जयपुर. राजस्थान विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान हुए भाजपा के सदन से बायकाट का साथ नहीं देने वाले बीजेपी विधायक कैलाश मेघवाल पर पार्टी की ओर से कोई अनुशासनात्मक कार्रवाई नहीं होगी. खुद नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया और पार्टी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने इसके संकेत दिए हैं.
ईटीवी भारत से खास बातचीत में कटारिया ने यह संकेत तो दिए, लेकिन वरिष्ठ विधायक कैलाश मेघवाल के इस व्यवहार को लेकर अपनी नाराजगी भी जताई. गुलाबचंद कटारिया यह तो मानते हैं, कि मेघवाल ने पार्टी का अनुशासन तोड़ा है, लेकिन बतौर नेता प्रतिपक्ष मेघवाल पर क्या कार्रवाई होगी, इस पर वे चुप ही रहे. कुछ ऐसी ही चुप्पी भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने भी साध रखी है. हालांकि पिछले दिनों दिए सतीश पूनिया ने अपने बयानों के जरिए पहले भी इस बात के संकेत दे दिए थे, कि पार्टी मेघवाल के खिलाफ कोई कार्रवाई करने के मूड में नहीं है.
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यही कारण है, कि जो भी घटनाक्रम उस दिन हुआ, उसके बावजूद सतीश पूनिया मीडिया में यही कहते रहे, कि कैलाश मेघवाल को भाजपा द्वारा सदन के बहिर्गमन का ध्यान नहीं रहा और इस गलतफहमी में वे सदन में ही रुक गए. मतलब साफ है, कि पार्टी की ओर से मेघवाल को इस मामले में बुजुर्ग होने के नाते छूट दे दी गई है.