जयपुर. 'राजस्थान रोडवेज रिलीफ सोसायटी' के तत्वाधान में बुधवार को विशाल स्वैच्छिक रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया. ये आयोजन रोडवेज मुख्यालय भवन में किया गया. जिसका उद्देश्य सड़क दुर्घटनाओं में घायल यात्रियों, रोडवेज चालकों, परिचालकों और कैंसर जैसे बीमारी से पीड़ितों को मदद देना है.
इस दौरान परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने शिविर का शुभारंभ किया. साथ ही रक्त दाताओं का उत्साहवर्धन किया. मंत्री ने कहा कि जरूरतमंद लोगों के लिए रोडवेज कर्मचारी हर साल रक्तदान करते हैं. कर्मचारी बसों के माध्यम से लोगों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने का काम करते हैं. वहीं लोगों की जान बचाने के लिए रक्तदान भी कर रहे हैं. रोडवेज कर्मचारी पिछले 29 सालों से लगातार रक्तदान करते आ रहे हैं. आज मुख्यालय भवन में 30वां शिविर लगाया गया.
खाचरियावास ने कहा कि अगले साल से रोडवेज के हर डिपो पर रक्तदान शिविर लगाया जाएगा. जिससे रोडवेज कर्मचारियों को लंबा सफर तय करके जयपुर नहीं आना पड़ेगा. आने वाले समय में राजस्थान रोडवेज के सर्व कर्मचारी एक साथ ब्लड डोनेट करेंगे. उन्होंने कहा कि राजस्थान रोडवेज में 876 नई बसें भी लाई जा रही हैं. साथ ही इलेक्ट्रिक बसें भी जल्द आएंगी और बीकानेर हाउस से बस सेवा की शुरूआत करने की तैयारी भी की जा रही है. रोडवेज कर्मचारियों की मांगे पूरी करना, रोडवेज बसों को गांव-गांव तक पहुंचाना और रोडवेज को मजबूत करना हमारी जिम्मेदारी है.
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राजस्थान रोडवेज रिलीफ सोसायटी संयोजक ताराचंद जैन ने बताया कि रोडवेज कर्मचारियों की ओर से रक्तदान कर पुण्य का काम किया है. जिससे जरूरतमंद व्यक्ति की जान बचाई जा सके. साथ ही आपात स्थिति में रोडवेज कर्मचारियों को रक्त की जरूरत होने पर आसानी से रक्त मिल सके. रक्तदान शिविर में एकत्रित होने वाला 50 प्रतिशत रक्त, बसों से दुर्घटनाग्रस्त यात्रियों, चालकों और परिचालकों के उपयोग में आता है और 50 प्रतिशत रक्त कैंसर और थैलेसीमिया की बीमारी से पीड़ित लोगों के लिए उपयोग में आता है.
जैन ने बताया कि राजस्थान रोडवेज के कर्मचारी 30 साल से ब्लड डोनेशन कैंप का आयोजन करते आए हैं. हर साल सैकड़ों रोडवेज कर्मचारी रक्तदान करते हैं. इसके साथ ही रोडवेज कर्मचारियों की ओर से आंखों की जांच के लिए नि:शुल्क कैंप लगाए जाते हैं.