जयपुर. नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया और भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता व विधायक रामलाल शर्मा के अनुसार केवल दौसा जिले में ही नहीं, बल्कि राजस्थान में ऐसे कई किसान हैं जो कांग्रेस सरकार के किसान कर्जमाफी का वादा पूरा नहीं हो पाने के कारण अपनी जमीन और खेत गंवा चुके हैं. कटारिया ने कहा कि राहुल गांधी ने विधानसभा चुनाव के दौरान प्रदेश की जनता से 10 दिन में किसानों का कर्जा माफ करने का वादा किया था, लेकिन सत्ता में आने के बाद सब हवा-हवाई हो गया.
उन्होंने कहा कि केवल ग्रामीण व सहकारिता विभाग से जुड़े बैंकों के जरिए ही ऋण लेने वाले किसानों की संख्या नहीं है, बल्कि बड़ी आबादी अन्य बैंकों से लोन लेने वाले किसानों की भी है. वहीं, भाजपा प्रवक्ता विधायक रामलाल शर्मा ने कहा कि किसानों के कर्जमाफी का वादा पूरा करने के नाम पर प्रदेश सरकार ने महज कुछ किसानों को ही लाभ दिया है. जबकि अधिकतर किसान अब भी खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं.
शर्मा ने कहा कि दौसा जिले में जो घटना सामने आई वह इस बात का उदाहरण है कि किसानों की कर्जमाफी का वादा केवल छलावा था. कटारिया और शर्मा के अनुसार इस मुद्दे पर गहलोत सरकार को पंचायत राज चुनाव में भी घेरा जाएगा और विधानसभा के भीतर भी इस मामले को उठाकर सरकार से जवाब मांगा जाएगा.
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गहलोत सरकार का दावा- किसानों का करीब 14 हजार करोड़ का ऋण किया माफ...
विपक्षी भाजपा नेता किसान कर्जमाफी के मुद्दे पर प्रदेश सरकार को हर मोर्चे पर घेरने की तैयारी कर ली है. सरकार का तर्क है, जो वादा किया था उसे पूरा किया गया है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विधानसभा के भीतर और बाहर मीडिया में दिए अपने बयानों में यह बात कही है कि मौजूदा प्रदेश सरकार ने 20 लाख 89 हजार किसानों के 8 हजार करोड़ से अधिक का ऋण माफ किया है. वहीं, पिछली वसुंधरा सरकार के कार्यकाल का 6 हजार करोड़ रुपये का ऋण भी मौजूदा सरकार ने नहीं माफ किया है. इस तरह करीब 14 हजार करोड़ से ज्यादा किसानों का ऋण माफी करने का दावा प्रदेश सरकार भी करती है.