जयपुर. राजधानी के सवाई मानसिंह अस्पताल में ब्रेन स्ट्रोक के मरीजों को अब अत्याधुनिक इलाज उपलब्ध हो (New technology to treat Brain stroke in Jaipur) सकेगा. जहां मरीजों का इलाज डिजिटल सबट्रैक्शन एंजियोग्राफी (DSA) मशीन से किया जाएगा. इस 3डी मशीन से ब्लॉकेज होने पर ब्रेन स्ट्रोक या लकवे के मरीजों का बिना ओपन सर्जरी किए आसानी से स्टंट डाला जा सकेगा. 3डी तकनीक से ब्रेन स्ट्रोक संबंधित इलाज करने वाला SMS अस्पताल प्रदेश का पहला अस्पताल होगा.
जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल (Jaipur Sawai Mansingh Hospital) में राजस्थान से ही नहीं बल्कि हरियाणा, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश से भी बड़ी संख्या में मरीज आते हैं. जिसके चलते सवाई मानसिंह अस्पताल के न्यूरो सर्जरी विभाग को भी हाईटेक किया जा रहा है. ब्रेन स्ट्रोक संबंधित अन्य बीमारियों का इलाज करने के लिए राज्य सरकार की ओर से तकरीबन 10 करोड़ रुपए की लागत से एक डीएसए मशीन लगाई गई है. एसएमएस अस्पताल के न्यूरो सर्जरी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. अचल शर्मा का कहना है कि इससे पहले 2 डी मशीन के माध्यम से ही मरीजों का इलाज या ऑपरेशन किया जा रहा था.
3D इमेज के माध्यम से होगा इलाज: अस्पताल में 3डी मशीन को इंस्टॉल किया गया है, जिसके बाद बिना ओपन सर्जरी किए ब्रेन स्ट्रोक के मरीजों को स्टंट लगाया जा सकेगा. डॉ. शर्मा का कहना है कि इस मशीन के लगने के बाद आसानी से मरीज के सिर में स्टंट लगाया जा सकेगा. जिस ब्लड वेसल्स में खून का थक्का जमा है, वहां की 3D इमेज ये मशीन तैयार करेगी और इसी 3D इमेज के माध्यम से बिना ओपन सर्जरी किए स्टंट लगाया जा सकेगा. इस के माध्यम से स्टंट लगाते वक्त किसी अन्य ब्लड वेसल्स को नुकसान भी नहीं होगा. इसके अलावा इस मशीन से सिर से लेकर पैर तक की सभी नसों से संबंधित बीमारियों का इलाज हो सकेगा. इससे संबंधित अनुवांशिक बीमारियों की भी जांच आसानी से हो सकेगी.
सीटी स्कैन की सुविधा भी: डॉक्टर अचल शर्मा का कहना है कि इस मशीन में सीटी स्कैन की सुविधा भी उपलब्ध है. इससे पहले इलाज के दौरान कई बार मरीज को सीटी स्कैन की आवश्यकता पड़ती थी. ऐसे में ऑपरेशन थिएटर से मरीज को सीटी स्कैन के लिए ले जाया जाता था, जिसमें काफी वक्त लग जाता था. लेकिन इस डीएसए मशीन में सीटी स्कैन की सुविधा भी उपलब्ध है. जिसके जरिेए ऑपरेशन के दौरान ही सीटी स्कैन के माध्यम से मरीज की मौजूदा स्थिति को देखा जा सकता है.
एक मशीन से 4-5 लोगों का होगा इलाज: इस मशीन में रेडिएशन भी काफी कम है. आमतौर पर 2डी मशीन पर सिर्फ 2 मरीजों का इलाज होता था. अब 3डी मशीन के माध्यम से चार से पांच मरीजों का इलाज आसानी से हो सकेगा. मशीन को रेडिएशन से जुड़ा सर्टिफिकेट मिल चुका है. ऐसे में माना जा रहा है कि जून के प्रथम सप्ताह में सीएम अशोक गहलोत इस मशीन का शुभारंभ करेंगे.