का विरोध कर रहे हैं. इसका मामला भी कोर्ट में चल रहा है. अभ्यर्थियों की मांग है कि कोर्ट में चल रहे मामले में सरकार उनकी तरफ से मजबूत पैरवी करे ताकि उनको न्याय मिल सके. पिछले कई दिनों से धरने के दौरान पुलिस प्रशासन पर बीएसटीसी अभ्यर्थियों को परेशान करने के आरोप लग रहे हैं.

BSTC अभ्यर्थियों के सामने झुका पुलिस प्रशासन

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बताया जाता है कि कभी इनका माइक छीना जाता था तो कभी इनको जबरन उठाने की कोशिश की जाती थी. 3 दिन पहले तो पुलिस ने हद ही कर दी. बीएसटीसी अभ्यर्थियों के लिए आने वाले खाने को रोक दिया और उसके अगले दिन पानी का टैंकर भी बंद कर दिया. जिसे लेकर बीएसटीसी अभ्यर्थियों में आक्रोश व्याप्त था. पुलिस के इस तरह से दुर्व्यवहार के विरोध में बीएसटीसी अभ्यर्थी 3 दिनों से आमरण अनशन कर रहे थे. आमरण अनशन के दौरान उनके कई साथियों की तबीयत भी खराब हो गई.

पढ़ें: बेरोजगार महासंघ की सरकार से तीसरे दौर की वार्ता भी विफल...शहीद स्मारक पर भूखे रहकर काली दिवाली मनाने का एलान

बीएसटीसी संघर्ष समिति के सचिव श्याम शुक्ला ने बताया कि पुलिस प्रशासन के अभद्र व्यवहार और तानाशाही रवैया के विरोध में सभी सदस्य आमरण अनशन पर बैठ. इस दौरान रामदेव चोटिया, रामसिंह व ओम सिंह की तबियत बिगड़ गयी थी. उन्हें एसएमएस हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया. पुलिस प्रशासन का तानाशाही रवैया बैरोजगारों के सामने ज्यादा टिक नहीं पाया. पुलिस अधिकारियों ने देर रात दो बार बातचीत करके बीएसटीसी संघर्ष समिति को पूर्ण विश्वास देकर आमरण अनशन तुड़वाया. रामदेव चोटिया ने बताया कि हमने केवल आमरण अनशन को तोड़ा है, धरना प्रदर्शन जारी रहेगा तथा सभी बीएसटीसी अभ्यर्थी शहीद स्मारक के साथ-साथ प्रत्येक तहसील पर काली दिवाली मनाएंगे.

Last Updated : Nov 2, 2021, 12:01 PM IST
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