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शादी समारोह रद्द करने के फैसले का किया स्वागत, पंडित बोले- अभी कोरोना से बचना प्राथमिकता - राजस्थान ताजा हिंदी खबरें

कोरोना संक्रमण की भयावह होती जा रही दूसरी लहर के बीच मई महीने में शादियों के बंपर सावे हैं. पीपल पूर्णिमा के अबूझ सावे के साथ ही इस महीने कई अन्य मुहूर्त भी हैं. लेकिन राज्य सरकार ने लॉकडाउन लगाने के साथ ही शादी समारोह भी रद्द कर दिए हैं. इस फैसले का सर्व ब्राह्मण महासभा के प्रवक्ता आचार्य पंडित विमल पारीक ने स्वागत किया है.

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शादी समारोह रद्द करने के फैसले का किया स्वागत
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Published : May 7, 2021, 9:33 AM IST

जयपुर. कोरोना संक्रमण की भयावह होती जा रही दूसरी लहर के बीच मई महीने में शादियों के बंपर सावे हैं. पीपल पूर्णिमा के अबूझ सावे के साथ ही इस महीने कई अन्य मुहूर्त भी हैं, लेकिन राज्य सरकार ने लॉकडाउन लगाने के साथ ही शादी समारोह भी रद्द कर दिए हैं. इस फैसले का सर्व ब्राह्मण महासभा के प्रवक्ता आचार्य पंडित विमल पारीक ने स्वागत किया है. उनका कहना है कि महामारी के इस विकट दौर ने कोरोना संक्रमण से बचना और अन्य लोगों को बचाना अभी प्राथमिकता है. ऐसे में सुरक्षित रहने पर शादी समारोह बाद में भी किए जा सकते हैं.

शादी समारोह रद्द करने के फैसले का ब्राह्मण समाज ने किया स्वागत

सर्व ब्राह्मण महासभा के प्रवक्ता आचार्य पंडित विमल पारीक का कहना है कि उन्होंने और उनके संगठन से जुड़े पंडितों ने आमजन को भी इस विकट हालात में शादियां निरस्त करने की अपील की थी. इसके साथ ही जब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वर्चुअल माध्यम से वीसी से जुड़कर बैठक ली. तब भी उन्होंने इस बात पर जोर दिया था कि शादी सामारोह में जिस तरह लोग आवाजाही कर रहे हैं. उससे कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है. इसलिए उन्होंने लोगों से शादी समारोह निरस्त करने के साथ ही सरकार से भी ऐसे आयोजनों पर सख्ती से रोक लगाने की मांग की थी. अब जब लॉकडाउन में शादी समारोहों पर रोक लगाई गई है, तो उन्होंने इसका स्वागत किया है और सरकार के इस फैसले को लोगों की जान बचाने वाला बताया है.

पढ़ें- सख्त लॉकडाउन: बड़ी आसान भाषा में समझिए, क्या खुला रहेगा और क्या बंद?

हालांकि, सरकार द्वारा रोक लगाने से पहले ही कई लोगों ने उनके घरों में होने वाले शादी समारोह स्थगित कर दिए थे. ऐसे लोग इस साल नवंबर में देवउठनी एकादशी के बाद शादी विवाह के लिए मुहूर्त नए सिरे से निकलवाने की कवायद करते दिख रहे हैं.

जयपुर. कोरोना संक्रमण की भयावह होती जा रही दूसरी लहर के बीच मई महीने में शादियों के बंपर सावे हैं. पीपल पूर्णिमा के अबूझ सावे के साथ ही इस महीने कई अन्य मुहूर्त भी हैं, लेकिन राज्य सरकार ने लॉकडाउन लगाने के साथ ही शादी समारोह भी रद्द कर दिए हैं. इस फैसले का सर्व ब्राह्मण महासभा के प्रवक्ता आचार्य पंडित विमल पारीक ने स्वागत किया है. उनका कहना है कि महामारी के इस विकट दौर ने कोरोना संक्रमण से बचना और अन्य लोगों को बचाना अभी प्राथमिकता है. ऐसे में सुरक्षित रहने पर शादी समारोह बाद में भी किए जा सकते हैं.

शादी समारोह रद्द करने के फैसले का ब्राह्मण समाज ने किया स्वागत

सर्व ब्राह्मण महासभा के प्रवक्ता आचार्य पंडित विमल पारीक का कहना है कि उन्होंने और उनके संगठन से जुड़े पंडितों ने आमजन को भी इस विकट हालात में शादियां निरस्त करने की अपील की थी. इसके साथ ही जब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वर्चुअल माध्यम से वीसी से जुड़कर बैठक ली. तब भी उन्होंने इस बात पर जोर दिया था कि शादी सामारोह में जिस तरह लोग आवाजाही कर रहे हैं. उससे कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है. इसलिए उन्होंने लोगों से शादी समारोह निरस्त करने के साथ ही सरकार से भी ऐसे आयोजनों पर सख्ती से रोक लगाने की मांग की थी. अब जब लॉकडाउन में शादी समारोहों पर रोक लगाई गई है, तो उन्होंने इसका स्वागत किया है और सरकार के इस फैसले को लोगों की जान बचाने वाला बताया है.

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हालांकि, सरकार द्वारा रोक लगाने से पहले ही कई लोगों ने उनके घरों में होने वाले शादी समारोह स्थगित कर दिए थे. ऐसे लोग इस साल नवंबर में देवउठनी एकादशी के बाद शादी विवाह के लिए मुहूर्त नए सिरे से निकलवाने की कवायद करते दिख रहे हैं.

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